लघु उद्योग विकास संगठन संबंधित मंत्रालयों के माध्यम से लघु और मध्यम उद्योगों के विकास के लिए लाभकारी सरकारों के साथ सहयोग कर सकता है। उनके देशों में लघु और मध्यम उद्योगों के विकास से जुड़े लाभकारी सरकारों के संबंधित प्रतिरूपों को निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान की जा सकती है:
दो एजेंसियों के मध्य सहयोग।
स्थानीय संसाधनों और बाज़ारों पर आधारित लघु उद्योगों के विकास को गति देने के लिए औद्योगिक विकास नीतियां बनाना।
उनकी वाणिज्यिक व्यवहार्यता के निर्धारण सहित स्थानीय उपभोग अथवा निर्यातों पर आधारित औद्योगिक अवसरों को पहचानना।
ऐसे उद्योगों के संवर्धन के अवसरों को पहचानने के लिए परियोजना प्रोफाइल तैयार करने सहित परियोजना विकास।
परिमाण, गुणवत्ता आदि की स्थानीय/निर्यात बाज़ार आवश्यकताओं पर आधारित चिह्नित उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरणों का चिह्नांकन।
प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण सहित कौशल विकास, प्रबंध उन्नयन, प्रौद्योगिकीय उन्नयन और उद्यमिता विकास को कवर करते हुए प्रौद्योगिकी स्तरों के लिए प्रशिक्षण।
विशेषकर लघु उद्यमों के वैज्ञानिक और आर्थिक विकास के लिए औद्योगिक सहायता के रूप में आधारभूत संरचना विकास।
औद्योगिक विकास के सभी आयामों को शामिल करते हुए सामान्य परामर्श।
अन्य देशों में लघु और मध्यम उद्यम कार्यक्रमों में सहायता करने के लिए लघु उद्योग विकास संगठन की विगत विशेषज्ञता।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग गतिविधियां
लघु उद्योग विकास संगठन ने औद्योगिकरण प्रक्रिया में तीव्रता लाने के लिए बहुत से देशों को विशेषज्ञ परामर्श प्रदान किए हैं। सेनेगल, कैमरून और बेनिन, तथा वानुआतू आदि कुछ देशों के नाम हैं जिन्होंने पहले ही ये सेवाएं प्राप्त कर ली हैं। ज़िम्बाब्वे, त्रिनिडाड और टोबैगो आदि कुछ देश विशेषज्ञ परामर्श के लिए बातचीत की प्रक्रिया में हैं। दो देशों के मध्य लघु और मध्यम उद्यम विकास के लिए संभावित सहयोग के संबंध में अनेक देश जैसे दक्षिण अफ्रीका, वेनजुएला, मलावी, मॉरीशस, ज़ाम्बिया, ब्रुनेई दारूस्सलाम और कज़ाकिस्तान आदि पत्राचार के माध्यम से भारत के संपर्क में हैं।
उपरोक्त परामर्श और सहयोग द्विपक्षीय सहायता कार्यक्रम के साथ-साथ सीएफटीसी, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन आदि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की सहायता के अंतर्गत जारी रखे गए हैं। एपीओ-जापान, यूएनसीटीएडी-जिनीवा और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ लगातार विचारों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
एमएसएमई लघु उद्योगों के लिए अपने नेटवर्क के माध्यम से कई सेवाएं प्रदान करता है। विपणन, निर्यात को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की विशेष सेवाओं योजनाओं और प्रोत्साहन की एक श्रृंखला के माध्यम से भी उपलब्ध हैं।.
परीक्षण और अंशांकन
एमएसएमई-परीक्षण केन्द्रों
एमएसएमई परीक्षण केन्द्र कच्चे माल, अर्द्ध तैयार और तैयार उत्पादों, उनके द्वारा निर्मित करने के लिए एक विशेष रूप से सामान्य और लघु उद्योगों में उद्योगों के लिए परीक्षण और अंशांकन सुविधा प्रदान करते हैं। वर्तमान में चार एमएसएमई-परीक्षण केंद्रों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित हैं। इन केन्द्रों ले प्रदर्शन परीक्षण, परीक्षण और प्रकार अर्द्ध तैयार, तैयार उत्पादों की स्वीकृति परीक्षण के तहत करने के लिए रासायनिक, यांत्रिक, धातुकर्म और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विषयों में कला स्वदेशी और महत्वपूर्ण उपकरणों से लैस कर रहे हैं आदि केन्द्रों भी अंशांकन कार्य शुरू मापने के लिए उपकरणों और उपकरणों के अंतरराष्ट्रीय मानकों की पुष्टि। इन केन्द्रों परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) प्रति आईएसओ (17025) के रूप में प्रमाणीकरण द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
एमएसएमई परीक्षण स्टेशनों (FTS)
इसके अलावा सात एमएसएमई परीक्षण जयपुर, भोपाल, कोल्हापुर, बेंगलुरु, हैदराबाद और Chenganacherry पर स्थित स्टेशन हैं। ये एमएसएमई टेस्टिंग स्टेशनों उद्योगों और कुछ रणनीतिक औद्योगिक स्थानों के क्लस्टर के क्षेत्र में परीक्षण की सुविधा प्रदान करते हैं। इन स्टेशनों को भी ले प्रदर्शन परीक्षण, परीक्षण और प्रकार अर्द्ध तैयार, तैयार उत्पादों की स्वीकृति परीक्षण आदि के तहत करने के लिए स्थानीय जरूरतों के आधार पर रासायनिक, यांत्रिक, धातुकर्म और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विषयों में कला स्वदेशी के राज्य और आयातित उपकरणों से लैस कर रहे हैं.
टेलीफोन नंबर और फैक्स नंबर के साथ आर टी सी और FTSs के पतों की सूची यहाँ से खोजा जा सकता है।.
उद्योग संघों द्वारा परीक्षण केन्द्र
सम्बंधित लिंक्स:
विकास आयुक्तड (एमएसएमई) कार्यालय द्वारा निर्धारित उद्देश्यों , लक्ष्यों और दिशा-निर्देशों के अनुसार देशभर में फील्ड संगठन और संस्थावनों का व्यारपक नेटवर्क संचालित होता है। .
प्रयुक्त संक्षिप्तियां- | ||
क्र.सं. | संक्षिप्ति | विवरण |
1 | विकास आयुक्त (एमएसएमई) | विकास आयुक्त (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय). |
2 | एमएसएमई-विकास संस्थान | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-विकास संस्थान. |
3 | शाखा एमएसएमई-विकास संस्थान | शाखा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-विकास संस्थान |
4 | एमएसएमईपीटीआई | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संवर्धनात्मक परीक्षण संस्थान |
5 | एमएसएमई-टीआर | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-टूल रूम. |
6 | सीडीजीआई | कांच उद्योग विकास केंद्र. |
7 | एचटीडीडीटीसी | हस्त टूल डिजाइन विकास और प्रशिक्षण केंद्र |
8 | एमएसएमई (टीसी) | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (परीक्षण केंद्र). |
9 | एमएसएमई (टीसी) | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (परीक्षण स्थल) |
10 | ईएसटीसी | इलेक्ट्रोनिक सेवा और प्रशिक्षण केंद्र. |
11 | आईडीईएमआई | डिजाइन, इलेक्ट्रिकल मापन उपकरण संस्थान. |
12 | एफएफडीसी | सुगंध और सुरस विकास केंद्र |
13 | सीएफटीआई | फुटवियर प्रशिक्षण संस्थान केंद्र |
संगठनात्मनक संरचना
सूक्ष्म्, लघु और मध्यमम उद्यम मंत्रालय(सूलमउ) सूक्ष्मक, लघु और मध्य म उद्यम से संबंधित सभी मामलों के लिए भारत सरकार में प्रशासनिक मंत्रालय है। यह सूलमउ क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए अपने शाखा कार्यालयों और संबद्ध कार्यालयों द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार कर क्रियान्विनत करता है।
विकास आयुक्त/ (एमएसएमई) का कार्यालय, सूलमउ मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है। यह सूलमउ क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए परामर्श देने, समन्व्य करने तथा नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने वाला शीर्ष निकाय है। यह कार्यालय केन्द्री य मंत्रालयों और केन्द्र /राज्यी सरकार के अन्यर अभिकरणों/संगठनों के वित्तीहय संस्थाेनों के साथ संपर्क कायम रखता है।(एमएसएमई-टीसी)) (पूर्व में क्षेत्रीय परीक्षण केंद्र (आरटीसी))
टूल रूम/टूल डिजाइन संस्थान ((टीआर/टीडीआई))
एमएसएमई-प्रौद्योगिकी विकास केंद्र( एमएसएमई-टीडीसी) (पूर्व में उत्पाद-सह-प्रकिया विकास केंद्र (पीपीडीसी)
इन उत्पाद विशिष्ट केंद्रों के उद्देश्य हैं
एमएसएमई-प्रौद्योगिकी विकास केंद्र-फुटवियर(एमएसएमई-टीडीसी) (पूर्व में केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआई))
अन्य संबंधित एजेंसियां
राज्य स्तरीय संस्थागत सहयोग
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