तेली जाती का इतिहास History of Muslim Teli
आज हम जानेगें मुस्लिम तेली समाज का इतिहास क्यों कि घांची जाती भी एक प्रकार की तेली जाती है परन्तु हिन्दू तेली व मुस्लिम तेली अलग अलग जाती है इसलिये इस आलेख में मुस्लिम तेली जाती के इतिहास पर प्रकाश डाला जा रहा है। ( Ghanchi is used for both hindu teli and muslim teli)
मुस्लिम तेली समाज का इतिहास ( History of Muslim Teli )
मुस्लिम तेली जाती के लोग अधिंकांशत भारत और पाकिस्तान में पाये जाते हैं। इनको तेली नाम “खाद्य तेल बनाने” अपने पेशे की वजह से दिया गया है. पुराने समय में, इन लोगों को उनके छोटे तेल मिलों या घानी बैलों द्वारा संचालित करने के लिए या सरसों और तिल के बीज का तेल से खाद्य तेल निकालने के काम करने वालों के रूप में जाना जाता था। तेली जाती का पुश्तेनी काम तेल गाणी से तेल निकाल कर बेचना और रुई पिंजाई का काम करते हैं. मुस्लिम तेली को मंसूरी, तेली या तेली मलिक भी कहा जाता है
मुस्लिम तेली गोत्र ( Gotras muslim teli in india)
मुस्लिम तेली 153 गोत्र मैं से कुछ इस प्रकार हैं- आगवान , आनन् ,. बर्गुजर बगदरी , बज्य , बर्रा , बर्जातिया , बेलिम ,बंथिया , भाटी, भिन्द्सरा , चादोदिया,गोरी, चांगल , चंदिजा , चंद्रेड चैहान, दहिया,दैय्मा , देव्बंदिया , डुंगा, फानन गहलोत, गोरद , गौरी, जाजम , जातु , जिद्रान, खत्री जोया,कायत , खिलची , खिंची , खोखर , कुचावा ,कुलड़ीया, लग्गा, मल्नस, मस्त , मोहल, मुगल ,मूंगा, निर्बान, ओसवाल पंवार, राठौर सहाद , शाख्ला , सिगार्ड , सोलंकी, सुल्दा , तंवर, उन्हें,तिगाला , मुस्लिम तेली (मलिक) एक जातीय समूह रहे हैं Continue read
Means of Teli Word:-
शब्द तेल का मतलब है (खाना पकाने के तेल) और तेली व्यक्ति उर्दू में खाना पकाने के तेल के निर्माण औरबिक्री के साथ काम कर मतलब है. मुस्लिम तेली घांची , गुजरात में पाया समुदाय, जो भी खाना पकाने के तेल के निर्माण में शामिल हैं.
हिंदुओं से इस समुदाय के सदस्यों इस्लाम जाति तेली को अपना लिया. वे उत्तर भारत और पाकिस्तानमें पाए जाते हैं. उत्तर भारत में, समुदाय भी नाम शेख मंसूरी द्वारा जाना जाता है,
जबकि पाकिस्तानमें, उन्होंने तेली मलिक के रूप में जाना जाता है. तेली भी खुद साहू वैश्य कहा जाता है. तेली भारत भर में पाए जाते हैं. हिंदू तेली तेली साहू और मुस्लिम तेली तेली मलिक कहा जाता है
दक्षिण भारत में तेली घांची ( Teli or Ghanchi in South India)
दक्षिण भारत में तेलुगू भाषी तेली को गन्दला के रूप में कहा जाता है. इनकी आंध्र प्रदेश में काफी आबादी है. वे देवा गन्दला , सेट्टी गन्दला , सज्जना गन्दला के रूप में जाने जाते हैं.। कर्नाटक में कन्नड़ भाषी टेलिस गनिगा या गौड़ के रूप में कहा जाता है, सोमाक्षत्रिया गनिगास और कुछ लिंगायत गनिगास के (जो शिव पूजा) भी वहाँ पाए जाते हैं. तमिलनाडु में तेली वानिया चेट्टियार , गन्दला चेट्टी, गनिगा चेट्टी, चेक्कालर के कहा जाता है.चेक्कू तमिल में “तेल प्रेस” अर्थ. केरल में, एक तेली चेत्तिअर अक्सर कहा जाता है. तेली भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव और नेपाल में फैले हुए हैं
