Maru Mahotsav Jaisalmer 2018 मरू महोत्सव जैसलमेर 2018

मरू महोत्सव जैसलमेर 2018



GkExams on 21-11-2018

जैसलमेर में तीन दिवसीय जग विख्यात मरु महोत्सव 2018 की धूम सोमवार से प्रारंभ हो रही है। यह मरु महोत्सव 29 से 31 जनवरी तक चलेगा। इसमें सांस्कृतिक समागम की शानदार प्रस्तुतियां आयोजित होगी। मरु महोत्सव को लेकर सभी प्रशासनिक तैयारिया पूर्ण कर ली गई है। मरु महोत्सव के दौरान तीनो दिवस विभिन्न अंचलों के ख्यातनाम कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये जाएंगे।


स्वर्ण नगरी जैसलमेर को साफ - सुथरा कर संवारा गया है तथा पर्यटन स्थलों पर विशेष प्रबंध किये गये है। दुनियाभर से मसहूर महोत्सव के आयोजन को देखने हजारों विदेशी देशी सैलानी शरीक होते है। कलक्टर ने बताया कि मरु महोत्सव आयोजन को अन्तिम रूप दे दिया गया है एवं सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहे।



दूसरे दिन डेडानसर मैदान में होंगेऊंटों के करतब
मरु महोत्सव के दूसरे दिवस मंगलवार 30 जनवरी को डेडानसर मैदान में उंटों के करतब कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें प्रात: 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक विविध कार्यक्रम आयोजित होंगें जिसमें उंट श्रृंगार प्रतियोगिता, शान-ए-मरुधरा, रस्साकसी प्रतियोगिता भारतीय एवं विदेषी पुरुष एवं महिलाओं के मध्य आयोजित होगी।



वहीं महिला व पुरुष दंगल, कब्बड्डी मैंच, महिलाओं की पणिहारी मटका रेस विदेशी एवं देशी, कमल पोलो मैच, भारतीय वायु सेना द्वारा रोमांचक एयर वॉरियर ड्रील एवं अन्य साहसिक करतब प्रस्तुत किये जाएंगे। मरु महोत्सव के दूसरे दिवस के कार्यक्रम कें अंतर्गत सबसे आकर्षक का कार्यक्रम सीमा सुरक्षा बल द्वारा केमल टेटू शो एवं विष्व का आठवा अजूबा मांउटेन बैंड की प्रस्तुति होगी। इसमें रेगीस्तान के जहाज पर विभिन्न साहसिक करतब दिखाएंगे।



दूसरे दिन भी सजेगी सांस्कृतिक सांझ
दूसरे दिवस भी शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में सांय 7 बजे सांस्कृतिक सांझ होगी जिसमे लोक संस्कृति की प्रस्तुतियां पेश की जाएगी। सांस्कृतिक सांझ में अहमदाबाद के ख्यातनाम कलाकार मौलिकशाह द्वारा कोस्मिक नृत्य पेश किया जाएगा। वहीं हरीष कुमार व उम्मेदाराम बालोतरा द्वारा लाल एवं सफेद आंगी गेर नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके साथ ही उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के ख्यातनाम लोक कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के ख्यातनाम लोक कलाकारों द्वारा माता की झांकी नृत्य एवं सिद्धी धमाल पेश किया जाएगा।



तीसरे दिन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
तीसरे दिवस भी भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। इस सांस्कृतिक सांझ में जैसलमेर के अर्न्तराष्ट्रीय लोक कलाकार गाजीखां वरणा द्वारा डेजर्ट सिम्फनी की प्रस्तुती पेष की जायेगी। वहीं कालूनाथ काबेलिया जोधपुर द्वारा कालबेलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुती की जाएगी। इसके साथ ही कतरियासर के ख्यातनाम लोक कलाकार महन्त रुगनाथ द्वारा अग्नि नृत्य, रामगढ के उदाराम द्वारा अग्नि तराजू नृत्य, पादरला-पाली के गणेषदास द्वारा तेरहताली नृत्य, जैसलमेर के सावणखां दबड़ी द्वारा सूफी गायन तथा जानरा के थानेखां द्वारा राजस्थानी लोक संगीत पेश किये जाएंगे।



पहले दिन ये रहेंगे कार्यक्रम
उप निदेषक भानुप्रताप ने बताया कि मरु महोत्सव के पहले दिवस 29 जनवरी को प्रात: 7:15 से 8:00 बजे: तक योग एवं प्राणायाम से शुरुआत होगी। इसके बाद गड़सीसर लेक से प्रात: 9 बजे: शोभा यात्रा से कार्यक्रम प्रारंभ होगा। बहुरंगी एवं सांस्कृतिक समागम की यह शोभा यात्रा गडीसर से होती हुई आसनी रोड, सालमसिंह हवेली, गोपा चौक, सोनार दुर्ग, मुख्य बाजार से होती हुई प्रात 10:30 बजे शहीद पूनम सिंह स्टेडियम पहुंचेगी। शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में मुख्य अतिथि द्वारा मरु महोत्सव का विधिवत रुप से आगाज किया जाएगा।



इस अवसर पर किषनीदेवी मगनीराम मोहता बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की बालिकाआें द्वारा घूमर नृत्य पेश किया जाएगा। इसके बाद साफा बांध प्रतियोगिता भारतीय एवं विदेशी, मूमल-महेन्द्रा प्रतियोगिता, मूंछ प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसके बाद मरू महोत्सव की रोचक एवं आकर्षक मिस मूमल प्रतियोगिता एवं सबसे अन्त में महोत्सव की सर्वाधिक प्रतिष्ठा वाली मरु श्री प्रतियोगिता आयोजित होगी।






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Comments Shamsher ali on 21-04-2021

Jaisalmer me aayojit maru mahotsav konsa tha

हरिओम सिंह on 19-12-2020

Maru Mahotsav Jaisalmer ka aayojan kis tithi Ko Kiya jata hai





निम्नलिखित में कौन एक गर्म जलधारा है - ब्लैक हिल , ब्लू हिल तथा ग्रीन हिल नामक पहाडि़याँ किस देश में स्थित है - भारत में मलिन बस्ती पूजा करने की उचित दिशा लखनी देवी रतनपुर नेत्रदान में आँख का कौन - सा भाग प्रयुक्त किया जाता है ? जब लाल गुलाब को नीली प्रकाश में रखा जाता है , तो वह दिखता है ? इतिहास विषय का महत्व मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के उद्देश्य एशिया की सबसे बड़ी ऊन मण्डी स्थापित है - कपिल मुनि का मंदिर कहां स्थित है राजस्व बोर्ड का मुख्यालय राजस्थान में कहां पर स्थित है ? भारत में प्रथम जल - विद्युत केन्द्र की स्थापना 1897 ई. में की गई थी - राजस्थान की पहली चीनी मिल वनस्पति विज्ञान की वह शाखा जो शैवालों के अध्ययन से सम्बन्धित है , कहलाती है ? अम्बाला छावनी भारत नाथद्वारा शैली के चित्रकार बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश नाई जाति की उत्पत्ति कैसे हुई बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना 2016

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