Jharkhand Ke Sahityakaar झारखण्ड के साहित्यकार

झारखण्ड के साहित्यकार



GkExams on 05-02-2019

हिन्दी के विश्रुत व्यंग्यकर्मी, व्यंग्य समीक्षक, सर्वप्रिय प्राध्यापक प्रोफ़ेसर (डॉ.) बालेन्दु शेखर तिवारी का जन्म 29 अक्टूबर 1948 को सीवान, बिहार में हुआ था। मात्र 5 वर्ष की अल्प आयु में आपके पिताजी का स्वर्गवास हो गया। आपके पिता स्व. डॉ. सिद्धिनाथ तिवारी बिहार नेशनल कॉलेज, पटना, बिहार में हिन्दी के प्राध्यापक थे। तत्पश्चात पितामह स्व. श्री रामदास तिवारी (सेवानिवृत्त सहायक पोस्ट मास्टर जनरल, भारत सरकार) और माता जी स्व. लीलावती देवी की छत्रछाया में आपकी शिक्षा–दीक्षा पटना विश्वविद्यालय से संपन्न हुई। 19 मई सन 1970 को आप अपनी सहधर्मिणी स्व. श्रीमती विद्या तिवारी से परिणय सूत्र में बंधे।


आपने सन 1975 में पटना विश्वविद्यालय, बिहार से ‘हिन्दी का स्वातंत्र्योत्तर हास्य और व्यंग्य’ विषय पर पीएच. डी. की शोध उपाधि हासिल की और सन 1983 में राँची विश्वविद्यालय से आपने ‘हिन्दी व्यंग्य लेखन का शैलीवैज्ञानिक विश्लेषण’ विषय पर डी. लिट. की सर्वोच्चतम शोध उपाधि प्राप्त की। सन 1975 में ही आपकी नियुक्ति राँची विश्वविद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक पद पर हुई। आप सन 2010 में राँची विश्वविद्यालय से प्रोफ़ेसर पद से सेवानिवृत्त हुए। लगभग 36 वर्षों के विश्वविद्यालीय कार्यकाल में आपने 56 पीएच.डी और 14 डी.लिट. उपाधियों के लिए शोधार्थियों का निर्देशन किया। लगभग पाँच दशकों की लंबी अवधि में आपने व्यंग्य लेखन की सभी विधाओं – व्यंग्य, लघु व्यंग्य, कविता, नाटक, व्यंग्यालोचन, पत्रकारिता में अमूल्य योगदान दिया। इस क्षेत्र में 30 से अधिक पुस्तकों और व्यंग्येतर अध्ययन-अनुसंधान से जुड़ी 30 से अधिक पुस्तकों के रचयिता प्रोफ़ेसर तिवारी को अनेक शासकीय-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। उनके व्यंग्यकर्म पर कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य सम्पन्न हो चुके हैं।


कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आपने साहित्य और भाषा के विषयों पर अनेक व्याख्यान दिए और देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रस्तुत 170 से अधिक डी.लिट. / पी.एच.डी. / एम.फिल. के शोध-प्रबन्धों का मूल्यांकन किया। भारत की सामासिक साहित्य-संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए आपने महती भूमिका निभाई। आपने दक्षिण भारत के प्रमुख समाज सुधारक एवं दार्शनिक गुरू बसवेश्वर द्वारा कन्नड़ भाषा में लिखित ‘वचन साहित्य’ का भोजपुरी भाषा में अनुवाद किया, जिसे बसव समिति, बेंगलूरू ने ‘वचन’ शीर्षक से वर्ष 2016 में प्रकाशित किया।


प्रतिदिन नियमित रूप से 16 घंटे काम करने वाले प्रोफ़ेसर तिवारी का 68 वर्ष की आयु में 19 फरवरी 2017 को राँची (झारखंड) में निधन हो गया। वे अपने पीछे अपनी चार संतानों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री अभीक अवतंस पटना में असिस्टेंट कमिश्नर, सेल्स टैक्स, बिहार सरकार के पद पर कार्यरत हैं, उनकी ज्येष्ठ पुत्री श्रीमती डॉ संपदा पाण्डेय इंटर कॉलेज, पटना, में हिन्दी साहित्य की व्याख्याता हैं, कनिष्ठ पुत्री श्रीमती अंगदा पाण्डेय इंटर कॉलेज, बेंगलुरू में जैव विज्ञान की व्याख्याता हैं, छोटे पुत्र अभिषेक अवतंस नीदरलैंड (यूरोप) के लायडन विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषाविज्ञान और साहित्य के प्राध्यापक हैं।