Tali samaj kisne banaya
Bihar ma Tali kaha sa aya
सिध्दराज जयसिंह नृप, रूद्र महालय कीन्हीं।
अनहलपुर पाटन अमर, कवि जन यश गावहिं।।
चिन्तामणि ग्रन्थ के अनुसार संम्वत् 1139 में गुजरात पट्टन नगर में चालुक्य वंश के प्रसिद्व नरेश जयसिंहसिध्दराज एक बहुत बड़ा मंदिर रूद्रमाल नाम में बनवा रहे थे, जिसका कार्य दिन रात चलाया जा रहा था, क्योंकि राजा को उक्त कार्य को छह महिने के भीतर तैयार कराने की प्रतिज्ञा थी, इसी कारण रात में भी कार्य चलाने के लिये प्रकाश के लिये मशाल जलाने के लिये अधिक तेल की आवश्यकता पडी, तेल निकालने वालों को दिन रात घाणीयां चलाने को जब विवश किया गया तो वे लोग घाणीयां छोडकर भाग गये इनकी निगरानी के लिये कुछ क्षत्रिय राजपूतों को नियुक्त किया था, राजा ने उन्हें आदेश दिया कि तुम्हारी लापरवाही से तेल निकालने भागे हैं, अतः उस रूके हुऐ कार्य को वे स्वयं करें अन्यथा लापरवाही की सजा मिलेगी, इस भय से या जिम्मेदारी के भाव से ,राजा का हुकुम मानकर कुछ क्षत्रिय स्वयं घाणी चलाने लगे, जब कार्य पूरा हुआ तो बिरादरी वालों नें ईर्ष्यावश उनका तिरस्कार किया। राजा ने भी उनकी कोई मदद नही की, इस पर उन्होंने हमेंशा के लिये वह नगर छोड़ दिया और आबू चले गये। आबू पहुँचकर इन्होंने पृथक जाति बनाइँ और घाणीयों का कार्य जारी रखा। इनमें कई कुलों के राजपूत थे, अधिक संख्या राठौर राजपूतों की थी। उस समय विवाह सम्बन्धों में दिक्कत नहीं पड़ी । कालान्तर में इन्होंने अपनी जाति का नाम ही ”राठौर’’ रख लिया। अतः राठौर जाति ,मूलरूप से क्षत्रिय है, इस सत्यता के बहुत से प्रमाण हैं, अनेक लेखकों व इतिहासकारों ने विभिन्न इतिहासों व ग्रंथों की विवेचना से प्रमाणित किया है l
राठौर” क्षत्रिय जाति अन्य क्षत्रियों में प्रमुख जति है तथा भारतीय इतिहास में इस जाति को अपनी वीरता, सच्चरित्रता, देशभक्ति प्रजावात्सल्यता तथा शासन में कुशलता के कारण सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। भारत में इस जाति के लोग लगभग 100 जिलों में बसे हुऐ हैं। कुछ राठौर, क्षत्रिय से तेली भी बने, यह एक संम्वत् 1191 की एक एतिहासिक घटना है, जिसे भारत विनोद में उल्लेखित ‘‘चालुक्य वंश रतनमाला ’’ प्रथम संस्करण चतुर्थ भाग गुजरात खंड पृष्ठ संख्या 126 के अनुसार- ग्यारह सो इक्यानवे, ज्येष्ठ तीज रविवार। छत्रवट तज तेली हुये, सिद्धराजन्द पवार।। हुओ न ऐसो नृपति, महि मण्डल के माहिं || काम वर्ष चौबीस हुए, इन मन्दिर के ताहि।। सिध्दराज जयसिंह नृप, रूद्र महालय कीन्हीं। अनहलपुर पाटन अमर, कवि जन यश गावहिं।। प्रबन्ध चिन्तामणि ग्रन्थ के अनुसार संम्वत् 1139 में गुजरात पट्टन नगर में चालुक्य