इस लेख के जरिए हम आपको उपभोक्ता अधिकार पर निबंध (consumer rights project) बताएँगे जैसे उपभोक्ता कौन होता है क्या उसके अधिकार होते है और क्या उसके कर्तव्य होते है ये सब....
उपभोक्ता कौन होता है (Defination of consumer) :
उपभोक्ता वह व्यक्ति होता है जो किसी वस्तु या सेवा का उपयोग करने के लिए बाजार से वह वस्तु और सेवा को खरीदता है। यहाँ जो वस्तु वह खरीदता है वो कुछ भी हो सकती है जैसे - घर का सामान, खाध पदार्थ जैसे गेहू, दाल, चावल, फल, सब्जी आदि और इनमे यातायात का साधन, बिजली, मोबाइल, कपड़ा, बैंक सेवा आदि भी आते है।
उपभोक्ता आंदोलन क्या है?
इस प्रकार का आन्दोलन एक सामाजिक आन्दोलन
(consumer movement in india project) है जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की वकालत करता है, खासकर जब उन अधिकारों का निगमों, सरकारों और अन्य संगठनों के कार्यों द्वारा सक्रिय रूप से उल्लंघन किया जाता है जो उपभोक्ताओं को उत्पाद और सेवाएं प्रदान करते हैं।
जैसा की वर्तमान समय में हम देख रहे है भ्रामक विज्ञापन के आधार पर कुछ vyaparim झूठे विज्ञापन बनाकर उपभोक्ताओं
(consumer movement in india ppt) को शोषण करने के लिए में एक बढ़ती प्रवृत्ति है। कभी-कभी, असंभव चीजों की गारंटी होती है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता है। विज्ञापित उत्पादों की गुणवत्ता नहीं है और उनकी कीमत में वृद्धि हुई है। अक्सर, अगर एकाधिकार लाभ लाभप्रद लिया जाता है, तो बहुत मूल्य है।
इन्ही सब शिकायतों को देखते हुए ग्राहकों को एमआरटीपी आयोग को सूचित करना चाहिए ताकि उन्हें शोषण और व्यापार के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई से मुक्त किया जा सके। ग्राहक ऐसे मामलों को खाद्य विभाग को भी भेज सकते हैं।
संशोधित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2002 :
सबसे पहले तो आपको बता दे की उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को शंशोधित करके संशोधित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2002 पारित किया गया। इसे भारत के राष्ट्रपति ने 22 दिसम्बर 2002 को अपनी अनुमति दे दी। उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2002 में किये गए मुख्य संशोधन इस प्रकार है...
शिकायतें दर्ज करने, उन पर नोटिस जारी करने, उनके निपटने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। जहां तक संभव हो शिकायतों का निपटान 90-150 दिनों के भीतर और किया जाना होता है। सामान्यत स्थगन की अनुमति नहीं है। स्थगन तभी होगा जब यह न्यायोंचित है। असुरक्षित वस्तुओं की अवधारणा का विस्तार किया गया है ओर इसका सेवाओं पर भी लागू किया गया है। राष्ट्रीय आयोग और राज्य आयोग में खंडपीठों के सृजन करने और सर्किट खंडपीठों का आयोजन करने की व्यवस्था की गई है। यदि शिकायतकर्ता या प्रतिपक्षी पार्टी की मृत्यु हो जाए तो उनका कानूनी उत्तराधिकारी मामला दायर या जारी रख सकता है। वाणिज्यिक प्रयोंजनों के लिए ली गई सेवाओं को उपभोक्ताओं अदालतों के क्षेत्रोंधिकार से अलग रखा जाएगा। नकली वस्तुओं / सेवाओं की बिक्री को अनुचित व्यवहार के अंतर्गत लाया जाएगा। निचले स्तर पर उपभोक्ता आन्दोलन को मजबूत करने के लिए जिला स्तर पर जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषदों की स्थापना का प्रावधान किया है। अनुचित / अवरोधक व्यापार व्यवहार में लिप्त अथवा जोखिम पूर्ण सेवाओं की पेशकश करने वाले सेवा प्रदाताओं के खिलाफ भी शिकायत की जा सकती है। अदालत द्वारा आदेशित मुआवजे की राशि को उसी रीति से वसूला जा सकता है जिस रीति से भू राजस्व वसूला जाता है। न्यायलय के आदेश का पालन न करने वालों को दण्ड देने के लिए उपभोक्ता अदालत को प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की गई है। पेट्रोल / डीजल सही नाम का मीटर शून्य (जीरो) के बाद प्राप्त करने का अधिकार बिना मिलावट के पेट्रोल, डीजल, प्राप्त करने का अधिकार, पंप में रखे गये फिल्टर पेपर से पंप पर जांच करने का अधिकार।उपभोक्ता के कर्तव्य (Consumer Awareness) :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको उपभोक्ता के कर्तव्यों
(consumer forum) के बारें में अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
आप हमेशा औषधियाँ केवल लाइसेंस धारी दुकान से खरीदें। औषधियों के लेबिल के निर्देशों को ध्यान से पढ़कर ही प्रयोग करें। मिट्टी का तेल, डीजल, पेट्रोल में मिलावट हो रही है शुद्धता की जांच करें। पेट्रोल, डीजल के घनत्व की जांच कर ही खरीदें। आहार खाद्य रंग, मिठाइयाँ, बिस्कुट, वनस्पति आदि आई. एस. आई. मार्क की ही खरीदें। फल उत्पाद जैसे जैली, कैचप, अचार, चटनी हल्के पेय पदार्थ एफ. सी आर. द्वारा प्रमाणित ही खरीदें। यदि खाद पदार्थ शिशु का आहार है तो उपयोग की दिनांक देखें। शुद्ध वजन, संख्या, बैच नम्बर, कोर्ड नम्बर, लॉट नम्बर, निर्माता पैकिंग दिनांक अवश्य देखें। कोई भी वस्तु खरीदने से पहले लेबिल देखे, खाद्य पदार्थो का नाम व्यापारिक नाम, उत्पाद में प्रयोग किये संघटक विवरण, खाद्य वस्तु निर्माता पेकर्स का नाम व पता।इन सब बिन्दुओं को आप फॉलो करके अच्छे उपभोक्ता
(consumer protection act) कहला सकते है। और ये सब सिर्फ आप ही की भलाई के लिए ही है क्योंकि अगर इनसे कोई नुकसान होता है तो वो भी आपका ही होगा। इसलिए ये सब चीजे आप देखकर ही किसी वस्तु को खरीदें।
World Consumer Rights Day : 15th March
वैसे उपभोक्ता के विभिन्न हितों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया जाता है, वहीं हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उभोक्ताओं
(consumer complaint) या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है।