कैरम सबसे सरल खेल है| इतना सरल कि इसे बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं आदि सभी खेल सकते है| शारीरिक स्वास्थ्य कि द्रष्टि से यधपि इसका कोई महत्व नहीं है, फिर भी मनोरंजन के लिए यह अत्यंत लोकप्रिय है| इसका यह भी एक सकारात्मक पक्ष है कि इसके लिए किसी लंबे-चौड़े मैदान कि जरूरत नहीं है| कैरम घर के एक कोने में रखकर खेला जा सकता है| इस पर मौसम का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता| गर्मी हो या सर्दी या फिर तेज बरसात, यह बिना रुकावट के खेला जा सकता है|
सन् 1929 विश्व में कैरम का प्रदर्शन बंबई में किया गया| तभी से इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई| इसके लिए किसी कीमती उपकरण या पोशाक आदि की कोई जरूरत नहीं है|
इस खेल के लिए प्लाइवुड या हार्डबोर्ड का बना बोर्ड प्रयोग में लाया जाता है| इसका आकार वर्गाकार होता है, जो 76 से.मी. निश्चित किया गया है| इसका धरातल चिकना होता है| इसके चारों कोनों पर छिद्र होते है, जिनका व्यास 4.5 से.मी. होता है| बोर्ड के चारों ओर आधा इंच ऊंचा लकड़ी का बोर्डर होता है, जो गोटियों व स्ट्राइकर कों बाहर जाने से रोकता है| बोर्ड के बींचोबीच एक बड़ा वृत्त बना होता है, जिस पर गोटें रखी जाती है| इस वृत्त का व्यास 15 से.मी. होता है|
बोर्ड के प्रत्येक दो-दो छिद्रो के मध्य एक लंबी पट्टी खींची जाती है| इस प्रकार से ये चार पट्टियां होती है| प्रत्येक की लंबाई 47 से.मी. व चौड़ाई 3 से.मी. होती है| स्ट्राइकर इन पट्टियों की दोनों रेखाओ कों छूकर रखा जाता है| इन पट्टियों के दोनों सिरों पर 3.3 से.मी. व्यास के वृत्त होते है| किसी भी खिलाड़ी कों अपना स्ट्राइकर इन वृत्तो से बाहर रखने की अनुमति नहीं होती|
[जाने – ]
कैरम बोर्ड के प्रत्येक छिद्र के सामने एक-एक लंबे तीर का निशान होता है| ये तीर इस बात के लिए सचेत करते है कि खेलने वाले का हाथ या उंगलिया इन तीरो से परे नहीं निकलनी चाहिए|
कैरम खेलने के लिए दो रंग की गोंटे प्रयोग की जाती है- एक काली व दूसरी पीली| गोंटे वृत्ताकार होती है जिनका व्यास 3 से.मी. न्यूनतम व 4.5 से.मी. अधिकतम होना चाहिए| गोंटों की कुल संख्या 19 होती है, जिनमे से 9 गोंटे काली व 9 गोंटे पीले (क्वीन) रंग की होती है| इनके अतिरिक्त एक गोट लाल रंग की होती है, जिसे रानी कहा जाता है, खेल में प्रत्येक गोटी प्रपट करने पर एक अंक मिलता है, किन्तु रानी गोटी प्राप्त करने पर खिलाड़ी कों पांच अंक मिलते है| इसीलिए प्रत्येक खिलाड़ी की यही इच्छा होती है कि रानी गोटी कों प्राप्त किया जाए|
गोंटों कों हिट करने के लिए स्ट्राइकर का प्रयोग किया जाता है| स्ट्राइकर से गोट का निशाना लेकर ही गोट कों छिद्र में डाला जाता है| स्ट्राइकर का निशाना इस तरह से लगना चाहिए कि गोट छिद्र में चली जाए|
स्ट्राइकर प्लास्टिक का बना होता है, जिसकी दोनों ओर की सतह समतल होती है| इसका व्यास 4 से.मी. से 6 से.मी. तक होता है| इसका भार लगभग 100 ग्राम होना चाहिए|
यह खेल सिंगल व डबल्स दोनों प्रकार से खेला जाता है| दोनों नियम समान है| डबल्स में चार खिलाड़ियो की आवश्यकता पड़ती है| दो-दो खिलाड़ियो की दो टीमे बनाई जाती है| टीम के सदस्य एक-दूसरे के सामने बैठते है| प्रत्येक टीम के अलग-अलग अंक जोंडे जाते है| जिस टीम के दोनों खिलाड़ियो के अंको का योग दूसरी टीम के खिलाड़ियो के अंको के योग से अधिक होता है, वह टीम विजेता होती है| पहले शॉट लगाने वाले खिलाड़ी व उसका साथी पीली गोंटों से खेलता है, बाकी दूसरे खिलाड़ी काली गोंटों से| प्रत्येक खिलाड़ी अपने क्रम के अनुसार खेलता है |
