Shudra Vanshavali शूद्र वंशावली

शूद्र वंशावली



GkExams on 20-02-2023


भारत में जाति व्यवस्था (caste system in india) : हमारे देश में जाति व्यवस्था लोगों को चार अलग-अलग श्रेणियों - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र में बांटती है। वैसे ये बात भी एकदम सच है की जाति-प्रथा हिन्दू समाज की एक प्रमुख विशेषता है। क्योंकि प्राचीन समय पर दृष्टि डालने से ज्ञात होता है कि इस प्रथा का लोगों के सामाजिक, आर्थिक जीवन पर विशेष प्रभाव रहा है।

Shudra-Vanshavali


ब्राह्मण :


पुजारी, बुद्धिजीवी एवं शिक्षक ब्राह्मणों की श्रेणी में आते हैं और वे इस व्यवस्था में शीर्ष पर हैं और यह माना जाता है कि वे ब्रह्मा के मस्तक से आए है।


क्षत्रिय :


जो शासक एवं योद्धा रहे हैं और यह माना जाता है कि ये ब्रहमा की भुजाओं से आए।


वैश्य :


व्यापारी एवं किसान वैश्य वर्ग में आते हैं और यह कहा जाता है कि ये उनके जांघों से आए।


शुद्र :


श्रमिक वर्ग जिन्हें शूद्र कहा जाता है वे चौथी श्रेणी में हैं और ये ब्रह्मा के पैरों से आये हैं ऐसा वर्ण व्यवस्था के अनुसार माना जाता है।


वास्तव में समाज में आर्थिक मजबूती और क्षमता बढ़ाने के लिए श्रम विभाजन (caste system sociology) के आधार पर इस प्रथा की उत्पत्ति हुई थी। आरंभ में इस विभाजन में सरलता थी और एक जाति का व्यक्ति दूसरी जाति को अपना सकता था। परन्तु समय के साथ-साथ इस क्षेत्र में संकीर्णता आ गई।


क्योंकि जातिवाद (effects of caste system in india) की भावना व्यक्ति-व्यक्ति के बीच घृणा, द्वेष एवं प्रतिस्पर्द्धा को जन्म देती है। और जातिवाद की भावना के विकसित होने से व्यक्ति अपनी ही जाति के सदस्यों के हितों को सर्वोपरि समझता है। देश या समाज का हित उसके लिए नगण्य हो जाता है।


आज के समय की बात करें तो शहरी भारत में जाति व्यवस्था (origin of caste system in india) से संबंधित सोच में आज बेहद कमी आई है। हालांकि, निम्न वर्ग के लोगों को आज भी समाज में सम्मान न के बराबर ही मिल पा रहा है जबकि सरकार द्वारा उन्हें कई लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।


निष्कर्ष :


आज की पीढी का प्रमुख कर्तव्य जाति-व्यवस्था को समाप्त करना है क्योंकि इसके कारण समाज में असमानता, एकाधिकार, विद्वेष आदि दोष उत्पन्न हो जाते हैं। वर्गहीन एवं गतिहीन समाज की रचना के लिए अंतर्जातीय भोज और विवाह होने चाहिए। इससे भारत की उन्नति होगी और भारत शीघ्र ही समतावादी राष्ट्र के रूप में उभर सकेगा।



Comments Uday on 14-02-2022

Jatav

Vinod Kumar on 09-07-2020

Khatik kya hai khsatriy ya Shudra

अमरीश on 20-03-2020

शुद्रों कोन और कब से


Kathairia on 06-03-2020

Kathairiya kaun the



Kathairia on 06-03-2020

Kathairiya kaun the



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