sansi Samaj Ka Itihas सांसी समाज का इतिहास

सांसी समाज का इतिहास



Pradeep Chawla on 17-09-2018


यदुँवशी भाटी राजपुतो की लगभग दो सौ शाखाओ, उपशाखाओ में से एक शाखा से सम्पूर्ण भाँतु समाज की उत्पक्ति हुर्इ। तेरहवी शताब्दी से पहले कंजर भाँतु व चौदहवी शताब्दी के लगभग साँसी जाति के ऐतिहासिक तथ्य प्रमाणित है। भाटी वीर राजपुत गजनी व भटनेर के ऐतिहासिक शाके के बाद राज्यच्युत भाटी सतलज नदी घाटी से पूर्व की ओर के लाखी जंगल में खानाबदोशो की तरह उदासीन भावना से दयनीय दशा में जीवनयापन कर रहे थे, यही वह समय था जब कुछ भाटी वीर लुटमार करने लगे इन्ही भाटीयो ने कर्इ क्षेत्रो पर अपना अधिकार भी कर लिया जैस भटनेर, भटिन्डा भाटाणी, पिडी भाटीयान् आदि क्षेत्र अपनी जाति समुह के नाम से पडे। भाटी राजपुत के कुछ समुह अपभ्रंश स्वरूप अपने आप को भट्टी व भाटू कहलाते थे जो कालान्तर में भातु पड़ गया अर्थात् यदुवंशी शालिवाहन के वंशज राजा भाटी से सम्बन्धित वंशज है यदुवंशी के कुलदेवता श्री कृष्ण को भाँतु समाज श्री भगवान या ठाकर कहकर अध्र्य देते है। भातु या भाँतु शब्द भाटी शब्द का अपभ्रंश है। इतिहासकारो ने इसी लाखी जंगल का सम्बन्ध सहसमल से बताया गया है जो साँसी जाति के पूर्वज है। खानाबदोश भाटी राजपुत में जो समूह भाटू या भातु के नाम से गुमनामो की तरह अपने दिन बिता रहे थे अपने रहन-सहन भी खानाबदोशो की तरह हो गया परन्तु संस्कार रीति-रिवाजों में आज तक राजपुतो का स्प”ट प्रभाव है। इनकी भाषा में मारवाड़ी-पंजाबी मित्रण को आज भी देखा जा सकता है उच्चारण व शब्दो में इन्ही भाषाओ का मैल है। इसी समय भाँतु-समुह में विभाजन होने लगा जातियाँ बनने लगी।

तेहरवी शताब्दी में मुगल-आक्रमण के समय भयानक हिंसा, लुट, आतंक व अराजकता फैल गयी थी राजपुताने से चौहानो की शक्ति नष्ट हो गर्इ थी उस समय कुछ भाँतु समुह पश्चिम की ओर भाग गये कुछ उत्तरी भारत की ओर पलायन कर गये लगभग दो शताब्दीयो तक पश्चिम की ओर भ्रमण करते हुए सिंध व पंजाब में जीवन-यापन करने लगे और कालान्तर में वही बस गये तथा रिति-रिवाज भाषा में पंजाबी का प्रभाव आ गया कुछ हिन्दु भाँतुओ ने सिख धर्म अपना लिया पंजाब में भाँतु समुह की साँसी जाति बहुतायत में बस गयी इन्ही में महान् शेरे पंजाब ‘महाराजा-रणजीत सिंह’ हुए। इनमें से कुछ भाँतु समुह दिल्ली, उत्तरी भारत आ गये। मुगल-काल में उत्तरी भारत की ओर जाने वाले भाँतु समुह पूर्व की चले गये व वापस उत्तरी भारत आ गये जो उत्तरी व मध्य भारत में खानाबदोश जीवन यापन करने लगे भरण-पो”ाण के लिए शिकार करने लगे जो उनके राजपुती खुन में सहज काम था व जीवन यापन के लिए छोटे अपराध लुट किया करते थे यद्यपि इतिहास में कर्इ क्षेत्रीय समूह मुगल व तुर्को को लुटा करते थे जिनका उल्लेख इतिहास में भरा-पड़ा है। कुछ भाँतु समुह पुन: राजपुताने में आ गये जो वर्तमान राजस्थान है ये भाँतु राजपुत विभिन्न घटनाओ के कारण गुजर, जाटो के भाटो का काम करने लगे तो कुछ नाच-गाना, खेल-तमाशा, नट आदि का कार्य करने जो उस समय भरण-पो”ाण के लिए जरूरी था। कुछ भाँतु समुह दक्षिण भारत चले गये जिन क्षेत्रो में अधिक समय घुमन्तु रहे वहाँ की भा”ाा व संस्कृति का असर आने लगा|

