विटामिन की खोज एक ड्च जीवाणु विशेषज्ञ क्रिश्चयान एईकमैन (1858-1930) में की गयी थी। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे आहार में कुछ रसायन होते हैं जो सेहत के लिए जरूरी होते हैं। ब्रिटिश वैज्ञानिक फैडरीक हौपकिन ने यह साबित किया कि मानव शरीर को सेहतमंद रखने के लिए कुछ रसायनों की आवश्यकता होती है।
हम जानते हैं की विभिन्न पोषक तत्व हमारे भोजन को संपूर्णता प्रदान करते हैं और विटामिन का इसमें खास महत्व है। आहार में किसी भी विटामिन की कमी, किसी भी बीमारी का न्यौता होती है। दरअसल विटामिन्स का मुख्य कार्य हमारे भोजन को ईंधन में बदलना है जिससे शरीर में खाया हुआ खाना ठीक से पच सके, शरीर को सही रूप में एनर्जी मिल सके और साथ ही शरीर को निरोग रख सके। हमारे खाने में उपलब्ध सभी पौष्टिक तत्वों का लाभ भी शरीर को सही ढंग से मिल सके, यह काम भी विटामिन्स का ही है।
विटामिन्स को जीवन रक्षक यूँ ही नहीं कहा जाता। ये न केवल शरीर को रोगों से बचाते हैं, बल्कि शरीर को सही रूप में काम करने लायक भी बना कर रखते हैं। विटामिन वो छोटे-छोटे कार्बोनिक यौगिक हैं जो हमारे शरीर को सही ढंग से काम करने की शक्ति देते हैं। हमारे शरीर को इन विटामिन की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है और यह मात्रा हमें उस भोजन से मिलती है जो हम खाते हैं, क्योंकि विटामिन का निर्माण शरीर में अपने आप नहीं होता है।
विटामिन्स कुल 13 प्रकार के होते हैं और सभी विटामिन्स को दो मुख्य भागों में बांटा गया है। एक भाग “वसा में घुलनशील” और दूसरा भाग “पानी में घुलनशील” कहलाता है। जो विटामिन वसा में घुलनशील होते हैं वो शरीर में फैट में घुल जाते हैं और जो पानी में घुलनशील होते हैं वो शरीर में मौजूद पानी में घुल जाते हैं। दोनों प्रकार के विटामिन एक साथ ही काम करते हैं। वसा में घुलनशील विटामिन शरीर के रक्त में पहुँचकर उसे एनर्जी देते हैं और पानी में घुलने वाले विटामिन पानी में घुलकर किडनी द्वारा बाहर हो जाते हैं। वसा में घुलनशील विटामिन में चार और पानी में घुलने वाले विटामिन में नौ विटामिन्स होते हैं।
1. विटामिन ए:
विटामिन ए अनेक कार्बनिक कंपाउंड से मिलकर बना है जिसमें मुख्य हैं रेटिनौल और थाईरिमीन हैं। इस विटामिन का काम शरीर की त्वचा, बाल, नाखून, दाँत, मसूड़े, मांसपेशियाँ और हड्डी को ताकत देना है। ब्लड में कैल्शियम का संतुलन भी इसी विटामिन से होता है। इसकी कमी होने से सबसे ज्यादा आँखें प्रभावित होती हैं। ज़्यादातर विटामिन ए चुकंदर, गाजर, पनीर, दूध,टमाटर, हरी सब्जियाँ, पीले रंग के फल आदि में मिलता है।
2. विटामिन बी:
विटामिन बी का मुख्य काम हमारी पाचनक्रिया को स्वस्थ रखना है। इस विटामिन की कमी से पेट संबंधी परेशानियाँ जैसे भूख न लगना, दस्त आदि हो सकते हैं। नसों में सूजन और बेरी-बेरी रोग की संभावना भी हो जाती है। मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं और पैरालिसिस या हार्टफेल भी हो सकता है। विटामिन बी के सोर्स खमीर, चावल की भूसी, चोकर, दालों के छिलके, अंकुरित अनाज के अतिरिक्त दूध, ताजी सब्जी, आटा व खाद्यान्नों आदि है। इसके अतिरिक्त यह सहजन, गाजर, चुकंदर, मूंगफली, अदरक, किशमिश, केला, खीरा व काजू में भी प्रचुरता से पाया जाता है। विटामिन बी के कई रूप हैं जैसे विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7, बी9 और विटामिन बी 12 हैं।
3. विटामिन सी
एस्कार्बिक ऐसिड के नाम से मशहूर विटामिन सी शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की इम्यूनिटी की भी रक्षा करता है।
आंवले के साथ ही यह कुछ फलों और सब्जियों में भी विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। संतरा, अन्नानास, अनार, आम आदि जैसे फल और नींबू, शकरकंद, मूली, बैंगन और प्याज जैसी सब्जियों में भी यह पाया जाता है।
विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग की संभावना हो जाती है जिसके कारण शरीर में हर समय थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द, मसूड़ों से खून आने और पैरों में लाल निशान जैसी परेशानियाँ हो जाती हैं। इसके अलावा शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाने से छोटी-छोटी बीमारियाँ और खांसी, जुकाम, मुंह के रोग, दाँत व त्वचा के रोग, पेट में अल्सर आदि परेशानियाँ हो सकती हैं।
4. विटामिन डी
विटामिन डी, शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस को जज़्ब करने में मदद करता है। इससे हड्डियाँ मजबूत रहती हैं। यह बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो वो रिकेट्स और पूर्ण विकसित व्यक्ति के शरीर में ओस्टियोपोर्रोसिस रोग हो जाता है जिससे हड्डियाँ पतली और कमजोर हो जाती हैं।
विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स सूरज की किरनें हैं। इसके अलावा दूध, मलाई, मक्खन, मूँगफली और तिल के सेवन से भी यह प्राप्त किया जा सकता है।
5. विटामिन ई
इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर में एलर्जी से बचाव और कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित करता है। इस विटामिन के आठ रूप होते हैं। ब्लड में लाल रक्त कण का निर्माण के साथ ही शरीर के सभी अंगों को सामान्य बनाए रखने में भी मदद करता है और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से भी बचाता है। स्किन और बालों का स्वास्थ्य और सौंदर्य भी इसी के कारण ही होता है। इस विटामिन की कमी के कारण शरीर में प्रजनन शक्ति में कमी हो जाती है, व्यक्ति पर उम्र का असर भी जल्दी हो जाता है। विटामिन ई को शरीर में पहुंचाने के लिए हमें अंडे, हरी पत्तेदार सब्जी, अनाज और छिलके वाले सभी प्रॉडक्ट खाने चाहिएँ।6. विटामिन के
शरीर में ब्लड को गाढ़ा करके जमाने का काम विटामिन के ही करता है। इस विटामिन की कमी से ब्लड की क्लोटिंग नहीं हो पाती है और खून का बहाव रोकना मुश्किल हो जाता है। लीवर को स्वस्थ रखता है। छिलकेदार अनाज और हरी सब्जियों के सेवन से यह विटामिन लिया जा सकता है।
इनके साथ, विटामिन एफ, बी 15, फ़ौलिक ऐसिड, निकोटिनमाइड़ विटामिन शरीर के लिए खास महत्व नहीं रखते हैं।
अगर नियमित रूप से हरी सब्जियाँ, अंकुरित अनाज, दूध और फलों का सेवन किया जाए तो हमारे शरीर में हमेशा विटामिन की पूर्ति बनी रहेगी।
Dear Comrade
Vitamin toss me bhi hai
Vitamin ke type
Vitamin kit na Parker me note hai
Gghhhhh
Haddi me dard ho to konsa vitamin lena chahiye
VITAMIN KE KITNE TYPE HE
Vitamin Ke Kitne Prakar Hote Hain
Tight ya khopadi ke bal safed Ho jaate hue ismein kaun si vitamin ki Kavi Hoti hai is vitamin ko kaise pura karte Hain
MUJHE GORA HONA HAI
How many type of vitamins?
विटामीन Dका रासायीक नाम
Vitamin ka Janak kise kaha jata hai
How many typs of vitamin
Vitamin kitne parkar ke hote hai
Vitamin kitne hai and kon. Kon sa
Vitamin kitne Prakar ke hote hain aur Sabhi vitaminon ke bare mein jankari
Vitamin Ka video batao na jaldi se jaldi
Khopadi ka fal safed kyon jaate Hain inmein Kaun si vitamin Hoti hai ise kaise pura karte Hain
Vitamin kitane prakar hote hai
Vitami 6 parkar hote hai
Kya patato me bhi vitamin hota hain
Mujhe brain ko intelligent karna hai iske liye kya karna hoga
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विटामिन सी3 का रासायनिक नाम क्या है
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