5 अक्टूबर, 1948 को स्थापित ‘प्रकृति संरक्षण हेतु अंतर्राष्ट्रीय संघ’ (IUCN : International Union for Conservation of Nature) प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा के निकट स्थित ग्लैंड नामक स्थान पर है। संगठन का घोषित लक्ष्य विश्व की सबसे विकट पर्यावरण और विकास संबंधी चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने में सहायता करना है। साथ ही, यह संगठन प्राकृतिक संसाधनों के न्याय- संगत इस्तेमाल और पारिस्थितिकीय संरचना को बेहतर बनाने की दिशा में भी सक्रिय रहता है। ‘रेड डाटा सूची’ इसी प्रक्रिया का हिस्सा है जिसकी शुरुआत वर्ष 1963 में की गई थी। विश्व के विभिन्न संरक्षण संगठनों के नेटवर्क से प्राप्त जानकारी के आधार पर आईयूसीएन द्वारा प्रकाशित रेड डाटा सूची विश्व में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को दर्शाती है।
आईयूसीएन की रेड डाटा सूची श्रेणियां
(i) विलुप्त (Extinct) – जब किसी वर्गक (Taxon) के अंतिम सदस्य तक की मृत्यु में कोई संदेह न हो, तो वह वर्गक विलुप्त कहलाती है।
(ii) वन में विलुप्त (Extinct in the Wild) – इस संरक्षण स्थिति के अंतर्गत ऐसी प्रजातियां आती हैं जिनके सदस्य अब जंगल में नहीं पाए जाते और सभी ज्ञात जीवित सदस्यों को बंदी स्थिति में या उनके मूल आवास से बाहर देशीयकृत आबादी के रूप में रखा गया है।
(iii) अतिसंकटग्रस्त (Critically Endangered) – जब किसी वर्गक पर निकट भविष्य में वन में विलुप्त होने का उच्चतम संकट या खतरा हो, तो वह वर्गक अतिसंकटग्रस्त कहलाती है।
(iv)संकटग्रस्त (Endangered) – जब कोई वर्गक अतिसंकटग्रस्त न हो, परंतु भविष्य में वह वन में विलुप्त होने के संकट का सामना कर रहा हो, तो वह संकटग्रस्त कहलाता है।
(v) सुभेद्य या अतिसंवेदनशील (Vulnerable) – जब कोई वर्गक ‘अतिसंकटग्रस्त’ अथवा ‘संकटग्रस्त’ श्रेणी में न हो परंतु भविष्य में वह वन में विलुप्त होने के संकट का सामना कर रहा हो, तो वह सुभेद्य कहलाता है।
(vi)संकटासन्न (Near Threatened) – इस संरक्षण श्रेणी के अंतर्गत ऐसे जीव या प्रजातियां आती हैं जो वर्तमान में तो संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल नहीं हैं परंतु निकट भविष्य में जिनके अस्तित्व के समक्ष खतरा उत्पन्न हो सकता है। आईयूसीएन इन सभी प्रजातियों की स्थिति के एक निश्चित अंतराल के बाद पुनर्मूल्यांकन की सिफारिश करता है।
(vii)कम चिंतनीय (Least Concern) – जब किसी वर्गक का मूल्यांकन हो और उनमें अतिसंकटग्रस्त, संकटग्रस्त, सुभेद्य एवं संकटासन्न श्रेणियों की पात्रता न हो तो वह कम चिंतनीय कहलाती है। इन प्रजातियों के अस्तित्व के लिए कोई तात्कालिक खतरा नहीं होता।
(viii)अपूर्ण आंकड़ा (Data Deficient) – जब किसी वर्गक के विलुप्त होने के संकट के प्रत्यक्ष या परोक्ष आकलन के लिए सूचनाएं अपर्याप्त हों, तो वह अपूर्ण आंकड़ा वाला वर्गक कहलाता है।
(ix)अमूल्यांकित (Not Evaluated) – जब किसी वर्गक का परीक्षण उपर्युक्त श्रेणियों के लिए अभी तक न किया गया हो तो वह अमूल्यांकित कहलाता है।
रेड डेटा बुक्स में कौन कौन सी सूची सम्मिलित होती है
RaD data Mai samlit hai
Red book me konsi prajitiya ka data sammilit hota hai
रेड डेटा बुक्स में कोनसी सूचियां सम्मिलित होती है।
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Red Data Book mein
Kiska record rahata hai
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