तेहरवी शताब्दी के बाद वर्तमान राजस्थान में मुगल-आक्रमण के समय भयानक हिंसा, लुट व अराजकता फैल गयी थी उसी समय वीर भाटी राजपुत पराजय व दुर्दशा का शिकार होकर दल-बल परिवार सहित कई समुह में वीर भूमि राजपुताना छोडकर पश्चिम की ओर पलायन कर गये कुछ सिंध पार चले गये। कुछ समुह वापस पंजाब की ओर मुड गये। पंजाब में कई समुह, सम्प्रदाय में बंटते गये, घुलते गये, भ्रमणकारी जीवन जीते हुए खानाबदोश हो गये व सम्पूर्ण उत्तरी भारत मे फैल गये फिर कुछ समूह वापस दो शताब्दियों के बाद घुमक्कड़ जीवन जीते हुए राजस्थान आकर खानाबदोश जीवन जीने लगे कुछ पूर्वी भारत चले गये, फिर कुछ समुह राजस्थान से वापस उत्तरी भारत चले गये। व कुछ खानाबदोश राजपुत छोटे अपराध भी करते थे। केवल अपने भरण-पोषण के लिए। ये राजपुत खानाबदोश समाज की मुख्य धारा से दुर गाँव, शहरों से अलग डेरे डालकर जीवन जीते। परन्तु अपनी मारवाड़ी बोली छोड ना सके, जिन क्षेत्रों में अधिक समय घुमन्तु रहे वहाँ की भाषा का असर भी आने लगा इसीलिए इन राजपुत खानाबदोशों की भाषा में मारवाडी व पंजाबी मिश्रण है। ये राजपुत खानाबदोश अपने रूढीवादी रीति-रिवाज भी कट्टरता से अपनाते थे। चुंकि ये सभी बिखरे हुए राजपुत खानाबदोश समुहों के पूर्वज राजपुताने के वीर भाटी राजपुत थे। विभिन्न परिस्थितियों के कारण ये वीर-भाटी अपने आप को भातु नाम सम्बोधित करते थे। (जिनका विस्तृत विवरण प्रमाण के साथ, रमन भातु लिखित पुस्तक ‘भाँतु समाज का इतिहास’ में दिया गया है।) परिस्थितियों के कारण ये राजपुत खानाबदोश अनेक समुह में बँटते चले गये फिर ये समुह अनेक जाँतियों में बँटते गये जिसका स्वरूप आज हमारे सामने विधमान हैं ‘समाज एक-जाति अनेक’ अंग्रेजी राज में खानाबदोश राजपुतों को उनकी मजबूरी ना समझते हुए काला-कानून लगाकर अपराधी घोषीत कर दिया। ये राजपुत खानाबदोश जंगलों में विचरण करते थे। इसलिए अन्य समाज के लोगों ने इन्हें जगल में विचरण करने वाले ‘कन-कचार’ अर्थात कंजर कहना शुरू कर दिया चुंकि ये भाँतु-राजपुत, देश की मुख्य धारा से दुर जंगली जीवन जीते थे इसलिए ये समाज के लोगों को बता नहीं सके कि हम किस क्षत्रीय समुह से सम्बन्धित है। कुछ भाँतु राजपुतों के समुहों ने जाट, गुर्जर व तत्कालीन राजाओं के यहाँ भरण-पोषण के लिए मजबूरी वश नाच-गाना, भाटो का कार्य भी करने लगे थे। इसलिए महाराष्ट्र में इन्हें अंग्रेजों ने कंजर-भाट के नाम से सेंटलमेन्टो में बन्दी बनाया और जबलपुर व बिहार में कंजर के नाम से बंदी बनाया जो आज तक यही नाम उत्तर-प्रदेश चलता आ रहा है जबकि ये ना तो कंजर है ना ही भाट जाति है बल्कि भाँतु राजपुत के साँसी भाँतु समुह से सम्बन्धित है।

राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात के कंजर-भाँतु भी कंजर नहीं है बल्कि भाँतु राजपुतों के भाँतु लोग है जिन्हें सोलहवी सदीं के समय जंगलों व मुख्य धारा से दूर खाना बदोश जीवन-यापन के कारण देश के अन्य समाज के लोग (काजा या कज्जा) इन्हें कंजर कहने लगे व अंग्रेजों ने इन्हें इसी नाम से दर्ज कर दिया।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments raman on 03-06-2024

sansi log khah rahte hai

ASHOK KUMAR on 28-01-2024

SAHASI JATI KI KITABEN TO SARI HAI CHAHE WO RAMAYAN HO ,MAHABHARATA HO PRITHAWI RAAJ RASO ,ASHOK VADAAN ETC

ASHOK KUMAR on 28-01-2024

ERA MOBILE NUMBER 7206257222/9813980722


ASHOK KUMAR on 28-01-2024

MERA MOBILE NUMBER 9813980722/7206257222

Rajsingh dumwat on 13-01-2024

Hem batu hi. Singh. Rajput hi Asli rajput

Monsing on 13-01-2024

Shsi hi ham very hi

Rahul biddu on 15-10-2023

Ye sahi ithehass nahi hai sansi cast ka


Sushil Biddu on 07-10-2023

bhut badiya history btai apne bhai ji apne lekin is history ka koi proof to do bhai ji taki govt yakn kre hmare baat pr or ham sb youth milke govt ko sansi ki history btaye taki ya to vo hme gen mai dale ya phir vo hme st mai dale koi ek kaam to kre govt hmare liye to sabse phle bhai ji muje aap apna no do mai apse baat kruga or mere pass sansi youth group hai meeting krke govt ko with proof ke saath dikate hai pr sansi rajput ko ya to gen kro ya st kro




aman on 17-08-2018

sansi kya h

Rahul Kumar adwani on 13-09-2018

My Rahul Kumar adwani form jaitpur

Muniram guniya on 12-01-2020

Sansi samaj ke a kitne kom7412850842

Muniram guniya on 12-01-2020

Muniram guniya Rajasthan bikaner 7412850842


Arjun on 15-01-2020

Sansi kya hai es ke utpati kha se hoi

Vinod Mishra on 12-06-2020

Raja sansbal ke jeevan pr roshni daale

Ganpat ramdhari on 03-08-2020

Sansi jati ka pura old itihas mere pas hai kisi bhi bhai ko jarurat ho to jodhpur aaye .m.no.9414720134

Bhajan lal sansi on 21-08-2020

Bhajan lal sansi kahan ka rehane vala hai

Rahul biddu on 05-01-2021

Ab sansi smaj k log rajput me aate h ya ni

Shivam rana ambala on 01-02-2021

Sansi caste SC category me aati h,
Or khud ko ye rajput Sisodia btate.


Bobby from Patiala on 26-02-2021

App ke pass sansi smaj ki koi kitab hai

BALWANT HIMTIYA Suratgarh on 21-06-2021

Sansi cast ko St ka darja dene ka govt. Paryas kre

BALWANT HIMTIYA Suratgarh on 21-06-2021

Rj. Ki govt sansi smaj ko Rajniti me bhagidari de

Ankit Kumar on 18-09-2021

Sansi jati ka maharana pratap singh se kuch sambhad hai kya

Rohit bidawat on 09-10-2021

Sansi smaj ke kitne got h

Pawan Malawat Bikaner on 12-01-2022

Saanai Samaj ka aaj ke jamane me bhi bahut jagah par shoshann ho raha he.
SaansiEktaZindabaad

Nasseb Rajput on 11-03-2022

कया सांसी समाज राजपुत वंश से समंबनधित है

Pawan kumar Ninaniya on 18-03-2022

Sansi ek janjati h jise ST M HONA CHAIYE THA LEKIN ISE SC M KYU DAL RAKHA H

Rakesh on 25-08-2022

Sansi samaj sabse piche kyo h.
I am Rakesh kumar taktyan mahala

Sultan on 08-10-2022

Hamare Raja ka kya naam tha

Hetram bikaner rajasthan on 03-12-2022

भाई जिस किसी ने ये इतिहास लिखा है और ये गुगल पे अपलोड किया है में उससे मिलना चाहता हूं?
या फोन कीजिए प्लीज 7878148408

Rithik balhaan mahla on 21-12-2022

Hum sab sansiyo ko mil kar indian govt. Apna hak mangna chahiye or or hume duniya ka samne lana chahiye//Rithik balhaan malhar/from jammu


Rithik balhaan mahla on 21-12-2022

Hamari sansi cast ka uper koi book h to koi batao 7006797198

Rithik balhaan mahla on 21-12-2022

Hum sab sansiyo ko mil kar indian govt.sa Apna hak mangna chahiye or hume duniya ka samne lana chahiye//Rithik balhaan mahla/from jammu

Chann mahla on 15-02-2023

Kya maharaja ranjit singh sansi they agar kisi ko pta hai to sach bathe ..thanks

Sisodhia Rajput kahangarh on 16-02-2023

Sansi Sisodhia Rajput sansi maharana pratap ke vansj hai or maharaja Ranjit Singh sansi jati ke hi the unke senapati ka pota abhi bhi jivit hai vo jivit parman hai or jo another bude bajurag unko bhi itihas PTA hai

Rohit Rajput sansi mahla on 22-02-2023

Ham sansi ka Raja kaun hai

Rashmi on 01-04-2023

Govt hame kyu sc cast m dal diya jb ki ham rajput bansh ke hai

Aniket mahla on 22-05-2023

Sansi jati ko sc se uthakr bc A me dal dena chahiye is se hame thoda ucha drja milega

S.Pratap on 21-06-2023

Maharana Paratap Singh Sisodia The Greatest king of Mewar Rajasthan ke 3ed bete Kunwar Sahasmal the jinki Mata ji ka naam Maharani solankini tha. Kunwar sahasmal ji ne Parivarik karno se Ek alag Riyasat Bsai jo vartman me Dist Pratapgarh hai jo Sisodia vansh ki hai. Kunwar Sahasmal se SAHSI Caste Bani Jo vartman me alag alag languages me sahsi ya Sansi kehlate hai. Sahsi/ Sansi Ek suryavanshi caste hai jinki kuldevi Baanmata aur ishdev/ Kuldev Bhagwan Ekling ji/ Mahadev ji hain. Ishi caste me Sisodia vansh me Sher-E-Punjab Maharana Ranjeet Singh Ji paida huve. SAHSIYON Ke sath British govt. Aur baad me Indian Govt. ne bhi anyay kiya aur jo maan samman milna chahiye tha wo nhi mila. British govt. Ki naak me dum ish Sahsi jati ne kiya tha unke khajane lootke garibon me baante. British govt.ke virodh ke karan ye ek criminal janjati bni. Aaj General castes S.C. ki taraf aarakshan ke liye bhaag rahi hain. Lekin Sahsi Caste ko S.C. me dala gaya hai jahan se ish caste ko koi labh nhi mil rha. Ish caste ka hak S.T. ka bnta hai. Agar govt. S.T. me nhi dalti to in logon ko inka hak dia jaye jo inka bnta hai aur General Caste me sahsi caste ko Add kia jaye. Agar Mere bhai ish baat se agree hain to Comment kren. Jai Maharaj Sahasmal Sisodia.Jai Sahsi Jai Bharat.




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