चक्रवात ( CYCLONE )
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परिभाषा :-
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"चक्रवात निम्नदाब के केंद्र होते हैं , जिनके चारों तरफ संकेंद्रीय , समदाब रेखाएं विस्तृत होती हैं। "
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परिधि से केंद्र की तरफ जाने पर वायुदाब कम होता जाता है, परिणामस्वरूप परिधि से केंद्र की ओर तेज हवाएँ चलने लगती हैं। कोरियालिस बल के प्रभाव से ये हवाएँ चक्राकार घूमने लगती हैं। उत्तरी गोलार्ध में चक्रवात की दिशा घडी की सुइयों के विपरीत ( Anticlockwise) तथा दक्षिणी गोलार्ध में घडी की सुइयों के अनुरूप ( Clockwise) होती है।
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सरल शब्दों में कहें तो चक्रवात चलता फिरता निम्नदाब केंद्र होता है , जिसके चारो तरफ उच्चदाब वाली समदाब रेखाएं पायी जाती हैं।
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प्रकार :-
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उत्पति के आधार पर चक्रवात दो प्रकार के होते हैं :-
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1. उष्ण कटिबंधीय चक्रवात ( Tropical cyclones )
2. बहिरुष्ण/शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात ( Extra tropical cyclones )
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●● उष्ण कटिबंधीय चक्रवात ( Tropical cyclones) :-
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उष्ण कटिबंधीय चक्रवात आक्रामक तूफ़ान हैं , जिनकी उत्पत्ति उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के महासागरों पर होती है ( सामान्यतः अवस्थिति 5° - 30° N/S) | ये तटीय क्षेत्रों की तरफ गतिमान होते हैं। ये चक्रवात आक्रामक पवनों के कारण विस्तृत विनाश , अत्यधिक वर्षा और तूफ़ान लाते हैं। ये चक्रवात विध्वंसक प्राकृतिक आपदाओं में से एक हैं।
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उष्ण कटिबंधीय चक्रवात , उष्णकटिबंधीय महासागरों पर उत्पन्न व विकसित होते हैं । इनकी उत्पत्ति व विकास के लिए अनुकूल स्थितियां अग्रलिखित हैं :-
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→ बृहत् समुद्री सतह जहाँ तापमान 27℃ से अधिक हो।
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→ कोरियालिस बल का होना। विषुवत वृत्त पर कोरियालिस बल शून्य होता है। यही कारण है की विषुवत वृत्त के निकट चक्रवात नहीं आते।
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→ ऊर्ध्वाधर पवनों की गति में अंतर कम होना।
→ कमजोर निम्न दाब क्षेत्र या निम्न स्तर का चक्रवातीय परिसंचरण का होना।
→ समुद्री तल पर ऊपरी अपसरण।
→ गर्म व आर्द्र वायु की लगातार आपूर्ति।
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चक्रवातों को और अधिक विध्वंसक करने वाली ऊर्जा संघनन प्रक्रिया द्वारा ऊँचे कपासी स्तरी मेघों से प्राप्त होती है। जो इस तूफ़ान के केंद्र को घेरे होती है। समुद्रों से लगातार आर्द्रता की आपूर्ति से ये तूफ़ान अधिक प्रबल होते हैं। स्थल पर पहुंचकर आर्द्रता की आपूर्ति रुक जाती है और ये क्षीण होकर समाप्त हो जाते हैं। ये चक्रवात तूफ़ान तरंग उत्पन्न करते हैं और तटीय निम्न इलाकों को जलप्लावित कर देते हैं।
वह स्थान जहाँ से उष्ण कटिबंधीय चक्रवात तट को पार करके जमीन पर पहुंचते हैं चक्रवात का लैंडफाल कहलाता है। वे चक्रवात जो प्रायः 20° उत्तरी अक्षांश से गुजरते हैं , उनकी दिशा अनिश्चित होती है और ये अधिक विध्वंसक होते हैं।
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ये आक्रामक तूफ़ान वायुमंडलीय ऊर्जा वितरण में भिन्नता के व्यवस्थित होने की अभिव्यक्ति है।इन तूफानों से स्थितिज व ताप ऊर्जा , गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। अशांत वायुमंडलीय दशाएं पुनः स्थिर स्थिति में लौट आती हैं ।
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→ उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों को अलग अलग स्थान पर अलग अलग नामों से जाना जाता है। जिसमें से कुछ अग्रलिखित हैं :-
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→ टोरनेडो (tornadoes) :- टोरनेडो सामान्यतः मध्य अक्षांशों में उत्पन्न होते हैं। समुद्र पर टोरनेडो को जलस्तम्भ ( Water spouts ) कहते हैं। फुजीटा स्केल का प्रयोग टोरनेडो की तीव्रता मापने के लिए किया जाता है।
कैरेबियन सागर और अमेरिकी क्षेत्र प्रमुख टोरनेडो प्रवण क्षेत्र हैं। टोरनेडो प्रभावित वृहत मैदानी भाग टोरनेडो एली के नाम से प्रशिद्ध है। टोरनेडो एली में मुख्यतः मिसीसिपी मिसौरी घाटी के टेक्सास, कंसास , ओकलहामा और नेब्रास्का राज्य सम्मिलित हैं।
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→ टाइफून :- पश्चिमी प्रशांत और दक्षिणी चीन सागर।
→ विली विलिज :- पश्चिमी आस्ट्रेलिया ।
→ हरिकेन :- संयुक्त राज्य अमेरिका।
→ चक्रवात :- भारत ।
→ बागियो :- फिलीपीन्स
चक्रवात क्या है
चक्रवात किसे कहते हैं?
Chakrawat ki paribhasha
चक्रवात कैसे बनता है?
Chakravat
What is Extra tropical cyclone
Udjdjdh
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात बंगाल की खादी में ज्यादा क्यों आते है?
Chakarwat kise kahte hai or ye kaise aata h
प्रति चक्रवात किसे कहते हैं
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