शतरंज
भारत में जन्मे इस खेल का नाम पहले ‘चतुरंग‘ हुआ करता था और इसको अष्टपद (8×8 खानों की तख्ती पर) पर खेल जाता था। ईरान पहुँचते-पहुँचते यह ‘चतुरंग’ से ‘शतरंग’ बन गया और फिर धीरे-धीरे शतरंज। हालाँकि खेल के नए नियम पुराने नियमों से ज्यादा अलग नहीं हैं।
राजा / बादशाह, बजीर / रानी, ऊँट, हाथी, घोड़ा, सैनिक / प्यादे आदि शतरंज के मुख्य मोहरे हैं। इनमें से हर किसी की चाल अलग तरह की होती है।
यह चौसर जैसा एक खेल है, जिसमें खिलाड़ी कौड़ियों को फेंकते हैं और गिट्टियों को उनके अनुरूप आगे बढ़ाते हैं। जी हाँ, वही महाभारत के समय से चला आ रहा खेल!
स्विमिंग पूल या प्राकृतिक जलीय संसाधनों में तैर कर खेले जाने वाले खेल को तैराकी कहते हैं। पानी के अंदर दौड़ शुरुआत करने का स्थान और अंतिम गन्तव्य खेल से पहले चुन लिया जाता है और जो गन्तव्य पर सबसे पहले पहुँचता है, उसे विजेता माना जाता है।
इस खेल में दो लोग एक-दूसरे पर अपनी ताकत की आज़माइश करते हैं। खेल के कुछ नियम होते हैं, जिनसे हार-जीत का फैसला लिया जाता है। यह पहलवानी या मल्लयुद्ध के नाम से भी प्रसिद्ध है।
पतंगबाजी में दो या दो से अधिक लोग पतंग उड़ाते हुए एक-दूसरे की पतंग से पेंच लड़ाते हैं। मंजा और सद्धा बाँधकर इन रंग-बिरंगी पतंगों को आकाश में उड़ाया जाता है और इसके धागे को हाथ से ढील देकर या खींचकर नियंत्रित किया जाता है। दक्षिण और उत्तर भारत में यह खेल खासा लोकप्रिय है। अहमदाबाद में मकर संक्रांति के दिन पतंग महोत्सव मनाया जाता है।
धनुर्विद्या या तीरंदाजी भारत में खेला जाने वाला एक सदियों पुराना खेल है। इसमें धनुष पर प्रत्यञ्चा चढ़ाकर तीर (बाण) को निशाने की तरफ फेंका जाता है। वैदिक काल में इसको युद्ध विद्या का अंग माना जाता था और गुरुकुलों में इसका प्रशिक्षण दिया जाता था। संभव है कि ईरान होते हुए यह खेल अरब और पश्चिम देशों में पहुंचा हो। आजकल कई बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में इसको शामिल किया जाता है।
नौकाओं यानी कि नावों की दौड़ को नौकायन कहते हैं। कुछ देशों में यह खेल बहुत उत्साह के साथ खेला जाता है। इसमें नाविकअपनी नाव चलाते हुए एक-दूसरे को पछाड़ने की कोशिश करते हैं। नौका को चप्पू से खे कर आगे की तरफ बढ़ाया जाता है।
इस खेल में धातु के बने भारी और ठोस गोल पदार्थ का प्रयोग किया जाता है, जिसे गोला कहते हैं। खिलाड़ियों को निर्धारित बार यह गोला फेंकने का मौका दिया जाता है और सबसे अधिक दूरी तक गोला फेंकने वाले विजेता माना जाता है।
जाते-जाते ऊपर दिए गए नामों के अलावा कुछ और खेलों के हिंदी नाम भी सीख लीजिए –
वैसे तो ऊपर बताए गए खेलों से जुड़ी वस्तुओं और शब्दों को पहले ही वर्णित किया जा चुका है, पर कुछ चीजें ऐसी हैं जो कई खेलों में और सबसे अधिक प्रयोग में लायी जाती है। उनके नाम कुछ इस तरह हैं –
India Pracheen Khel nahi
(A) HorceRace (B) fight
(C) Terandazi ( D) Cricket
India Pracheen Khel nahi
(A) HorceRace (B) fight
(C) Terandazi ( D) Cric
ket
Bharat mein Khele jaane wale khelon ke naam aur Khiladiyon Ke Naam
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Koun sa khel bharat me nahi khoja gya