सृजनकर्म :


स्वरचितपुस्तकें :

  1. हिन्दी का स्वातंत्र्योत्तर हास्य और व्यंग्य, 1978 शोध ग्रन्थ अन्नपूर्णा प्रकाशन, कानपुर
  2. जिजीविषा के स्वर, 1979 सह-संपादित काव्य संग्रह, नवलेखन प्रकाशन, हजारीबाग
  3. सूर-विविध संदर्भों में, 1979 सह-संपादित समीक्षा, किशोर विद्या निकेतन, वाराणसी
  4. रिसर्च गाथा, 1979 व्यंग्य संकलन, अन्नपूर्णा प्रकाशन, कानपुर
  5. अज्ञेय की सर्जना-विविध आयाम, 1980 संपादित समीक्षा, बिहार ग्रंथ कुटीर, पटना
  6. बानगी, 1980 संपादित व्यंग्य संकलन, किशोर विद्या निकेतन, वाराणसी
  7. वचनदेव कुमार की व्यंग्य कविताएँ, 1980 संपादित काव्य संकलन, प्रज्ञा प्रकाशन, राँची
  8. हिन्दी हितैषिता का चरित्र, 1982 संपादित समीक्षा, दरअसल प्रकाशन, पटना
  9. रागदरबारी- व्यंग्य संदर्भ की परख, 1983 सह-संपादित समीक्षा, ज्योति प्रकाशन, राँची
  10. डॉ. वचनदेव कुमार-अर्धशती मूल्यांकन, 1984 संपादित समीक्षा, ग्रंथ प्रतिष्ठान, राँची
  11. बिना यात्रा की यात्रा, 1985 व्यंग्य संकलन, पारिजात प्रकाशन, पटना
  12. किराएदार साक्षात्कार, 1985 व्यंग्य संकलन, श्री हिन्दी साहित्य संसार, दिल्ली
  13. व्यंग्य ही व्यंग्य, 1987 संपादित लघु व्यंग्य संकलन, सत्साहित्य प्रकाशन, दिल्ली
  14. क्रिकेट कीर्तन, 1988 संपादित व्यंग्य संकलन, पंचशील प्रकाशन, जयपुर
  15. हिन्दी व्यंग्य के प्रतिमान,1988 समीक्षा, गिरनार प्रकाशन, महेसाना
  16. मेरी प्रिय व्यंग्य रचनाएँ, 1988 व्यंग्य संकलन, राज पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
  17. इक्कीसवीं सदी में व्यंग्यकार, 1989 व्यंग्य संकलन, पंचशील प्रकाशन, जयपुर
  18. युगपुरुष डॉ. रामकुमार वर्मा, 1989 सह-संपादित समीक्षा, आर्यभाषा संस्थान, वाराणसी
  19. हिन्दी नाटक के सौ वर्ष, 1990 संपादित समीक्षा, गिरनार प्रकाशन, महेसाना
  20. व्यंग्यालोचन, 1991 समीक्षा, सहयात्री प्रकाशन, राँची
  21. गोपनीय, गृहउद्योग, 1991 व्यंग्य संकलन, अयन प्रकाशन, दिल्ली
  22. फिल्मावलोकन, 1993 संपादित, व्यंग्य संकलन, राज पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
  23. बेटरहाफ, 1995 संपादित व्यंग्य संग्रह, सरस्वती प्रकाशन, कानपुर
  24. जोहार बापू, 1995 सह-संपादित काव्य संग्रह, जनता पुस्तक केन्द्र, राँची
  25. स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी व्यंग्य सृजन की यात्रा, 1996 सह-संपादित व्यंग्य संग्रह, अभिव्यंजना, दिल्ली
  26. अनुवाद विज्ञान, 1996 संपादित समीक्षा, प्रकाशन संस्थान, दिल्ली
  27. सामाजिक भाषाशास्त्र,1996 सह-संपादित समीक्षा, संजय बुक सेंटर, वाराणसी
  28. काव्यगंगा, 1996 संपादित काव्य संग्रह, मगध प्रकाशन, पटना
  29. मिडियोत्सव, 1997 एकाकी संग्रह, भावना प्रकाशन, दिल्ली
  30. सुगम काव्यशास्त्र, 1997 सहलिखित समीक्षा, विकास प्रकाशन, कानपुर
  31. समय के आयुध, 1997 संपादित गद्य-विधाएँ, नेगचार प्रकाशन, बीकानेर
  32. दस एकांकी, 1998 संपादित एकांकी संग्रह, शबनम पुस्तक महल, कटक