वंश के प्रसिद्व नरेश जयसिंहसिध्दराज एक बहुत बड़ा मंदिर रूद्रमाल नाम में बनवा रहे थे, जिसका कार्य दिन रात चलाया जा रहा था, क्योंकि राजा को उक्त कार्य को छह महिने के भीतर तैयार कराने की प्रतिज्ञा थी, इसी कारण रात में भी कार्य चलाने के लिये प्रकाश के लिये मशाल जलाने के लिये अधिक तेल की आवश्यकता पडी, तेल निकालने वालों को दिन रात घाणीयां चलाने को जब विवश किया गया तो वे लोग घाणीयां छोडकर भाग गये इनकी निगरानी के लिये कुछ क्षत्रिय राजपूतों को नियुक्त किया था, राजा ने उन्हें आदेश दिया कि तुम्हारी लापरवाही से तेल निकालने भागे हैं, अतः उस रूके हुऐ कार्य को वे स्वयं करें अन्यथा लापरवाही की सजा मिलेगी, इस भय से या जिम्मेदारी के भाव से ,राजा का हुकुम मानकर कुछ क्षत्रिय स्वयं घाणी चलाने लगे, जब कार्य पूरा हुआ तो बिरादरी वालों नें ईर्ष्यावश उनका तिरस्कार किया। राजा ने भी उनकी कोई मदद नही की, इस पर उन्होंने हमेंशा के लिये वह नगर छोड़ दिया और आबू चले गये। आबू पहुँचकर इन्होंने पृथक जाति बनाइँ और घाणीयों का कार्य जारी रखा। इनमें कई कुलों के राजपूत थे, अधिक संख्या राठौर राजपूतों की थी। उस समय विवाह सम्बन्धों में दिक्कत नहीं पड़ी । कालान्तर में इन्होंने अपनी जाति का नाम ही ”राठौर’’ रख लिया। अतः राठौर जाति ,मूलरूप से क्षत्रिय है, इस सत्यता के बहुत से प्रमाण हैं, अनेक लेखकों व इतिहासकारों ने विभिन्न इतिहासों व ग्रंथों की विवेचना से प्रमाणित किया है, अधिक जानकारी के लिये उन ऐतिहासिक ग्रंथ निम्न हैं- सन्दर्भ- ’’जाति अन्वेषण’’प्रथम भाग क्षत्रिय वंश प्रदीप। ”नव मुस्लिम निर्णय’’। ‘ब्राम्हणोंत्पत्ति मार्तण्ड’ तथा ’जाति भास्कर’ सनातनधर्मी पं. ज्वालाप्रसाद मिश्र मुरादाबाद द्वारा लिखित। ‘क्षत्रिय वंशावली’ ठा. उदय नारायण सिंह। ‘राठौरों का इतिहास ’ पं. विश्वेश्वर नाथ रेऊ। ‘राजपूत जाति तथा उसकी उत्पत्ति ’ पृष्ठ 321 सौलंकीकृत। ‘बम्बई गजेटियर’ भाग 1,पृष्ठ 208, 209। ‘जनरल बंगाल सोसायटी’ सन् 1920, नं. 6, पृष्ठ 276। ‘ डायरेक्टर आफ पब्लिक इन्स्ट्रक्शन समालिक मगरबी शुमाली-आगरा अवध। ‘एपिग्राफिया इण्डिया’ भाग 1 पृष्ठ 641, लेखक- मि.रिजले डब्ल्यू.कूकहाल्टन। ‘हिन्दू फिरका’ पुस्तक मण्डला गजेटियर। ‘रजम वजम’ उर्दू पुस्तक ( सन् 1920 नवल किशोर प्रेस, लखनऊ) कर्नल टाड द्वारा लिखित ”राजस्थान’’। बजरंग लाल लोहिया द्वारा लिखित ’’राजस्थान की जातियाँ।
आप सब लोगो से निवेदन है की सब राठौर एक हो जाए और राठौर क्षत्रिय ग्रुप के जरिए एक हो जाना चाइए जिससे समाज में परिवर्तित हो सकती हैं और हम लोग भी अपने पूर्वजों की तरह गर्व से…..…................. कोई भी एक ग्रुप बना ले जिससे सब राठौर जोड़ सके या फिर हमारे नंबर 6307758803 पर मैसेज करे हम जोड़ेगे
