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भारतीय संविधान और सामाजिक न्याय - Bharateey Samvidhan Aur Samajik Nyay -44925 Join Telegram

Bharateey Samvidhan Aur Samajik Nyay भारतीय संविधान और सामाजिक न्याय

भारतीय संविधान और सामाजिक न्याय




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GkExams on 26-12-2022


सामाजिक न्याय के बारें में (About Social Justice In Hindi) : इस प्रकार की न्याय की बुनियाद सभी मनुष्यों को समान मानने के आग्रह पर आधारित है। इसके मुताबिक किसी के साथ सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पूर्वर्ग्रहों के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।


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हर किसी के पास इतने न्यूनतम संसाधन (social justice and empowerment) होने चाहिए कि वे ‘उत्तम जीवन’ की अपनी संकल्पना को धरती पर उतार पाएँ। विकसित हों या विकासशील, दोनों ही तरह के देशों में राजनीतिक सिद्धांत के दायरे में सामाजिक न्याय की इस अवधारणा और उससे जुड़ी अभिव्यक्तियों का प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसका अर्थ हमेशा सुस्पष्ट ही होता है।


सामाजिक न्याय के मुद्दे :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा प्रमुख सामाजिक न्याय के मुद्दों (social justice examples) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • स्वास्थ्य सेवा
  • भुखमरी
  • खाद्य असुरक्षा
  • नस्लीय भेदभाव
  • आयुवाद



  • भारतीय संविधान और सामाजिक न्याय :




    भारतीय संविधान के भाग चार में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत ऐसे अनेक अनुच्छेद हैं जोकि प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के सामाजिक न्याय (social justice in india) प्रदान करता है...


    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 : यह राज्य भारत के सभी नागरिकों व्यक्तियों को विधि के समक्ष समानता और विधि के समान संरक्षण प्रदान करता है।


    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 : यह धर्म मूल वंश जाति लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का निषेध करता है।


    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 : यह राज्य दिन पदों पर नियुक्ति के संबंध में सभी नागरिकों को अवसर की समानता प्रदान करता है लोक नियोजन में सरकारी नौकरियों में अवसर की समानता।


    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 : इनके अंतर्गत राज्य राज्य स्वच्छता छुआछूत का उन्मूलन कर पछता को दंडी अपराध घोषित करता है।


    हम समझ सकते है की सामाजिक न्याय (social justice in education) और समानता हमारे संविधान के महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं और सामाजिक न्याय की स्थापना का मतलब है कि सभी लोगों के साथ बिना किसी भेदभाव के कानून की नजर में समान व्यवहार किया जाना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति और विभिन्न प्रावधानों के विकास के लिए एक निष्पक्ष वातावरण की स्थापना सुनिश्चित करना चाहिए।



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    सम्बन्धित प्रश्न



    Comments


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