  33. हिन्दी- स्वरूप और समस्याएँ, 1998 सहलिखित समीक्षा, रांची प्रकाशन, जयपुर
  34. प्रायोजनिक हिन्दी, 1998 समीक्षा, अनुपम प्रकाशन, पटना
  35. क्रिकेट कीर्तन, 1998 संपादित व्यंग्य संग्रह, भगवती पाकेट बुक्स, आगरा
  36. प्रयोजनमूलक हिन्दी, 1999 संपादित समीक्षा, संजय बुक सेंटर, वाराणसी
  37. नागर कथाएँ, 2001 संपादित कहानी संग्रह, अमन प्रकाशन, कानपुर
  38. फिल्मेरिया और अन्य हास्य नाटिकाएँ, 2002 एकांकी संग्रह, साहित्य संगम, इलाहाबाद
  39. व्यंग्य चिन्तन और शंकर पुणतांबेकर, 2002 सह-संपादित समीक्षा, भावना प्रकाशन, दिल्ली
  40. काव्य सुधा, 2003 सह-संपादित काव्य संकलन, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
  41. काव्य कलश, 2003 सह-संपादित काव्य संकलन, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
  42. वस्तुनिष्ठ काव्यशास्त्र, 2005, 2009 समीक्षा, क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी, दिल्ली
  43. हिन्दी शब्द शक्ति और पारिभाषिक, शब्दावली, 2005 सहलिखित समीक्षा, क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी, दिल्ली
  44. झारखण्ड का भाषा परिवार, 2006 सहलिखित समीक्षा, क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी, दिल्ली
  45. कार्यालयी हिन्दी, 2006 सहलिखित समीक्षा, क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी, दिल्ली
  46. प्रेमचंद की हास्य कहानियाँ, 2006 संपादित कथा संकलन, विशाल पब्लिकेशन, पटना
  47. हिन्दी वर्ल्ड में हमारे चिंतक जी 2008 काव्य संग्रह, जवाहर पुस्तकालय, मथुरा
  48. वंडर में थंडर, 2010 एकांकी संग्रह, उर्मिल प्रकाशन, गाजियाबाद
  49. बिहार की व्यंग्यकारी, 2011 संपादित व्यंग्य संग्रह, जागृति साहित्य प्रकाशन, पटना
  50. प्रणाम सर, 2013, व्यंग्य कविताएँ, समीक्षा प्रकाशन, मुजफ़्फ़रपुर
  51. कैलाशपति, 2014, शिवकथा पर आधारित पौराणिक उपन्यास, विशाल पब्लिकेशन, पटना
  52. व्यंग्यालोचन के पारद्वार, 2014, आलोचना, क्लासिकल पब्लिशिंग कंपनी, दिल्ली
  53. करमटोली में होली, 2014, व्यंग्य संग्रह, कांति प्रकाशन, पटना
  54. रागदरबारी : एक पुनर्मूल्यांकन, 2014 एजुकेशनल बुक सर्विस, दिल्ली
  55. फ़ायदे ही फ़ायदे, 2014, व्यंग्य संग्रह, किशोर विद्या निकेतन, वाराणसी
  56. इक्कीसवीं सदी के नए व्यंग्य नाटक, 2014, संपादित नाटक, परिक्रमा प्रकाशन, दिल्ली
  57. इक्कीसवीं सदी की नई व्यंग्य रचनाएँ, 2014, संपादित व्यंग्य, परिक्रमा प्रकाशन, दिल्ली
  58. भारत दुर्दशा का चित्रहार, 2015, आलोचना, समन्वय प्रकाशन, गाजियाबाद-201002
  59. हिन्दी हास्य-व्यंग्य कोश, 2015, साहित्य कोश, अमित प्रकाशन, गाजियाबाद
  60. वचन, 2016, बसवेश्वर कृत कन्नड़ साहित्य का भोजपुरी अनुवाद, बसव समिति, भाषा भवन, बसेश्‍वर रोड, बंगलौर – 560001
  61. नमनोस्मरण, 2016, संस्मरण संग्रह, परिक्रमा प्रकाशन, दिल्ली
  62. अनुवाद शास्त्र, 2017, अनुवाद विज्ञान, समन्वय प्रकाशन, गाजियाबाद


