लोक प्रशासन की परिभाषा (Public Administration In Hindi) : लोक प्रशासन का मतलब सरकार का काम करना चाहे वह कार्य स्वास्थ्य प्रयोगशाला में एक्सरे मशीन का संचालन हो अथवा टकसाल में सिक्के बनाना हो। इस प्रकार हम समझ सकते है की यह लोगों के प्रयासों में समन्वय स्थापित करके कार्य को सम्पन्न करना है ताकि वे मिलकर कार्य कर सकें अथवा अपने निश्चित कार्यों को पूरा कर सके।
लोक प्रशासन की प्रयोगशाला :
विज्ञान की तरह लोक प्रशासन की कोई प्रयोगशाला नहीं होती, जो किसी चारदीवारी में बन्द हो तथा जहाँ पूर्व में एकत्रित किए गए तथ्यों की सत्यता की जाँच की जा सके। विज्ञान की भाँति लोक प्रशासन में स्थिरता नहीं होती, क्योंकि भौतिक विज्ञानों के अध्ययन पदार्थ जड़ पदार्थ होते हैं, जबकि लोक प्रशासन का अध्ययन पदार्थ मानव होता है।
लोक प्रशासन के जनक :
पॉल एच. एपलबी भारतीय लोक प्रशासन के जनक हैं। यह एक बेहद सम्मानित भारतीय प्रशासक और विचारक थे, जिनके काम को आज भी नियमित रूप से उद्धृत किया जाता है। इनका मौलिक 1948 का पाठ, "लोक प्रशासन के सिद्धांत", क्षेत्र में एक उत्कृष्ट माना जाता है और इसका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इसमें, उन्होंने लोक प्रशासन के लिए एक स्थायी मॉडल का प्रस्ताव रखा जो पश्चिमी और भारतीय सोच दोनों पर आधारित था। दुनिया भर में आधुनिक सरकारी प्रथाओं को आकार देने में Appleby के विचार अत्यधिक प्रभावशाली रहे हैं।
इसके अलावा दुनियाभर में लोक प्रशासन का जनक "वुडरो विल्सन" को माना जाता है। जानकारी रहे की एक विषय के रूप में लोकप्रशासन का जन्म 1887 में हुआ। अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीतिशास्त्र के तत्कालीन प्राध्यापक वुडरो विल्सन को इस शास्त्र का जनक कहा जाता है। उन्होंने 1887 में प्रकाशित अपने लेख
'The Study of Administration' में राजनीति और प्रशासन को अलग-अलग बताते हुए कहा 'एक संविधान का निर्माण सरल है पर इसे चलाना बड़ा कठिन है।'
लोक प्रशासन के नए आयाम :
लोक प्रशासन में नवीनता से तात्पर्य है ‘किसी भी प्रचलित प्रशासनिक व्यवस्था में नवीन तथ्यों व नवीन विधियों को प्रभावी करना।’ तकनीकी दृष्टि से इसका आशय ‘प्रशासनिक संगठन व्यवहार विधियों एवं प्रक्रियाओं में संगठित एवं व्यवस्थित सुधार करना है।’
नवीन लोक प्रशासन
(public administration subject) में आधुनिक विकास का अर्थ एक ऐसी प्रवृत्ति को जन्म देना है जो परम्परा से चली आ रही प्रशासनिक व्यवस्था को आदर्श मानने के लिये तैयार नहीं है और उसमें संशोधन व परिवर्तन करने के उपायों की खोज करती रहती है।
इसके अलावा नवीन लोक प्रशासन
(public administration notes) की यह मान्यता है कि प्रशासन में नीति निर्माण, नीति क्रियान्वयन और नीति मूल्यांकन सदैव नैतिकता के आधार पर होता है। अर्थात् यह नैतिकता पर बल देता है। नवीन लोक प्रशासन परिवर्तन में विश्वास रखता है और यह सामाजिक समस्याओं के प्रति संवेदनशील होता है। नवीन लोक प्रशासन में विकेंद्रीकरण को बढ़ावा दिया जाता है।
प्रशासन का विकास अनिवार्य रूप से बेहतर और कुशल प्रदर्शन के लिए सकारात्मक सुधार ला रहा है। इस प्रकार इसका तात्पर्य है, निम्नलिखित चीजों में सुधार...
1. लोक प्रशासन के मौजूदा संगठनात्मक ढांचे में सुधार करना।
2. शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से लोक प्रशासकों की क्षमताओं और कौशल में सुधार करना।
3. प्रशासन के तरीकों और तकनीकों में सुधार करना।
4. लोक प्रशासकों के सांस्कृतिक और व्यवहारिक घटकों में सुधार करना।
Janta