द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में हुए विचार विमर्श के फल स्वरूप कम्युनल अवार्ड की घोषणा की गई। जिसके तहत बाबासाहेब द्वारा उठाई गयी राजनीतिक प्रतिनिधित्व की माँग को मानते हुए दलित वर्ग को दो वोटों का अधिकार मिला। एक वोट से दलित अपना प्रतिनिधि चुनेंगे तथा दूसरी वोट से सामान्य वर्ग का प्रतिनिधि चुनेंगे। इस प्रकार दलित प्रतिनिधि केवल दलितों की ही वोट से चुना जाना था। दूसरे शब्दों में उम्मीदवार भी दलित वर्ग का तथा मतदाता भी केवल दलित वर्ग के ही
दलित प्रतिनिधि को चुनने में गैर दलित वर्गअर्थात सामान्य वर्ग का कोई दखल ना रहा। परन्तु दूसरो ओर दलित वर्ग अपनी दूसरी वोट के माध्यम से सामान्य वर्ग के प्रतिनिधि को चुनने से अपनी भूमिका निभा सकता था। गाँधी इस समय पूना की येरवडा जेल में थे। कम्युनल एवार्ड की घोषणा होते ही पहले तो उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर इसे बदलवाने का प्रयास किया, परंतु जब उन्होंने देखा के यह निर्णय बदला नहीं जा रहा, तो उन्होंने मरण व्रत रखने की घोषणा कर दी।
डॉ॰ आम्बेडकर ने बयान जारी किया कि "यदि गांधी भारत की स्वतंत्रता के लिए मरण व्रत रखते, तो वह न्यायोचित था। परंतु यह एक पीड़ादायक आश्चर्य है कि गांधी ने केवल अछूत लोगो को ही अपने विरोध के लिए चुना है, जबकि भारतीय ईसाइयो, मुसलमानों और सिखों को मिले इसी (पृथक निर्वाचन के) अधिकार के बारे में गाँधी ने कोई आपत्ति नहीं की।" उन्होंने आगे कहा की "गांधी कोई अमर व्यक्ति नहीं हैं। भारत में ऐसे अनेकों महात्मा आए और अनेको चले गए, जिनका लक्ष्य छुआछूत को समाप्त करना था, परंतु अछूत, अछूत ही रहे।" उन्होंने कहा कि गाँधी के प्राण बचाने के लिए वे अछूतों के हितों की बलि नहीं दे सकते। गांधी के प्राणों पर भारी संकट आन पड़ा। पूरा हिंदू समाज डॉ॰ आम्बेडकर का दुश्मन हुए जा रहा था। एक ओर डॉ॰ आम्बेडकर से समझौते की वार्ताएं हो रहीं थी, तो दूसरी ओर डॉ॰ आम्बेडकर को धमकियां दी जा रही थीं। अखबार गांधी की मृत्यु पर देश में दंगो की भविष्यवाणियां कर रहे थे। एक और अकेले डॉ॰ आम्बेडकर और अनपढ़, अचेतन और असंगठित दलित समाज, तो दूसरी ओर सारा सवर्ण हिंदू समाज। कस्तूरबा गांधी व उनके पुत्र देवदास गांधी बाबासाहब आम्बेडकर के पास गए और उनसे प्रार्थना की कि वे गांधी के प्राण बचा ले। डॉ॰ आम्बेडकर की हालत उस दीपक की भाँति थी, जो तूफान के सामने अकेला जूझ रहा था कि उसे जलते ही रहना है और उसे उपेक्षित वर्गो को प्रकाश प्रदान कर, उन्हें मंजिल तक पहुंचाना है।
24 सितम्बर 1932 को साय पांच बजे यरवदा जेल पूना में गाँधी और डॉ॰ आम्बेडकर के बीच समझौता हुआ, जो बाद में पूना पैक्ट के नाम से मशहूर हुआ। इस समझौते में डॉ आम्बेडकर को कम्युनल अवॉर्ड में मिले पृथक निर्वाचन के अधिकार को छोड़ना पड़ा तथा संयुक्त निर्वाचन (जैसा कि आजकल है) पद्धति को स्वीकार करना पडा, परन्तु साथ हीं कम्युनल अवार्ड से मिली 78 आरक्षित सीटों की बजाय पूना पैक्ट में आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ा कर 148 करवा ली। साथ ही अछूत लोगो के लिए प्रत्येक प्रांत में शिक्षा अनुदान में पर्याप्त राशि नियत करवाईं और सरकारी नौकरियों से बिना किसी भेदभाव के दलित वर्ग के लोगों की भर्ती को सुनिश्चित किया। इस समझौते पर हस्ताक्षर करके बाबासाहब ने गांधी को जीवनदान दिया। आम्बेडकर इस समझौते से असमाधानी थे, उन्होंने गांधी के इस अनशन को अछूतों को उनके राजनीतिक अधिकारों से वंचित करने और उन्हें उनकी माँग से पीछे हटने के लिये दवाब डालने के लिये गांधी द्वारा खेला गया एक नाटक करार दिया। 1942 में आम्बेडकर ने इस समझौते का धिक्कार किया, उन्होंने ‘स्टेट आॅफ मायनॉरिटी’ इस अपने ग्रंथ में भी पूना पैक्ट संबंधी नाराजगी व्यक्त की हैं। भारतीय रिपब्लिकन पार्टी द्वारा भी इससे पहले कई बार धिक्कार सभाएँ हुई हैंनीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Question Bank International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity