हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी जिन्हे ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती इस्लाम धर्म के एक ऐसे महान सूफी संत रहे है। जिन्होने इस्लाम के सुखते दरख्त को फिर से हरा भरा किया। जो गरीबो के मसीहा थे। खुद भूखे रहकर दुसरो को खाना खिलाते थे। जो दीन दुखियो के दुखो को दूर करते थे। जो पाप को पुण्य में बदल देते थे। वो अल्लाह के सच्चे बंदे थे। अल्लाह ने उन्हे उन्हे रूहानी व गअबी ताकते बख्शी थी। जिनके मानने वालो की एक विशाल संख्या जिनको इस्लाम धर्म के लोग ही नही हिन्दू सिख आदि अन्य सभी धर्मो के लोग मानते है। जिनके मानने वालो में राजा से लेकर रंक नेता से लेकर अभिनेता तक है जो ख्वाजा गरीब नवाज की जियारत के लिए हमेशा लयलित रहते है। जिनकी दरगाह आज भी हिन्दुस्तान की सरजमी को रोशन कर रही है। आज के अपने इस लेख में हम इसी महान सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की जीवनी के बारे में विस्तार से जानेगें। और उनके जीवन से जुडे हर पहलू की बारीकी के साथ समझने की कोशीश करेंगें।
ख्वाजा गरीब नवाज के माता पिता कौन थे
हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती के माता पिता कौन थे
हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती के वालिद (पिता) का नाम हजरत ख्वाजा ग्यासुद्दीन था। और वालिदा (माता) का नाम बीबी उम्मुल वरअ था। कहा जाता है कि ख्वाजा के माता पिता का खानदानी नसबनामा हजरत अली के से जाकर मिलता है। जिससे यह साबित होता है कि ख्वाजा गरीब नवाज हजरत अली की नस्ल में से थे। हांलाकि कुछ विद्वान लोगो का मत है कि ख्वाजा की माता (वालिदा) का नाम माहनूर खासुल मलिका था। जो दाऊद बिन अब्दुल्लाह अल-हम्बली की बेटी (पुत्री) थी। इस्लामी विद्वानो में ख्वाजा की वालिदा को लेकर अलग अलग मत से यह साफ जाहिर होता है। कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की वालिदा असल में कौन थी? यह स्पष्ट नही है।