पारिस्थितिक तंत्र में कार्बन का चक्रीय स्थानांतरण। पारिस्थितिक तंत्र या
जीवमंडल में कार्बन स्थानांतरण गैस, ठोस अथवा तरल रूप में होती है। गैसीय
रूप में कार्बन का संचार कार्बन डाई-आक्साइड (CO2) के रूप में होता है। यह
वायुमंडल में गैस के रूप में और जल में घोल के रूप में विद्यमान होती है।
जैविक तत्वों में कार्बनहाइड्रेड तथा भूपर्पटी की शैलों में कैल्शियम
कार्बोनेट एवं खनिज कार्बोनेट के रूप में कार्बन विद्यमान होता है। जीवमंडल
में कार्बन का स्थानांतरण ऊर्जा प्रवाह के साथ होता है। मनुष्य तथा अन्य
जीव श्वसन-क्रिया द्वारा आक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन डाई-आक्साइड
निकालते हैं जो वायुमंडल में मिल जाती है।
जीवित पौधे वायुमंडलीय कार्बन डाई-आक्साइड को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का
निर्माण करते हैं। उनकी श्वसन क्रिया में कार्बोहाइड्रेट का विघटन होता है
जिससे कार्बन डाई-आक्साइड मुक्त होकर पुनः वायुमंडल में चली जाती है।
शुष्क पौधों तथा मृत जीवों के अवयवों का वियोजन होने पर तथा शैलों का
अनाच्छादन होने पर कार्बन डाई-आक्साइड मुक्त होकर वायुमंडल में विलीन हो
जाती है। इसी प्रकार जीवाश्म ईंधनों (लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम आदि) के
जलने से कार्बन डाई-आक्साइड निर्गत होती है और वायुमंडल में मिल जाती है।
सामान्यतः जिस गति से वायुमंडल से कार्बन पृथक होता है, विभिन्न
प्रावस्थाओं से होकर यह उसी गति से पुनः वायुमंडल में पहुँच जाता है और इस
प्रकार कार्बन चक्र पूर्ण होता है।
रूपांतरणों का वह अनुक्रम जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण अथवा
रस संश्लेषण द्वारा जीवधारियों में यौगिकीकृत होता है जो श्वसन द्वारा और
यौगिकी कारक जीवों की मृत्यु तथा अपघटन से निकलती है और विषमपोषी जातियों
द्वारा काम में लाई जाती है तथा अंत में मूल अवस्था में लौटा दी जाती है।
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):
कार्बन चक्र जैव-भूरासायनिक चक्र है जिसके द्वारा
कार्बन का जीवमंडल, मृदामंडल, भूमंडल, जलमंडल और पृथ्वी के वायुमंडल के साथ
विनिमय होता है. यह पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण चक्रों में एक है और
जीवमंडल तथा उसके समस्त जीवों के साथ कार्बन के पुनर्नवीनीकरण और पुनरुपयोग
को अनुमत करता है
कार्बन चक्र की खोज प्रारंभिक रूप से जोसेफ़ प्रिस्टली और एंटोनी लावाइसियर
ने की, और हमफ़्री डेवी ने इसे प्रतिपादित किया. अब इसे आम तौर पर
विनिमय मार्गों द्वारा जुड़े पांच[उद्धरण वांछित] प्रमुख कार्बन भंडार के
रूप में माना गया है. ये भंडार हैं:
वायुमंडल
स्थलीय जीवमंडल, जिसे आम तौर पर ताज़ा जल प्रणालियों और मृदा कार्बन जैसे
निर्जीव कार्बनिक पदार्थों को शामिल करते हुए वर्णित किया गया है.
समुद्र, जिसमें द्रवीभूत अकार्बनिक कार्बन और सजीव और निर्जीव समुद्री जीवसमूह शामिल हैं,
जीवाश्म ईंधन सहित अवसाद.
पृथ्वी का आभ्यंतर, ज्वालामुखियों और भू-ऊष्मीय प्रणालियों द्वारा भूमि के
प्रावरण और भूपटल से कार्बन वायुमंडल और जलमंडल में छोड़ा जाता है.
कार्बन के वार्षिक संचलन, भंडारों के बीच कार्बन विनिमय, विभिन्न रासायनिक,
भौतिक, भूवैज्ञानिक और जैविक प्रक्रियाओं की वजह से होते हैं. पृथ्वी की
सतह के निकट समुद्र के पास कार्बन का सबसे बड़ा सक्रिय कुंड है, लेकिन इस
कुंड का गहरा सागर वाला अंश वायुमंडल के साथ तेजी से विनिमय नहीं करता है.
वैश्विक कार्बन बजट कार्बन भंडारों के बीच या कार्बन चक्र के एक विशिष्ट
चक्र (उदा., वायुमंडल ↔ जीवमंडल) के बीच कार्बन के विनिमय का संतुलन (आय और
नुक्सान) है. एक कुंड या भंडार के कार्बन बजट का परीक्षण यह जानकारी
उपलब्ध करा सकता है कि कुंड या भंडार कार्बन डाइऑक्साइड के स्रोत के रूप
में काम कर रहा है या विलय गर्त के रूप में.
कार्बन चक्र
कार्बन चक्र आरेख. काली संख्याएं बिलियन टनों में सूचित करती हैं कि
विभिन्न जलाशयों में कितना कार्बन संग्रहीत है("GtC" से तात्पर्य कार्बन
गिगाटन और आंकडे लगभग 2004 के हैं). गहरी नीली संख्याएं सूचित करती हैं कि
प्रत्येक वर्ष कितना कार्बन जलाशयों के बीच संचालित होता है. इस चित्र में
वर्णित रूप से अवसादों में कार्बोनेट चट्टान और किरोजेन के ~70 मिलियन GtC
शामिल नहीं हैं.
Accha hai
Carbon chakra
Carbon chota
Carbon cycle Hindi me
Answer do
Carbon cycle kya hai
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Param Vir Chakra Ka Chitra sahit