कुछ कहनी जो हमने पहले बताई राजा सिद्राराज जयसिंह के बारे और कुछ ये है की राष्ट्रकूट राठौर के राजाओं से राजा सिद्राज जयसिंह के पूर्वजों की लड़ाई चलती रहती थी लेकिन उस समय मुगलों की तरह गुजरात में सोलंकी राज्य बड़ रहा था सोलंकी का राज्य बड़ गया तो वहा राठौर सेना उनके ही अधीन हो गई फिर बाद में उन्होंने मंदिर बनया तो उन्होंने अपना पूरा पवार देखा दिया इसलिए राठौर तेली हो गए और कुछ जब औरंगज़ेब देश मे हिन्दुओ को मुसलमान बना रहा था तलवार के ज़ोर पर तब बहुत से राठोड़ो ने धर्म बदलने से अच्छा कर्म बदलना सही माना ओर अपने धर्म की रक्षा की मैं ऐसे वीरो को प्रणाम करता हु जिन्होंने अपने धर्म को बचाये रखा हम सभी क्षत्रिय भाई को एक हो जाना चाहिए राठौर समाज एक क्षत्रिय राठौर है जय श्री राम
Bhai kisi rajput Rathorero se me bat ki pr vo log ye bolte h ki tum teli alg ho ham se
Kya baghun m bhi rathore gotta hota hai
Teli jati me bhi Kshatriy hote hai
Rathor sarname lagate hai
Teli jati me rajput jatiyo ke gotra samil hai
Jaise Rathore Chauhan solanki parihar
Y Gujrat patil rajdhani s ay hai jo
Dilhi ragistan up MP me phaile huy hai
Teli jati me rajput jatiyo ke gotra samil hai Jaise Rathore, Chauhan, solanki, parihar
Teli jati me rajput jatiyo ke gotra samil hai Jaise Rathore, Chauhan, solanki, parihar,
Gujrat, ragistan, Delhi up, mp rajyo
Me phaile huy hai
Teli jati me rajput jatiyo ke gotra samil hai Jaise Rathore Chauhan solanki parihar
Jo ragistan, Delhi, up, MP rajyo me
Phaile huy hai jo Gujrat patil rajdhani s ay
Aye huy hai Raja Jay singh solanki ke
Ristedar the
Teli Kshatriya jati me rajput jatiyo
Ke gotra samil hai Jaise Rathore Chauhan solanki parihar
Teli jati me rajput jatiyo ke gotra samil hai
Jaise Rathore Chauhan solanki parihar Jo
Ragistan Delhi up MP me phaile huy hai Raja
Jay singh solanki ke Ristedar the
Rathore jati ek rajput jati hai
Inki Sadi bhi Rathaur jati me hi
hoti hai
Rathore jati ek rajput jati hai
Inki Sadi bhi Rathaur Samaj
Me hi hoti hai sahu jati
Me Sadi nhi hoti hai
Rathore Teli jati me
Sahu Samaj s koi
Sambandh nhi hai
Teli jati me Rathaur jati ke log
Hote hai jo ek Kshatriya jati hoti
hai inki sadiya Rathore jati me
Hoti hai inka sahu s koi Sambandh
Nhi hai y Gujrat patil rajdhani s ay
Rajput ki Sakha hai jo sabhi rajyo
Me Rathaur jati ke nam s Jane
Jate hai
Rathore jati Kshatriya jati hai
Ise suryvansi rajput mana jata
Hai inka Nivas isthan ayodhya
Tha y Raja ram ke vansaj hai
Teli rathor rajputana h ya nhi bhaiyo
Phle zmane me sbko unke kam se jana jata tha lekin aaj k time pr aapko aapki jati se ya gotr se nhi Blki aapki education se jana jata h
Aaj ka smaj aapko aapke telent se janta h chahe koi kisi bhi jaat ka ho