[इसे भी जाने – ]
खेल शुरू होने से पहले कैरम की सतह पर पाउडर डाला जाता है, ताकि उसे चिकना बनाया जा सके| दोनों टीमों के खिलाड़ी बारी-बारी अपने शॉट लगाते है तथा गोंटे प्राप्त करते है| यह खेल 29 अंको का होता है| एक मैच में 29-29 अंको की तीन पारियां खेली जाती है| तीन में से दो पारियाँ जीतने वाली टीम या खिलाड़ी विजयी होता है|
1. | स्ट्राइकर को दोनों रेखाओ से स्पर्श करता हुआ रखा जाता है| यदि वह केवल एक रेखा को स्पर्श करता है, तो फाउल माना जाता है तथा उसे दंड स्वरूप अपनी बारी खोनी पड़ती है| |
2. | स्ट्राइकर हिट करते समय हाथ या उंगली का कोई हिस्सा बोर्ड को स्पर्श नहीं करना चाहिए| ऐसा होने की दशा में यह एक फाउल माना जाता है और एक बारी गंवानी पड़ती है| |
3. | स्ट्राइकर हिट करते समय उंगली अथवा हाथ का कोई हिस्सा तीर के निशान से बाहर नहीं जाना चाहिए अन्यथा एक बारी गंवानी पड़ती है| |
4. | स्ट्राइकर हिट करते समय यदि स्ट्राइकर गोंटों वाले छिद्र में चला जाता है, तो इसके दंड स्वरूप जीती हुई गोंटों में से दो गोंटे वापस खेल में रखनी पड़ती है| यदि दंड स्वरूप देने के लिए उसके पास गोंटे उपलब्ध नहीं है, तो उस समय ये गोंटे खेल में रखनी पड़ती है, जब उसके पास उपलब्ध हो जाती है| |
5. | यदि खेल के अंत में बोर्ड पर तीन गोंटे रह जाती है- एक काली, एक पीली व लाल तो इस दशा में प्रत्येक खिलाड़ी को पहले लाल गोटी प्राप्त करना जरूरी होता है| यदि वह काली या पीली गोटी प्राप्त कर लेता है या फिर लाल, गोटी प्राप्त करने के बाद काली या पीली गोटी प्राप्त नहीं कर सकता, तो दोनों स्थितियो में प्राप्त की गई गोंटे वापस खेल में रखनी होती है | |
6. | यदि खेलते समय उंगलियों का स्पर्श किसी गोट से हो जाता है, तो दंड स्वरूप उस खिलाड़ी को अपनी एक गोट खेल में रखनी होती है| |
7. | यदि दोनों खिलाड़ी के या टीमों के 27-27 अंक हो जाते है, तो गेम को 31 अंको तक बढ़ा दिया जाता है| |
8. | किसी खिलाड़ी अथवा टीम के 24 अंक होने पर वह रानी से 5 अंक प्राप्त नहीं कर सकता| यदि वह रानी लेकर जीतता है, तो भी उसे विरोधी की बोर्ड पर बची गोंटों के अंक मिलते है| |
Open shot marne per 2 pili goti aoe lal aor staiker jane par niyam kya hoga
Keram ,........ Khel hai
Hh
Carrom k game sabse pahle kise ne banaya or kab banaya name kya. Game bana ne wale k
Mujhe khelna nahin aata kripya jankari pradan Karen
2 team khel rahi hai aur dono ka score 24 hua hai aur end me black and white and red bachi hai maine galti se opposite side ki goti le li to kitne point milenge samne wale ko 1 ya 6 koi bataye plz
Ager last me lal goti le k baad cover goti lete time saat me sticker me chala jaaye to kya mana kayega
Agar player apni colour ki sari coin le jata h sabse pahle or opposit player ki ek coin carrom per rah jati h to winner kon hoga
Cotton kya hai
केरम मै लाल कलर के गोले जो का क्या नियम है
कैरम का आविष्कार किसने किया था और कब किया था? और लोकप्रिय खिलाड़ी का नाम क्या है?
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