SaVinay Avagya Andolan Kab Shuru Hua सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ

सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ



GkExams on 15-10-2022


सही उत्तर : 12 मार्च 1930 को


सविनय अवज्ञा आंदोलन :




सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना। इसे सरल भाषा में ऐसे समझे जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो।



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यह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ था, जिसकी शुरुआत गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी। 12 मार्च 1930 को गांधीजी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने अहमदाबाद से 241 मील दूर भारत के पश्चिमी तट के एक गाँव दांडी तक पैदल ही साबरमती आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की थी।


और इसके बाद वह 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे, जहां उन्होंने नमक कानून तोड़ा। उस समय किसी के द्वारा भी नमक बनाना गैरकानूनी था क्योंकि उस पर सरकार का एकाधिकार था। गांधीजी ने समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से बने नमक को मुट्ठी में उठाकर सरकार की अवज्ञा की। नमक कानून की अवज्ञा के साथ, सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil disobedience movement in India) पूरे देश में फैल गया।


सविनय अवज्ञा आन्दोलन क्यों शुरू हुआ?




कारण निम्नलिखित है....


  • सरकार ने सन् 1928 की नेहरू समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था।
  • भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करने से मना कर दिया था।
  • विश्व मन्दी के कारण किसानों व मजदूरों की दशा बिगड़ चुकी थी और उनमें साम्यवादी विचारों का उदय हो रहा था, जिसे रोकने के लिए कांग्रेस को कदम उठाना आवश्यक था।
  • सन् 1928 में बारदोली (सूरत जिला) में सरदार पटेल ने भूमि कर न देने से सम्बन्धित आन्दोलन का सफल प्रयोग कर लिया था।
  • इन सब कारणों के अलावा गांधीजी ने यह अनुभव किया कि यदि देश में स्वाधीनता के लिए शीघ्र ही शान्तिपूर्ण व अहिंसक आन्दोलन न चलाया गया, तो देश में हिंसात्मक क्रान्ति की सम्भावना है।



  • सविनय अवज्ञा आंदोलन के परिणाम (Civil Disobedience Movement Result) :




    यह पहला आन्दोलन (civil disobedience movement pdf) था जिसके कारण ब्रिटिश सरकार गांधीजी से बराबरी के स्तर पर वार्ता करने को सहमत हुई। निःसन्देह गांधी-इरविन समझौता इसी आन्दोलन का परिणाम था। माइकल ब्रेचर के शब्दों में "वायसराय का वार्ता के लिए राजी होना इस बात का प्रतीक था कि सरकार कांग्रेस को भारतीय जनता की प्रतिनिधि संस्था मानती थी। यह गांधीजी की महान् सफलता थी।"


    और इस आन्दोलन के माध्यम से गांधीजी ने जनता को अपने अधिकारों के प्रति संघर्ष करने का नया मार्ग दिखाया। करबन्दी, नशाबन्दी, सविनय अवज्ञा आदि ऐसी महत्त्वपूर्ण बातें थीं जिनके प्रभाव से सरकार परेशान हो गई।




    सम्बन्धित प्रश्न



    Comments Prachi on 07-04-2023

    Sabinay aabgya aandolan fir se kab suru huaa

    Ankit kohli on 01-02-2023

    Savinay avagya andolan

    लवली on 03-08-2021

    सविनय अवगया आंदोलन कब चलाया गया था


    Sandee on 05-01-2020

    All Andolan ko like esabi sahit





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