मैं राठौर तेली समाज से हूं और हमारा गोत्र तोमर है मैं अपने समाज की शुरुआत और इतिहास जानना चाहता हूं
Sir teli samaj Rajputana h ya nahi
Ajay Rathaur up
Rathore Samaj ko Kshatriya ghachi Samaj
K nam s Jana jata hai
Y Rathore dharma bai Rathore vansaj hai
ranu Rathaur mp
Rathore Samaj ko Kshatriya ghachi Samaj
K nam s Jana jata hai
Y suryvansi Kshatriya hai
Y Rajputana Sakha hai
Y Rathore dharma bai Rathore vansaj hai
Munna Rathaur up
Rathore Samaj ko Kshatriya ghachi Samaj
K nam s Jana jata hai
MA karma bai ki chhoti bahin
dharma bai S Rathaur vans chala
Y suryvansi Kshatriya hai
Y Rajputana Sakha hai
Y Rathore dharma bai Rathore vansaj hai
Ram k putra lav bansh s Rathaur vans chala
Gotra-gotam, kasyap, esvaku
Kuldevi - nagesvri
I am a Rathor teli (Hindu) my Gotra is attri so get me provided detail in history
rath
our
rajput
तेली राठौर समाज की अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद
Kya lathaud teli jati hai
Rathor teli ek rajput caste hai bhut time phle muglo se ladai hone ke karad kuch Rathor apni putriyo ko bachane ke chakkr me ek unchi jgh par chhip gye the or apni jati chhipa li thi or for Rathor caste ne apne kolhu lgva kar tel ka business karne lge jisse Rathor rajput Rathor teli kehlay.
Rathore Samaj jo Teli likhte hai vo
Kshatriya ghachi Samaj se hai
Vo Teli nhi hai Unhone tel ka kam kiya
Hai but vo Teli nhi hai Sn 1191me me Enke purvaj mandir ke nirman hetu ghachi Kshatriya huy the
ghachi Kshatriya or rajput jati me
Rathore sarname use hota hai or
kisi bhi jati me Rathaur nhi hote hai
Ghachi Kshatriya rajput ke vansaj hai
Galat phemi me mt pdo
Vo Teli nhi hai Unhone tel ka kam kiya
Hai but vo Teli nhi hai Sn 1191me me Enke purvaj mandir ke nirman hetu ghachi Kshatriya huy the
Teli or ghachi me phrk hai
Rathore jati ka gotra kasyap hai
Iska itihas bhi hai ghachi Kshatriya itihas pad
Sakte hai
How many mp and mla in teli castes India.
rathore samaj ke sername alag alag rajyo me kya kya h
Rathore bhi teli hote hy
तेली समाज के लिए क्या गलत
धारणा है
Mujhe Rathor teli ka history janni hai
Chhattisgarh ke Rathore Teli Ka Religion Kay Rajasthan Ke Rathore
Mai Karnataka ke rathaur ke bare me Janna chahti hu .. kya wo banjara rathod hote hai?. Kya wo SC category me aate hai ?.. Puri jankari de plz
राठौर(तेली)और साहू में क्या अंतर है? यदि राठौर(तेली),क्षत्रिय राजपूत हैं तो इनके वैवाहिक संबंध अन्य क्षत्रिय वंश में क्यो नहीं होते? राठौरों में ही क्यों होते हैं?
जबाव मिलेगा?
