Kanch Ke Prakar कांच के प्रकार

कांच के प्रकार



GkExams on 12-05-2019

कांच (glass) एक अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। कांच आमतौर भंगुर और अक्सर प्रकाशीय रूप से पारदर्शी होते हैं।

कांच अथव शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ वह पारदर्शक अथवा अपारदर्शक पदार्थ है जिससे शीशी बोतल आदि बनती हैं। काच का आविष्कार संसार के लिए बहुत बड़ी घटना थी और आज की वैज्ञानिक उन्नति में काच का बहुत अधिक महत्व है।



किन्तु विज्ञान की दृष्टि से कांच की परिभाषा बहुत व्यापक है। इस दृष्टि से उन सभी ठोसों को कांच कहते हैं जो द्रव अवस्था से ठण्डा होकर ठोस अवस्था में आने पर क्रिस्टलीय संरचना नहीं प्राप्त करते।

साधारण खिड़की के शीशे से लेकर गोली रोधी कांच के रूप में, विभिन्न अनुप्रयोग होते है। काँच के प्रकार और उनका उपयोग नीचे वर्णित किया गया है-





(i) सोडा काँच या मुलायम काँच -

यह साधारणतया प्रयोग होने वाला सस्ता, निम्न वर्ग का काँच होता है। कुल उत्पादित काँच का यह 95: होता है और यह रेत (सिलिका), कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) और सोडा राख (Na2CO3)के संगलन द्वारा बनाया जाता है। इसका अनुमानत: Na2O.CaO.6SiO2 संघटन होता है। 70-74%SiO2, 8-13% CaO और 13-8% Na2O होता है। Al2O3 लगभग 2% अशुद्धता के रूप में हो सकता है। इसके कम ताप पर ही नर्म हो जाने के कारण इसे मुलायम काँच कहते हैं। सोडा काँच का अनुप्रयोग खिड़कियों के शीशे, बोतल, बर्तन और बिजली के बल्ब आदि बनाने में होता है।

(ii) लैड काँँच या फ्लिन्ट काँच -

लैड काँँच या फ्लिन्ट काँच को लिथार्ज (Pbo),पोटेशियम कार्बोनटे , सोडा राख, चूना पत्थर और सिलिका को उचित अनुपात में संगलित करके बनाया जाता है। इसका अनुमानत: संघटन है। K2O. Pbo.6SiO2 इसमें लगभग 45% सिलिका और विभिन्न मात्राओं में Pbo,Na,O2,k2O और CaO होता है उच्च लैड मात्रा वाली काँच का उपयोंग X- और Y- किरणों से बचाने के लिए ढाल के रूप में होता है। इनका उपयोग उन भवनों में होता है जहाँ पर X- किरणों और Y-किरणों के प्रस्फुरण स्थापित होते है। नाभिकीय स्थापत्यों में नाभिकीय विकिरणों से बचाव के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। इन अनुप्रयोगो के अलावा, लैड काँच - प्रकाशिक यंत्रो के संघटक जैसे लेन्स, क्रिस्टल का सामान, कृत्रिम और सजावट के जेवरात, कृत्रिम बहुमल्य पत्थर और विघुत कुचालक आदि बनाने में अत्यधिक प्रयोग होता है।

(iii) सुदृढ़ (या टेम्पर्ड) काँँच -

यह काँच का कोर्इ विशेष प्रकार नहीं है बल्कि काँच की वस्तु का एनीलिंग से पहले किया गया एक प्रक्रम है। काँच के गर्म पात्र को ठंडे तेल में डुबोया जाता है। पात्र की बाहरी सतह सिकुड़ कर सख्त हो जाती है जबकि अन्दर की परत पर खिंचाव रहता है। जब पष्ठ को तोड़ा जाता है तो वह टुकड़ो में बिखर जाता है। यह प्रक्रम काँच की टेम्परिंग कहलाता है। यह बहुत दृढ़ और प्रबल काँच होता है और यान्त्रिक और तापीय आघात को सहन कर सकता हे। इस प्रकार का काँच स्वचालित दरवाजों, बड़े शोकेसों आदि में प्रयोग होता है। सुदृढ़ काँच कारों, ट्रकों और वायुयानों के वात परिरक्षी शीशे (wind shields) के लिए प्रयोग होता ळें

(iv) स्तरित सुुरक्षा काँँच -

इसे समतल काँच की दो-तीन पर्तो के बीच पॉलीविनाइल ब्यूटाइल प्लास्टिक या विनाइल एसिटेट रेसिन की पतली परत और पारदर्शी आसंजक से आपस में चिपका कर या दबाकर बनाया जाता है। इन्हें ताप और दाब के अचानक बदलाव को सहन कर सकता है। टूटने पर काँच के टुकड़े बिखरते नहीं हैं अर्थात् बिखरनरोधी हो जाते है। इस प्रकार का काँच आगमन द्वार, आकाशीय (छत) प्रकाश, फिसलन वाले (स्लाइडिंग) दरवाजे और ऊँचे भवनों की ढलवाँ दिखती खिड़कियों आदि के लिए उत्तम पदार्थ है। यह कारों और स्वचालित वाहनों के वात परिरक्षी शीशों में भी अनुपयोग होता है। यदि काँच की अनेक पर्तो का विनाइल रेसिन की एकान्तर परत के साथ संघनन किया जाता है तो गोली रोधी काँच प्राप्त होता हैं।

(v) कुचालक काँच -

ताप द्वारा सिरे से सील की गर्इ दो काँच के बीच कोर्इ कुचालक पदार्थ जैसे जलरहित (या शुष्क) वायु भरने से कुचालक काँच प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार की काँच संरचनाओं को उन भवनो में प्रयोग किया जाता है जिनके अंदर के तापमान को बाहर की भीषण जलवायु से अप्रभावित रखा जाता है। बहुत खराब मौसम वाली स्थिति में तीन काँच फलकों और दो कुचालक की परत वाले मॉड्यूल का प्रयोग किया जाता है। ऐसे मॉड्यूल गर्मियों में कमरे को ठंडा और सर्दियो में गरम रखते हैं।



ऊपर दिए गए प्रकारों के काँच मेंज पर सजाने, रायायनिक अभिकमर्कों को रखने और काम करने के पात्र, प्रकाशीय लेन्स, धूप के चश्में, कैथोड रे - ट्यूब, नीयोन लाइट और अन्य कोर्इ अनुप्रयोगों में काम आते हैं।



Comments देवेन्द्र रायकवार on 21-03-2023

ग्लास को टफान कैसे करते हैं।

Pushpendra on 01-10-2022

कांच के सभी प्रकार और सूत्र





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment