स्कूलों में बच्चों की भागीदारी बढ़ाना-: मिड डे मील योजना से स्कूलों में बच्चों की भागीदारी बढ़ी है। स्कूलों में सिर्फ नामांकन की संख्या ही नहीं बढ़ी बल्कि बच्चों की उपस्थिति में भी सकारात्मक बदलाव आया है।
गरीब परिवार के छात्रों के भुखमरी से बचाना-: कई बच्चे घर से बिना गुछ खाये-पीये स्कूल आते हैं। जो बच्चे थोड़ा बहुत खाना खाकर स्कूल पहुंचते हैं वे भी दोपहर तक भूख से छटपटाने लगते हैं क्योंकि उन्हें घर से दोपहर के खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता या फिर उनका घर स्कूल से इतना दूर होता है कि दोपहर के खाने के लिए घर जायें तो समय पर लौटना मुश्किल हो। मिड डे मील योजना से ऐसे बच्चों को लाभ हो सकता है जो एक ना एक कारण से स्कूल में भूखे रहने के लिए मजबूर हैं।
स्कूली बच्चों को सेहतमंद बनाना-:मिड डे मील योजना बच्चों को निरंतर पोषाहार प्रदान करने की भूमिका अदा कर सकती है। इससे बच्चों की तंदुरुस्ती बढ़ेगी।
मिड डे मील योजना का शैक्षिक मूल्य है-: अगर मिड डे मील योजना को सुनियोजित ढंग से चलाया जाय तो इसके सहारे बच्चों के भीतर कई अच्छी आदतें विकसित की जा सकती हैं। मसलन, उन्हें खाने से पहले और बाद में हाथ को अच्छी तरह से साफ करने के बारे में बताया जा सकता है। बच्चों के भीतर साफ पानी, देह-हाथ की सफाई और इससे जुड़ी बाकी बातों के लिए रुचि पैदा की जा सकती है।
सामाजिक समानता के मूल्य को बढ़ावा देना- मिड डे मील योजना के सहारे समाजिक समानता के मूल्य को बढ़ावा दिया जा सकता है क्योंकि स्कूल में अलग अलग सामाजिक पृष्ठभूमि के बच्चे आते हैं और उन्हें एक साथ-एक पांच में भोजन करना होता है। इससे जाति और धर्म के आधार पर व्यक्ति व्यक्ति को अलगा कर देखने की भावना कमजोर होती हैं। भोजन को अगर किसी दलित समुदाय के व्यक्ति द्वारा पकाया जा रहा है तो इससे भी जातिगत पूर्वग्रह कमजोर होते हैं।
लैंगिक समानता को बढ़ावा देना-स्कूलों में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की भागीदारी(नामांकन और उपस्थिति के मामले में) कम है। मिड डे मील योजना के सहारे स्कूलों में इस दिशा में बराबरी लायी जा सकती है। एक तो जिन कारणों से लड़कियां स्कूल नहीं आ पातीं, मिड डे मील योजना उन कारणों को कमजोर करती है दूसरे मीड डे मील योजना में महिलाओं को रोजगार देने की भी अच्छी क्षमता है। महिलाये घर के बजाय अगर स्कूलों में दोपहर का भोजन तैयार करती हैं तो उन्हें घर के रोज के चूल्हे-चक्की के काम से थोड़ी राहत होगी और साथ में आमदनी भी बढ़ेगी।
मनोवैज्ञानिक लाभ- शारीरिक रुप से कमजोर होने पर बच्चे के अंदर आत्मविश्वास में कमी आती है. उसके भीतर असुरक्षा बोध बढ़ता है और बच्चे के मन लगातार चिन्ता और तनाव में रहता है। इन सबका असर बच्चे के ज्ञानात्मक, भावनात्मक और सामाजिक विकास पर पड़ता है। मीड डे मील योजना के भीतर बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास की संभावना है।
मिड डे मील योजना के लाभ
Concept of mid day mael scheme
Kuch saberjanick savao ka udharan digeya
Kya yah Sach hai again Badi ke bare Mai really asa hota hai kya ya bakwas
Mid day meal yojna ke fayde
Mid De mil ke poshak tabho ka Prabhu
Mid day mill ke labh
Mid day meal yojana ki paribhasa
Mid day mil youjna ke fayde nahi h
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Mid day mil ka three lab bataya?