राठौर क्षत्रिय समाज की उत्तपत्ति ही राठौर राजपूत जाति से हुई है किसी भी इतिहास में राठौर जाति एक राजपूतो की से हो हा इस बात की पुष्टि हुई है
Mai teli samaj se hu mughe nahi pata kshtriya hote hai
राठौर तेली के बारे में पूरा ऐतिहास
Teli rathour ki cast me aati hai obc bc
Teli Rathore ki sabse jtada population kis state me h
Me delhi se hu MP ke jila bhind ka hu mera gotra choudhary he kya me teli hu ya rajput or thakur me aate he rajput
Main Teri hoon mujhe apna gotra Nahin Pata Kaise Pata Karen
Me bhi teli samaj she hu ham bhi teli bhi rajput he
Rathoriya kon hote hai koi batayega
rathor teli kaise bane
rathor teli kaise bane jankari de
Sahu aur Rathor mein kya antar hai.
Ka ma tali ho
मै तेली जाति से हूँ मेरे पूर्वज 1857 के बाद कन्नौज से आकर गोरखपुर के एक छोटे से गांव में रहने लगे और मेरे पूर्वज ने अपने प्राचीन निवास स्थान को लोगों से छुपा के रखा
हम लोगों का गोत्र कश्यप है क्या हम लोग राजपूत हैं
Sabhi rathore ka gotra Gautam hai
Baki jo gotra tum log bata rahe bo tumhare patrika sthano ke name hai
Rathore Teli kese bane, kripya koi btaye, agar ye sahi me kshtriya hai to Rathore Rajput inhe apnate kyu nhi hai, Shadi Sambandh Rajputo me kyu nhi hote
Mere sare purvaj Rajasthan ke Udaipur ke Rahane wale the vah vahan the vah Rathod the vah vahan se isliye aaye the kyunki unhen jabardasti Musalman banaya ja raha tha vah vahan se Aakar Apne hone Lage tatha unhone apna Naam Badal kar teli Rathor rakh liya ab mujhe batao ki Rathore Rajput kyon nahin ho sakta hai
Mere sare purvaj Rajasthan ke Udaipur ke Rahane wale the vah vahan the vah Rathod the vah vahan se isliye aaye the kyunki unhen jabardasti Musalman banaya ja raha tha vah vahan se Aakar Apne hone Lage tatha unhone apna Naam Badal kar teli Rathor rakh liya ab mujhe batao ki Rathore Rajput kyon nahin ho sakta hai.
Mai Tinku Rathaur Kannauj Se Hu
Rathaur teli ka Etihad suladh sakshya sahit
Rathour teli kaise bane
Goatra mihoniya Rajsthan ke jodhpur se mihona goan se Gaye hai Aisha hamare patiya lekha jokes Karte hai vo batate hai
Vijay pratap gupta (kanaujiya teli)
Gotra kashyap
Kuldevi kshemkali mata
Prachin niwas kanauj
Ab btaiye hm teli h ya kshatriya
Ph91,6395459906
Bhai hum Kisi ko Google pr Kuch nhi milega jo aap dekh na ya Janna chahte ho
Main Rathour teli hu
Kya aap mughe bta sakte hai ki Es Jat me kitne name hote hai
जब औरंगज़ेब देश मे हिन्दुओ को मुसलमान बना रहा था तलवार के ज़ोर पर तब बहुत से राठोड़ो ने धर्म बदलने से अच्छा कर्म बदलना सही माना ओर अपने धर्म की रक्षा की मैं ऐसे वीरो को प्रणाम करता हु जिन्होंने अपने धर्म को बचाये रखा ।मैं हरियाणा का एक हिन्दू राजपूत हु और हमारे यहां एक सभा बनाये हुए है जो भाई हमारे हम से अलग हो गए है उन्हें एक करने की इसलिए हम सभी क्षत्रिय भाई को एक हो जाना चाहिए राठौर समाज एक क्षत्रिय राठौर हैऔर हम सब को आपस मे विवाहिक सम्बन्द्ध बढ़ाने चाहिए
जय श्री राम
Me Atul Rana ji ke sujao sehmat hu
Rathaur samaj ke sarbpratham raja kon the
