Himalaya Me Rehne Wale Janwar हिमालय में रहने वाले जानवर

हिमालय में रहने वाले जानवर



GkExams on 12-05-2019

हिमालय में पशु जीवन का उद्भव मुख्यतः दक्षिणी चीन और भारतीय-चीनी क्षेत्र से हुआ है। इसमें प्राथमिक रूप से उष्णकटिबंधीय वनों में पाया जाने वाला पशु जीवन है और अनुपूरक रूप से ऊँचे क्षेत्रों में व्याप्त उपोष्ण, पर्वतीय और शीतोष्ण परिस्थितियों तथा शुष्क पश्चिमी क्षेत्रों के लिए अनुकूलित हुए जंतु हैं। लेकिन पश्चिमी हिमालय में पशु जीवन भूमध्य सागरीय, इथियोपियाई और तुर्कमेनियाई क्षेत्रों से ज़्यादा निकटता प्रदर्शित करता है। अतीत में इस क्षेत्र में जिराफ़ और दरियाई घोड़े जैसे अफ़्रीकी जानवरों की मौजूदगी का पता बाह्य हिमालय के शिवालिक निक्षेप में पाए जाने वाले जीवाश्मों से लगाया जा सकता है। वृक्ष रेखा से ऊपर की ऊँचाई पर पाया जाने वाला पशु जीवन लगभग पूर्णतः स्थानीय प्रजाति का है, जो ठंड के अनुकूलित हो चुके हैं और इनका विकास हिमालय की ऊँचाई बढ़ने के बाद स्तेपी के वन्य जीवन से हुआ है। हाथी, पहाड़ी भैंसा और गैंडा मुख्यतः दक्षिणी नेपाल के निचले पर्वतीय क्षेत्र में वनाच्छादित तराई के कुछ हिस्सों तक सीमित हैं, जो नम या दलदली क्षेत्र हैं और इनमें से अधिकांश अब सूख चुके हैं। एक समय हिमालय के समूचे तराई क्षेत्र में भारतीय गैंडे की बहुतायत थी लेकिन अब ये विलुप्त होने के कगार पर हैं। कस्तूरी मृग और कश्मीरी मृग या हंगुल भी लुप्तप्राय हैं। हिमालय का काला भालू, मेघवर्णी तेंदुआ, लंगूर[1] और विडाल परिवार की प्रजातियाँ हिमालय के जंगलों में पाए जाने वाले कुछ अन्य जानवर हैं। हिमालयी बकरी और तहर जैसे मृग भी इनमें पाए जाते हैं।



वृक्ष रेखा से ऊपर की ऊँचाई पर कभी-कभार हिम तेंदुआ, भूरे भालू, लाल पांडा और तिब्बती याक देखे जा सकते हैं। याक को पालतू बना लिया गया है और लद्दाख में इसे बोझ ढोने वाले पशु के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वृक्ष रेखा से ऊपर की ऊँचाई में रहने वाले विशेष निवासियों में विभिन्न प्रकार के कीड़े, मकड़ियाँ और बरूथी (चिंचड़ी) हैं, जो 6,309 मीटर की ऊँचाई में रहने में सक्षम प्राणी हैं। जपालुरा वंश की छिपकलियाँ भी कई इलाक़ो में पाई जाती हैं। आमतौर पर ग्लिप्टोथोरेक्स मूल की मछलियाँ अधिकांश हिमालयी धाराओं में रहती हैं और किनारों पर पानी में रहने वाले हिमालयी छछूंदर पाए जाते हैं। पूर्वी हिमालय में एक प्रकार का अंधा सांप टाईफ़्लोप्स भी पाया जाता है। हिमालय में पाई जाने वाली तितलियाँ सुंदर और विभिन्न प्रकार की होती हैं, विशेषकर ट्रोईडेस वंश मूल की।




सम्बन्धित प्रश्न



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कथन ( अ ) राजस्थान की अधिकांश मिट्टियां जलोढ़़ एवं वातोढ़ है . कारण ( ब ) ये लम्बे समय की अपरदन , परिवहन एवं निक्षेपण प्रक्रियाओं से निर्मित हुई है . ऊपर के दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है ? भूगोल सामान्य ज्ञान प्रश्न एक बालक अनुपयोगी वस्तुओं से सुंदर बनाता है, यह दर्शाता है ? (राजस्थान,II-ग्रेड हिन्दी शिक्षक 2010) अनुशीलन समिति के अध्यक्ष बरमूडा ट्रायंगल मिस्ट्री साल्व्ड बिहार वृद्धा पेंशन www ईसीआर indianrailways gov में हाजीपुर मुख्यालय पुष्कर मेला कहाँ आयोजित होता है अकाल से बचने के उपाय भारत के किस राज्य में द्विसदनीय व्यवस्था है मानव के पाचन तंत्र में पाचन की प्रक्रिया कहाँ से प्रारम्भ होती है ? राष्ट्रीय संग्रहालय new delhi मानसूनी जलवायु की प्रमुख विशेषता है - भाषा-अवबोधन से सम्बद्ध विकार है ? फ्रिज में सामान कैसे रखे महात्मा गाँधी सेतु digha sonpur bridge मेहंदीपुर बालाजी का इतिहास किशोरावस्था का निष्कर्ष उदय योजना राजस्थान ाररहेणीउस थ्योरी इन हिंदी

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