Jain Dharm Ki Shiksha In Hindi जैन धर्म की शिक्षा इन हिंदी

जैन धर्म की शिक्षा इन हिंदी



GkExams on 30-05-2022


जैन धर्म के बारें में (About Jainism In Hindi) : दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को "श्रमणों का धर्म" कहा जाता है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की जैन शब्द जिन शब्द से बना है।


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जिन बना है 'जि' धातु से जिसका अर्थ है जीतना। जिन अर्थात जीतने वाला। जिसने स्वयं को जीत लिया उसे जितेंद्रिय कहते हैं।


जैन धर्म के संस्थापक (jainism founder) कौन है?




जैन धर्म का संस्थापक "ऋषभ देव" (jainism founder) को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे। वेदों में प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ का उल्लेख मिलता है। ऐसा माना जाता है कि वैदिक साहित्य में जिन यतियों और व्रात्यों का उल्लेख मिलता है वे ब्राह्मण परंपरा के न होकर श्रमण परंपरा के ही थे।


जैन धर्म की शिक्षा व्यवस्था (Education System in Jainism) :




जैसा की हम सब जानते है जैन धर्म की शिक्षाएँ (teachings of jainism) समानता, अहिंसा, आध्यात्मिक मुक्ति और आत्म-नियंत्रण के विचारों पर बल देती हैं। महावीर ने युगों को जो पढ़ाया है उसका आधुनिक जीवन में अभी भी महत्व है। जैन एक महत्वपूर्ण धार्मिक समुदाय हैं और जैन धर्म जनसंख्या को समृद्ध करने वाले पुण्य के विभिन्न सिद्धांतों पर प्रचार करता है।


जैन धर्म में दिगम्बर & श्वेताम्बर का अर्थ :




ये दोनों सम्प्रदाय है और दोनों संप्रदायों में मतभेद दार्शनिक सिद्धांतों से ज्यादा चरित्र को लेकर है। दिगंबर (jainism god) आचरण पालन में अधिक कठोर हैं जबकि श्वेतांबर कुछ उदार हैं। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की श्वेतांबर संप्रदाय के मुनि श्वेत वस्त्र पहनते हैं जबकि दिगंबर मुनि निर्वस्त्र रहकर साधना करते हैं। यह नियम केवल मुनियों पर लागू होता है।


तीर्थकर किसे कहते है ?




जैन धर्म (history of jainism) में तीर्थंकर वह व्यक्ति हैं जिन्होनें पूरी तरह से क्रोध, अभिमान, छल, इच्छा, आदि पर विजय प्राप्त की हो वह तीर्थकर कहलाता है। तीर्थकर शब्द को 24 व्यक्तियों के लिए प्रयोग किया जाता है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दें की अरिहंत और जिनेन्द्र भी तीर्थकर के ही रूप है।


24 तीर्थंकर भगवान के नाम :




1. ऋषभदेव


2. अजीतनाथजी


3. संभवनाथजी


4. अभिनंदनजी


5. सुमतिनाथजी


6. पद्ममप्रभुजी


7. सुपार्श्वनाथ


8. चन्द्रप्रभु


9. पुष्पदंत


10. शीतलनाथ


11. श्रेयांसनाथजी


12. वासुपूज्य


13. विमलनाथ


14. अनंतनाथजी


15. धर्मनाथ


16. शांतिनाथ


17. कुंथुनाथजी


18. अरहनाथजी


19. मल्लिनाथ


20. मुनिसुव्रतनाथ


21. नमिनाथ


22. नेमिनाथ


23. पार्श्वनाथ


24. महावीर



Comments Jain dharm ki sikshayian on 28-01-2023

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