अरावली पहाड़ों और विंध्य पठार के बीच रणथम्भौर नेशनल पार्क भारत के प्रसिद्ध अभयारण्यों में से एक है। यह पार्क 1,334 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला है। इस पार्क की एक खास बात यह है कि यहां दिन में भी दलदल और झीलों के पास राॅयल बंगाल टाइगर को घूमते हुए देखा जा सकता है।
पहले किसी वक्त में यह इलाका जयपुर के महाराजाओं का शिकारगाह हुआ करता था। सन 1955 में इसे खेल अभयारण्य घोषित किया गया और बाद में सन् 1980 में इसे नेशनल पार्क बनाया गया। अंत में सन् 1980 में इसे भारत का टाइगर रिजर्व बनाया गया। पार्क में मौजूद किले के सुंदर अवशेषों के कारण रणथम्भौर को विरासत स्थल के तौर पर भी देखा जाता है।
रणथम्भौर कैसे पहुंचें ?
रणथम्भौर नेशनल पार्क देश के सबसे महत्वपूर्ण वन्य जीव स्थलों में से एक है। इस नेशनल पार्क में कई प्रजातियों के पशु और पक्षी रहते हैं, लेकिन यहां का सबसे प्रमुख आकर्षण बाघ है। यहां बाघों के प्राकृतिक निवास में उन्हें देखना दुनिया भर के सैलानियों के यहां आने का सबसे बड़ा आकर्षण है।
रणथम्भौर नेशनल पार्क सवाई माधोपुर के छोटे से गांव के छोर पर स्थित है। यह गांव ही रणथम्भौर पहुंचने का प्रवेश द्वार है। एक बार आप सवाई माधोपुर पहुंच जाएं तो रणथम्भौर यहां से सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
हवाई मार्ग से
यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर में है जो रणथम्भौर से सिर्फ चार घंटे की ड्राइव पर है। जयपुर एक प्रमुख घरेलू हवाई अड्डा है जो अन्य खास शहरों जैसे दिल्ली और मुंबई से भी जुड़ा है।
सड़क मार्ग से
रणथम्भौर से सबसे करीबी बस्ती सवाई माधोपुर में है जो कि रणथम्भौर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली, जयपुर और आगरा से आसानी से सवाई माधोपुर पहुंचा जा सकता है।
रेल से
रणथम्भौर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन सवाई माधोपुर में है। इस स्टेशन से कई प्रमुख रेलें दिल्ली, जयपुर आदि शहरों को जोड़ती हैं।
स्थान - रणथम्भौर नेशनल पार्क अरावली पहाड़ों और विंध्य पठार के बीच स्थित है। यह सवाई माधोपुर से 15 किलोमीटर और जयपुर से 145 किलोमीटर की दूरी पर रणथम्भौर में स्थित है।
कनेक्टिविटी - रणथम्भौर नेशनल पार्क अन्य कस्बों और शहरों से बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
नजदीकी शहर - सवाई माधोपुर
नजदीकी रेलवे स्टेशन - सवाई माधोपुर स्टेशन
करीबी हवाई अड्डा - जयपुर एयरपोर्ट, 145 किलोमीटर की दूरी पर
रणथम्भौर नेशनल पार्क की टोपोग्राफी व्यापक होने के कारण यहां विभिन्न प्रकार के वनस्पति, पक्षी, और जीव जन्तु भी हैं।
वनस्पति
रणथम्भौर नेशनल पार्क में सूखी पर्णपाती के प्रकार वाली वनस्पति बहुतायत में पाई जाती है और यहां लगभग 300 प्रकार की प्रजातियों के पेड़ और पौधे हैं जिनमें से ज्यादातर धोक के हैं। इमली, बबूल, आम, बरगद, धक और चिला, बेर, कदम, खजूर, खैर, काकेरा महुआ, करेल, नीम आदि वनस्पतियों का यह प्राकृतिक स्थान है।
जीव जन्तु
यहां के वन्यजीवन में दिवाचर बाघ, जंगली बिल्ली, ताड़ी बिल्ली, डेजर्ट बिल्ली, चीते, धारीदार लकड़बग्घा, चिंकारा, बिज्जू, चीतल, सांभर हिरण, नीलगाय, लंगूर, स्यागोश, मकाक, सियार, काले हिरण, स्लोथ बियर, भारतीय जंगली सूअर, रुफूसटेल्ड हेर, पाल्म येलो बेट, फाइवस्ट्राइप पाल्म गिलहरी, इंडियन फ्लाइंग फाॅक्स, गेरबिलिस, इंडियन मोल रेट, लोंगियर्ड हेजहाॅग, इंडियन पाॅक्र्यपाइन, छोटा भारतीय गन्धबिलाव और नेवला शामिल हैं।
विभिन्न उभयचर प्रजातियों में सामान्य मेंढक और काॅमन इंडियन टाॅड शामिल हैं। विभिन्न रेंगनेवाली प्रजातियों में मार्श मगरमच्छ, डेजर्ट माॅनिटर लिजर्ड, बेंडेड और आम क्रेट, भारतीय गिरगिट, साॅफ्ट शेल्ड कछुए, नाॅर्थ इंडियन फ्लेप शेल्ड कछुए, कछुए, रेट स्नेक, कोबरा, रेसल वाइपर, भारतीय अजगर और साॅ स्केल्ड वाइपर शामिल हैं।
पक्षी
रणथम्भौर नेशनल पार्क में प्रचुर मात्रा में जल निकाय होने के कारण यहां 272 प्रकार की प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें प्रवासी पक्षी और देशी पक्षी दोनों शामिल हैं। इन सब पक्षियों को मलिक तालाब, राजबाघ तालाब और पदम तालाब के आसपास देखा जा सकता है।
अन्य आकर्षण
वनस्पति और जीव जन्तुओं के अलावा यहां के अन्य आकर्षणों में जोगी महल और खूबसूरत झीलें शामिल हैं।
9 दिसंबर 2006 को राजस्थान हाई कोर्ट ने टाइगर रिजर्व में निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे सैलानी अब अपनी गाडि़यों पर टाइगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ सफारी पर नहीं जा सकते।
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