कालिका Mata Mandir Chittorgadh Durg कालिका माता मन्दिर चित्तौड़गढ़ दुर्ग

कालिका माता मन्दिर चित्तौड़गढ़ दुर्ग



GkExams on 08-08-2022


कालिका माता मन्दिर चित्तौड़गढ़ दुर्ग : यह चमत्कारी मन्दिर भारत के राजस्थान राज्य के चित्तोडगढ नगर पालिका में चित्तौड़ किले के भीतर स्थित एक 8वीं शताब्दी में निर्मित हिन्दू मन्दिर है। बताया जाता है की सिसोदिया राजवंश के राजा बप्पारावल ने एक सूर्य मंदिर के रूप में इस मंदिर का निर्माण करवाया था।


कालिका-Mata-Mandir-Chittorgadh-Durg


इसके बाद मुस्लिम आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी ने एक बार इस मंदिर में स्थापित सूर्य देव की मूर्ति को खंडित कर दिया था और साथ ही इस मंदिर के ऊपर भी थोड़ा बहुत नुकसान पहुंचा दिया था।


फिर इसके बाद जब वक्त बदला तो 14वी शताब्दी में महाराणा हमीर सिंह ने मंदिर में कलिका माता की मूर्ति को स्थापित किया, तब से यह कलिका माता के मंदिर के नाम से मशहूर हो गया।


ध्यान रहे की यह कालिका माता मंदिर भद्रकाली माता को समर्पित है, जिनसे दर्शन करने के लिए आसपास के श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती है और साथ ही चित्तौड़गढ़ किले को देखने आए दूर-दूर के पर्यटक भी इस मंदिर में भद्रकाली माता के दर्शन करते हैं।


कालिका माता मंदिर दर्शन का समय :




अगर आप भी कालिका माता मंदिर के दर्शन करना चाहते है तो आपको बता दे की यह मन्दिर हमेशा सुबह 5:00 बजे ही खुल जाता है और रात के 8:00 बजे बंद होता है।


Kalika Mata Temple Address :




Chittorgarh Fort, Chittorgarh, Rajasthan 312001


Kalka Mata Ki Aarti :




मंगल की सेवा सुन मेरी देवा ,हाथ जोड तेरे द्वार खडे।
पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेट धरेसुन।।


जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ।।


बुद्धि विधाता तू जग माता ,मेरा कारज सिद्व रे।
चरण कमल का लिया आसरा शरण तुम्हारी आन पडे।।


जब जब भीड पडी भक्तन पर, तब तब आप सहाय करे।
गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरूणी रूप अनूप धरेमाता।।


होकर पुत्र खिलावे, कही भार्या भोग करेशुक्र सुखदाई सदा।
सहाई संत खडे जयकार करे ।।


ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये भेट तेरे द्वार खडेअटल सिहांसन।
बैठी मेरी माता, सिर सोने का छत्र फिरेवार शनिचर।।


कुकम बरणो, जब लकड पर हुकुम करे ।
खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे।।


शुम्भ निशुम्भ को क्षण मे मारे ,महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी ,जन अपने को कष्ट हरे ।।


कुपित होकर दनव मारे, चण्डमुण्ड सब चूर करे।
जब तुम देखी दया रूप हो, पल मे सकंट दूर करे।।


सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता ,जन की अर्ज कबूल करे ।
सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे।।


सिंह पीठ पर चढी भवानी, अटल भवन मे राज्य करे।
दर्शन पावे मंगल गावे ,सिद्ध साधक तेरी भेट धरे ।।


ब्रह्मा वेद पढे तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान धरे।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चॅवर कुबेर डुलाय रहे।।


जय जननी जय मातु भवानी , अटल भवन मे राज्य करे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, मैया जै काली कल्याण करे।।



Comments उर्मिला on 19-01-2022

विशवन्ति माता का मंदिर किस दुर्ग में स्थित है?





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment