छत्तीसगढ़ राज्य के बारें में : यह भारत का 26वां राज्य बना था जो पहले मध्यप्रदेश से जुड़ा हुआ था. इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ इसलिए पड़ा क्योंकि किसी समय इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे, इसीलिये इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।
छत्तीसगढ़ की सीमा - उत्तर प्रदेश (103 km), झारखण्ड (270 km), ओड़िसा (830 km), आंध्रप्रदेश (38 km), तेलंगाना (173 km), महाराष्ट्र (379 km) और मध्यप्रदेश (410 km) राज्यों को छूती है। ध्यान रहे की यह राज्य अलग होने से पहले मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत 44 साल तक रहा था।
छत्तीसगढ़ का नक्शा :
उपरोक्त तस्वीर के माध्यम से आप छत्तीसगढ़ के नक़्शे
(chhattisgarh map pdf) को आसानी से समझ सकते है।
छत्तीसगढ़ का इतिहास :
इतिहास के मुताबिक बताया जाता है की छत्तीसगढ़ प्राचीनकाल
(history of chhattisgarh pdf) के दक्षिण कौशल का एक हिस्सा है और इसका इतिहास पौराणिक काल तक पीछे की ओर चला जाता है। पौराणिक काल का 'कोशल' प्रदेश, कालान्तर में
'उत्तर कोशल' और
'दक्षिण कोशल' नाम से दो भागों में विभक्त हो गया था इसी का 'दक्षिण कोशल' वर्तमान छत्तीसगढ़ कहलाता है।
वाल्मीकि रामायण में भी छत्तीसगढ़ के बीहड़ वनों तथा महानदी
(history of chhattisgarh ppt) का स्पष्ट विवरण है। स्थित सिहावा पर्वत के आश्रम में निवास करने वाले श्रृंगी ऋषि ने ही अयोध्या में राजा दशरथ के यहाँ पुत्र्येष्टि यज्ञ करवाया था जिससे कि तीनों भाइयों सहित भगवान श्री राम का पृथ्वी पर अवतार हुआ। राम के काल में यहाँ के वनों में ऋषि-मुनि-तपस्वी आश्रम बना कर निवास करते थे और अपने वनवास की अवधि में राम यहाँ आये थे।
इसके अलावा इतिहास में इसके प्राचीनतम उल्लेख सन 639 ई0 में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्मवेनसांग के यात्रा विवरण में मिलते हैं। उनकी यात्रा विवरण में लिखा है कि दक्षिण-कौसल की राजधानी सिरपुर थी। बौद्ध धर्म की महायान शाखा के संस्थापक बोधिसत्व नागार्जुन का आश्रम सिरपुर (श्रीपुर) में ही था। इस समय छत्तीसगढ़ पर सातवाहन वंश की एक शाखा का शासन था। महाकवि कालिदास का जन्म भी छत्तीसगढ़ में हुआ माना जाता है।
छत्तीसगढ़ी संस्कृति :
छत्तीसगढ़ी संस्कृति अपने रुप की संरचना में भारतीय संस्कृति का लघु रुप है। जैसे भारतीय संस्कृति का स्वरुप मोजक (Mosaic) है, ठीक उसी प्रकार छत्तीसगढ़ी संस्कृति भी मोजक है। भारतीय संस्कृति में हर आंचलिक संस्कृति अपना विशिष्ट व्यक्तित्व रखते हुये अपने सम्भार से भारतीय संस्कृति को सौंदर्यमय और एश्वर्यमय बना रही है।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में कई संस्कृतियां मिलती हैं। और वे अपनी विशेषता से परिपूर्ण होते हुए भी छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण सांस्कृतिक व्यक्तित्व में एक सौन्दर्यछटा और कांति की रचना करती हैं। छत्तीसगढ़ी संस्कृति की प्रकृति और जीवन-चर्या में सहिष्णुता और समाहार दो तत्व सदा ही विद्यमान रहे हैं। प्रगति की अंधदौड़ में वह पीछे रह गई है, पर अपने सांस्कृतिक जटिल विधान में और मिश्रित संरचना में किसी भी सार्वभौम या विश्वव्यापी संस्कृति से कहीं अधिक आधुनिक है।
आपको बता दे की आदिम संस्कृति, प्राचीन संस्कृति तथा आधुनिक वैज्ञानिक संस्कृति सभी छत्तीसगढ़ी संस्कृति के बहुआयामी व्यक्तित्व में समा गई है। साहित्य, संस्कृति और कला सभी में प्राचीन काल से आज तक भारत में जितने विकास दिखाई पड़ते हैं, उन सबका एक लघु रुप छत्तीसगढ़ की संस्कृति में है। आदिम संस्कृति के साथ आर्य, द्रविड़, बौद्ध, जैन, सिक्ख, कबीर-पंथी, इस्लाम, इसाई आदि की सांस्कृतिक धाराएं यहां की संस्कृति में दिखाई पड़ती है।
छत्तीसगढ़ से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य...छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस : 1 नवंबर 2000
छत्तीसगढ़ की राजधानी : रायपुर
छत्तीसगढ़ के कुल जिले : 28
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर : रायपुर
छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्रफल : 1,35,194 वर्ग किलोमीटर
छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री : अजित प्रमोद कुमार जोगी
छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा : हिन्दी, छत्तीसगढ़ी
छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी : पहाड़ी मैना
छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु : वन भैंसा
छत्तीसगढ़ का राजकीय पेड़ : साल का पेड़
छत्तीसगढ़ का राजकीय फूल : गेंदा
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा संभाग : बस्तर ( 7 जिला)
छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा संभाग : दुर्ग (5 जिला)
छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक जिलो वाला संभाग : बस्तर (7 जिला)
छत्तीसगढ़ में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला : राजनांदगांव (27 जिले के अनुसार)
छत्तीसगढ़ में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला : दुर्ग (27 जिले के अनुसार)
छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा तहसील : पोड़ी उपरोड़ा (कोरबा)
छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा विकाशखंड : बिल्हा (बिलासपुर)
छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक तहसील वाला जिला : जांजगीर चाम्पा (10 तहसील)
छत्तीसगढ़ का सबसे काम तहसील वाला जिला : नारायणपुर (2 तहसील)
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