आलेख – संपादन :

  • व्यंग्य त्रैमासिक “अभीक” का 1973 से संपादन
  • राँची विश्वविद्यालय की शोध पत्रिका “अनुवाक” के शोध तंत्र विशेषांक (2010) का संपादन
  • देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 1968 से अब तक 1000 से अधिक गद्य और पद्य रचनाएँ विविध विधाओं में प्रकाशित।
  • देश की विभिन्न पत्रिकाओं/शोध संकलनों में 80 से अधिक शोधपत्रों का प्रकाशन।
  • सदस्य हिन्दी प्रगति समिति, बिहार सरकार, 1995-2000
  • विशेषज्ञ सदस्य, हिन्दी शोध समिति, गुरूघासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ 2002-2003
  • सदस्य, अकादमिक एवं शोध समिति, कला संकाय, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, मध्य प्रदेश, 2002-2003
  • सदस्य, अकादमिक समिति, आंध्र विश्‍वविद्यालय, विशाखापत्तम्, 2005-2006
  • सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय स्तर की 30 से अधिक संगोष्ठियों में सक्रिय भागीदारी



विशेष पुरस्कार एवं सम्मान :

  1. बिहार सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा 1986-87 में पाँच हजार रुपयों का शिवपूजन सहाय पुरस्कार।
  2. विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा 1991 में मानद विद्यासागर (डी.लिट.) उपाधि।
  3. रमण ट्रस्ट पटना द्वारा 1993 में सर्वश्रेष्ठ आलोचक का ताम्रपत्र।
  4. साहित्यकार संसद, समस्तीपुर द्वारा में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र राष्ट्रीय शिखर सम्मान।
  5. साहित्य परिषद्, सिवनी द्वारा 1998 में पाँच हजार रुपयों का राधा देवी स्मृति पुरस्कार।
  6. लोक साहित्य संस्थान, रायपुर द्वारा 1998 में लोकमान्य साहित्य, सम्मान।
  7. ‘विदूषक’ पत्रिका, जमशेदपुर द्वारा 1998 में 1500 रुपए का जगन्नाथ राय शर्मा स्मृति सम्मान।
  8. सहस्त्राब्दी विश्व हिन्दी सम्मेलन, दिल्ली द्वारा 2000 में राष्ट्रीय हिन्दी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान।
  9. हिन्दी-उर्दू अवार्ड कमेटी, लखनऊ द्वारा 2002 में बीस हजार रुपयों का साहित्य शीर्ष सम्मान।
  10. अखिल भारतीय साहित्य कलामंच, मुरादाबाद द्वारा 2005 में व्यंग्य शिखर सम्मान।
  11. काव्य मधुबन, कोटा द्वारा 2008 में व्यंग्यश्री सम्मान।
  12. नई धारा पत्रिका पटना द्वारा 2009 में पच्चीस हजार रुपयों का रचना सम्मान।


समीक्षा-शोध के संदर्भ :

