Swadeshi Vastu Par Nibandh स्वदेशी वस्तु पर निबंध

स्वदेशी वस्तु पर निबंध



Pradeep Chawla on 28-09-2018

सन 1947 में 1 रुपया 1 डालर के बराबर होता था जो वर्तमान में घटकर 55रुपये 1 डालर के बराबर हो गया है। भारत पर वित्त वर्ष 2011-12 के अंत में विदेशी ऋण मार्च 2011 के 305.9 अरब डॉलर की तुलना में 13 प्रतिशत अर्थात 39.9 अरब डॉलर बढकर 345.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। आजादी के 60 वर्ष बाद भी हमें खिलौने भी चीन के बने हुये प्रयोग करते है। थोक के भाव इंजीनीयर पैदा करने वाले देश में.कैलकुलेटर, मैमोरी कार्ड , सिम कार्ड ...... जैसी छोटी छोटी वस्तऐं भी चीन से आयातित करनी पड रही है।दैनिक रोजमर्रा की वस्तुओं साबुन, सैम्पू, क्रीम, तेल, जूता, कपडे, पैन, घडी, मोबाईल, पानी की बोतल, चाय, काँफी,अचार का डिब्बा,......यहाँ तक नमक भी इनमें अधिकाँश वस्तुऐं विदेशी होती है। अभी भी वक्त है अगर अभी भी हमने ध्यान नहीं दिया तो भारत में आर्थिक गुलामी आ जायेगी। भारत की अर्थव्यवस्था विदेशी कम्पनियों की गुलाम बन जायेगी। कहीं ऎसा ना हो आने वाले समय में हमारी पीढी हमसे कहे जब विदेशी कम्पनियाँ देश लूट रही थी तब तुम क्या फेसबुक चला रहे थे।अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन एसा आयेगा जब हमारे राजनेता वही करेंगें जो विदेशी कम्पनियाँ चाहेगीं। हमारा मिडिया भी वही दिखायेगा जो विदेशी कम्पनियाँ चाहेगीं एसा होना शुरु भी हो गया है।अंग्रजों के समय एक विदेशी कम्पनी थी ईस्ट इण्डिया कम्पनी जिससे मुक्ति दिलाने में लाखों क्रान्तकारियों को बलिदान होना पडा। आज तो हजारों कम्पनियाँ हमें लूट रही है। विश्व बैंक और W.T.O. की शर्तों को मानना आज हमारी मजबूरी बन गया है। अगर रुपये की कीमत और गिरती है तो जो हम पर विदेशी कर्जा है वह कई गुणा हो जायेग।आने वाली आर्थिक गुलामी से बचने का एक मात्र उपाय है स्वदेशी प्रचार।अपने जीवन में जितना सम्भव हो सके स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग कीजिये तभी राजीव भाई के सपनों के भारत का निर्माण हो सकता है।




जितना हो सके इसका प्रिंट निकाल कर अपने मित्रों में बाँटे।



अब आप जरा ध्यान से समझें की भारत एक घर है, और अमेरिका या यूरोप दूसरा घर। अब यदि आप भारतके वासी होकर अमेरिका के घर की दूकान से सामान खरीदोगे तो वो पैसा और उसके अंदर की कमाई अमेरिका के घर की सुधार में ही लगेगी न, वो पैसा तो गया भारत से। तो अब आप सोचिये की ये आपने क्या किया, किसकी समृधि के लिए आप खर्चा कर रहे हैं। क्यूँ आपको विदेशी कम्पनियाँ विज्ञापनों से प्रलोभन देकर लुभाती हैं ? हम अगर अपने स्वदेश की चीजों पर पैसा खर्चेंगे तो जो हमारे उत्पादक भाई बंधू हैं उन्हें और पैसा मिलेगा जिससे वो और अच्छी वस्तुओ का निर्माण करने में लगायेंगे और हमको और बेहतर सामान मिलने लगेगा। कुछ त्याग आप करोगे तो ही ये देश खड़ा होगा और आप और आपके बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। विदेशी वस्तुओ और कंपनियो का सामान खरीद कर आप धीरे धीरे अपने देश का पैसा बाहर भेज रहे हैं और भारत में गरीबी को बड़ा रहे हैं।विज्ञापनों पर मत जाइये अपनी अक्ल लगाइए। कोई भी वस्तु ख़रीदेतो याद रखें की वो देश का भला करने के लिए हैं या नहीं।




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Comments Tanishka Tanwar on 29-09-2022

Vartman Mein Swadeshi Vastu ki kya avashyakta hai

Aditya Gupta on 25-05-2021

Vastu prayog per nibandh

gaurav on 01-10-2018

great


Anshu S on 16-08-2018

Swdeshi PR nibandh



Anshu S on 16-08-2018

Swdeshi PR nibandh



कग जनगणना २०११ इन हिंदी मुसलमानों के लिए अतिरिक्त निर्वाचक मण्डल प्रारम्भ में किसके द्वारा लाया गया था - भारतीय रेल्वे इतिहास इलेक्ट्रिक बल्ब इन हिंदी बाबा रामदेव जी की कथा खगोलीय दूरदर्शी की संरचना हल्दी सर्वाधिक किस जिले में उत्पादित होती है ? राज्यसभा महासचिव कौन है बीकानेर जिला कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रति वास्तु के रूप में अलमारी की दिशा विविध पक्ष्यांची माहिती दिनकर की उर्वशी नामक कृति किसकी है ? मुद्रास्फीति क्या है विज्ञान की प्रकृति क्या है चूना , नाईट्रोजन व ह्यूमस की कमी किस मिट्टी में पाई जाती है - लोक साहित्य की अवधारणा भक्ति आंदोलन का अखिल भारतीय स्वरूप गरीबी हटाओ नारा किसने दिया था टोबेको मोज़ेक वाइरस का संबंध है ? शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान

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