Laser Ka Upyog लेजर का उपयोग

लेजर का उपयोग



Pradeep Chawla on 30-10-2018


लेजर का आविष्कार होते ही उद्योगपतियों, सैन्य संगठनों और अन्य लोगों ने इस क्षेत्र में उत्साह लेना आरंभ कर दिया। बच्चों के लिये चित्रकथाओं और कहानियों, उपन्यासों में भी खलनायक लेजर बंदूकों का प्रयोग करते दिखाई देने लगे थे। वैज्ञानिकों और अभियांत्रिकों की मदद से इस नयी तकनीक का प्रयोग नये नये प्रयोगों और उपकरणों में करने की धूम मच गयी थी। 1969 में एमेट लीथ और ज्यूरीस उपानिक्स ने लेजर तकनीक से पहली बार त्रिआयामी होलोग्राफिक चित्र बनाया। इसके लिए दो अलग-अलग शक्ति की लेजर किरणों का प्रयोग किया गया था। ये नया तैयार हुआ चित्र पिछले होलोग्रामों से बेहतर, सटीक तो था ही और उसकी नकली प्रतिकृति बनाना लगभग असंभव था। इसके अलावा अन्य कई यंत्रों, मशीनों, उपकरणों के निर्माण में लेजर तकनीक का प्रयोग चालू हो गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनेक क्षेत्रों में लेज़र का अत्यधिक प्रयोग होने लगा है। इसका प्रयोग आज कारों, हवाई जहाज, टेलीफोन कॉल और ई-मेल में भी होता है। जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में डीएनए सिक्वेसिंग तक में लेज़र प्रयोग होती है। लेजर किरणों द्वारा छोटी-छोटी मशीनों को सटीक आकार दिया जाना संभव हो पाया है। इससे अतिसूक्ष्म ऑप्टिकल फाइबर केबल निर्माण भी संभव हो पाये हैं। सीएमसी मशीनें भी लेज़र पर ही काम करती हैं। अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में लेज़र विशेष कारगर रही है। बड़े बड़े आयोजनों के उद्घाटन समारोहों में लेजर शो का चमकदार और भव्य आयोजन होता रहता है।


सैन्य गतिविधियों में लेजर किरणों का प्रयोग अब आम बात हो चुकी है, चाहे वह लेजर गाइडेड बम हो या बारूदी सुरंगों को ढूंढने वाले उपकरण। लेज़र के रचनात्मक कार्यों के संग ही विध्वंसात्मक प्रयोग भी समानांतर चलते रहे। अमेरिकी हथियार कंपनियां लेसर प्रणाली पर लंबे काल से कार्यरत हैं और इसी तकनीक पर स्टार वार्स का कार्यक्रम आधारित रहा है। हालांकि अभी तक किसी अमेरिकी कंपनी ने ऐसी किसी प्रक्रिया या उपकरण प्रणाली का प्रायोगिक रूप में खुलासा नहीं किया है। अभी तक ये परीक्षण के दौर में ही हैं। अमेरिका और इजराइल की कंपनियों ने टैक्टिकल हाई एनर्जी लेसर (टीएचईएल) का विकास किया है, जिसे ड्यूटेरियम फ्लोराइड लेसर कहते हैं। इसके प्रयोग से आकाश में ही विमान और प्रक्षेपास्त्रों को गिराया जा सकता है। अमेरिका की नेशनल मिसाइल डिफेंस योजना के तहत इस लेजर हथियार को विकसित किया जा रहा है। कुछ वर्ष पहले नॉर्थरॉप ने ग्रूमान में हाई-पावर लेजर का प्रदर्शन किया जो इतना शक्तिशाली था कि वो युद्ध में भी प्रयोग किया जा सकता था। इसको बनाने में लेजर पदार्थ नियोडाइमियम को याट्रियम एल्यूमिनियम गारनेट में डोप किया गया था।



Comments Kundan kumar on 02-04-2023

Laser ka do upon

Ravi Ranjan Kumar on 18-03-2023

भारत में टेस्ला सक्सेज क्यो नही हो सकता हैं ।

Mahesh Chaturvedi on 30-01-2023

Kya laser technic dwara udyogon me ya anya sthano par surakchha upkaran lagaye jate hain ? Mere ek mitra dwara laser technic se surakchha upkaran taiyar kiya gaya hai, jo laser kirno ke dwara audyogik sansthan,Bank , ATM, adi vibinna sthano ko surakchha pradan kar sakta hai, esliye me khoj raha hun kya ense upkaran bazar me pahle se uplabdh hain ya nahi. ?


Leasr ke use point me on 11-01-2021

Lesar ke upyog point me

Prakash on 25-03-2020

Kya kabhi kuch sahi milega





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