  1. डॉ. बापू राव देसाई एवं डॉ. ब्रजेश कुमार पांडेय के सम्पादन में सम्पूर्ण साहित्यिक अवदान पर केन्द्रित ग्रन्थ ‘व्यंग्य के लिए समर्पित एक नाम’, अयन प्रकाशन, दिल्ली से 1993 में प्रकाशित।
  2. पूर्णिया से डॉ. परमेश्वर गोयल के सम्पादन में मासिक ‘भागीरथी’ का जुलाई-अगस्त 1994 अंक ‘डॉ. बालेन्दु शेखर तिवारी साधना विशेषांक’ के रूप में प्रकाशित।
  3. अन्नामलै विश्वविद्यालय, अन्नामलैनगर की एम.फिल. उपाधि के लिए श्रीमती ए.मुत्तु जानकी द्वारा ‘बालेन्दु शेखर तिवारी का व्यंग्य साहित्य’ शीर्षक शोध-प्रबन्ध 1990 में स्वीकृत।
  4. विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की पी.एच.डी. उपाधि के लिए डॉ. वंदना जैन का शोध-प्रबन्ध ‘हिन्दी व्यंग्य परम्परा के परिप्रेक्ष्य में बालेन्दु शेखर तिवारी के चिंतन और सृजन का मूल्यांकन’ 1999 में स्वीकृत।
  5. शोध ग्रंथ ‘बालेन्दु शेखर तिवारी का व्यंग्य कर्म: चिंतन और सृजन’ क्लासिकल पब्लिशिंग कम्पनी, दिल्ली से 2003 में प्रकाशित।
  6. कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र द्वारा एम.फिल. उपाधि के लिए अंजू चौहान का शोध-प्रबन्ध ‘डॉ. बालेन्दु शेखर तिवारी कृत मीडियोत्सव में हास्य और व्यंग्य’ 2000 में स्वीकृत।
  7. रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर की पी.एच.डी. उपाधि के लिए डॉ. महुआ डे का शोध-प्रबन्ध ‘व्यंग्यकर्मी बालेन्दु शेखर तिवारी- व्यक्ति और साहित्य’ 2003 में स्वीकृत।
  8. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर की पी.एच.डी. उपाधि के लिए डॉ. अभिजीत मिश्रा का शोध-प्रबन्ध ‘हिन्दी व्यंग्य साहित्य को डॉ. बालेन्दु शेखर तिवारी का प्रदेय’ 2003 में स्वीकृत।
  9. महात्मा ज्योतिफुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली की पी.एच.डी. उपाधि के लिए डॉ. कृष्णा तिवारी का शोध प्रबन्ध ‘डॉ. बालेन्दु शेखर तिवारी का व्यंग्य साहित्य-संवेदना और शिल्प’ 2007 में स्वीकृत।
  10. शोध ग्रंथ ‘डॉ. बालेन्दु शेखर तिवारी का व्यंग्य साहित्य: संवेदना और शिल्प’ मनीष प्रकाशन, वाराणसी द्वारा 2009 में प्रकाशित।
  11. मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर की पी.एच.डी. उपाधि के लिए डॉ. श्रीधर पी.डी. का शोध प्रबन्ध ‘बालेन्दु शेखर तिवारी- व्यक्तित्व और कृतित्व’ 2009 में स्वीकृत।





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सिवाना दुर्ग का इतिहास शिक्षा मनोविज्ञान का जनक मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित समाज सेविका अरूणाराय ने सूचना अधिकार प्राप्त करने हेतु राजस्थान के किस स्थान से 6.4.1995 को जन आन्दोलन की शुरूआत की ? प्रागैतिहासिक चित्रकला ग्राफिक एरा युनिवर्सिटी dehradun 2017 उत्तर कुंजी में upbasiceduboard gov राजस्थान का सर्वाधिक अवर्गीकृत वन क्षेत्र वाला जिला है - आर्थिक नियोजन की परिभाषा चम्बल नदी का उद्गम स्थल किस प्रसिद्ध भील नेता का जन्म 1858 ई . में डूंगरपुर जिले के बांसिया ग्राम में हुआ ? राहुल द्रविड़ की जीवनी हाल ही में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को समाप्त कर दिया। तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने वाला विश्व का पहला देश कौन-सा था ? ऊँट की खाल सुनहरी चित्रकारी करने में माहिर किस हस्तशिल्पी को वर्ष 1991 का राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार जनवरी 93 में दिया गया । न केवल राजस्थान बल्कि उतरी क्षेत्र के वे पहले ऐसे सिद्धि हस्तशिल्पी है जिन्हें यह सम्मान मिला । स्मरण रहे कि सुनहरी मनोपली की नक्काशी , ताराबन्दी , तांतला , सुनहरी रंगलेपी आदि कार्य को इन्होने ऊंट के चमड़े की सुराही टेबिल लैम्प , आभूषणों के अलावा लकड़ी कांच तथा शुतुरमुर्ग के अंडों पर उकेरा है । अतः इन्हें दक्षता पुरस्कार तथा राज्य स्तरीय श्रेष्ठ शिल्पी पुरस्कार मिल चुका है ? वैदिक साहित्य का इतिहास प्रकार्यवाद की परिभाषा मांडा किस नदी के किनारे स्थित था शेयर मार्केट टिप्स मानव मस्तिष्क में बुद्धि का केन्द्र है ? स्थानेश्वर मंदिर कुरुक्षेत्र राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष उत्तर प्रदेश

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