Rathore rajput hai yah sahi baat hai par state by state category change kr diye hai.. sab rathod rajput likh sakte hain......jay shree Ram
मित्र मुझे ए बात समझ नहीं आती हम राठौर लोगो का इतिहास छत्तीसगढ़ मे क्यू नहीं मिलती हम राठौर छत्तीसगढ़ में कहा से आये
अतुल राणा जी अपना नंबर दीजिए मेरा नंबर 8173847773
rathore teli ki utpatti kaise hui
Rathod teli samaj kon se sampradaya m aate h vaishnav,shaiv,sakt,vaidik,sanmat
Jo bhi bhai Rathore title used krte h un sbhi bhaiyo ko rajput cast m add krna chaiye chahe vo kisi bhi gotra ke ho ya teli samaj se ho kyuki Rathore janamjaat kshtriye h ye puri duniya janti h
Hamare Rathore Samaj ki Kuldevi kaun si hai Malik parivar iska udaharan samajh Nahin a Raha mere ko Hamare Samaj ki Kuldevi kaun si hai
Dekho teli rathour log hote hai
मैं भी एक तेली राठौर परिवार से। हूं मेरा घर उत्तर प्रदेश जिला मैंनपुरी में है। मेरा गोत्र जोधा राठौर है और मेरी कुल देवी नागनेचडी माता है। जोधपुर के राजा राव जोधा राठौर के नाम से। इस लिए हमारा गोत्र जोधा राठौर है। जोधा राठौर के पिता का नाम रणमल राठौर था। रणमल राठौर के पिता का नाम राव चूड़ा राठौर था। और राव चूड़ा राठौर के पिता का नाम राव सिंहा राठौर था। जिन्होंने मारवाड में राठौर वंश की स्थापना की।इस लिए तेली राठौर है वो सभी राठौर राजपूत लिख सकतें हैं। राठौर वंश में जन्म मीराबाई ने भी लिया था। इनके पिता का नाम रतन सिंह राठौर था।
महाराष्ट्र को भी राठौरौ ने बसाया था।
राठौर और राठौड़ में कोई भी अन्तर नहीं है। जहां की जैसी भाषा वहां वैसा लिखा जाता है। जैसे उत्तर प्रदेश में आलू को आलू कहा जाता है और राजस्थान में आलू को आडू तथा प्याज को कंदा और खाना को खाणा कहते हैं।इस लिए जहां की जैसी भाषा वहां वैसा ही लिखा, तथा पड़ा और बोला जाता है।
Rathor samaj me kon kon se gotta h
में अभिषेक राठौर जिला फिरोजाबाद से में राठौर समाज युवा एकता सम्मेलन चालू कर चुका हु उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में होना चालू हो जायेंगे जो भी जुड़ना चहता हो कांटेक्ट करे 7251064983, व्हाट्सएप करे
Mai teli community se belong karta hu
Or mere porvaj kahte hai ki har jagah par alag surname use. Karte hai par ham sabhi teli hi hai bas pahle bhi har teli tel.ka business nhi karta tha bahut teli raja hua karte the ish prakar teli Kshatriya hai
Kshatriya teli v hai Rajput nhi hai Rathore teli Kshatriya hai hamare bahut surname hai Gupta sahu Modi saw sah setti chettiyar baniyar etc.
Ye jo rathore teli farzi thakur ban rahe ye sabse bade hai teli ne rathore upnam use Kiya tha kyunki teli ko grhina ki nazaro se dekha jane laga atit mai teli powerful tha Jo swarno ko khatkta tha isiliye teli ko neecha dikhane ke liye ye logo ne ramcharitra Manas mai bhi aur manusmriti mai bhi likh diya gya jisse hamare teli samaj ke puravjo ka manobal toot gya aur vo jati chupane lage tab 1911 mai rathore upnam upyog karne Lage aur gupta surame bhi lagane Lage isiliye hume phir se shaktishali banana hai aur ye farzi teli thakur ko bap banane par tule hai teli ko phir se vahi purana Raj banana hai jay teli samaj iske liye ap book teli varn prakash farrukkhabad ke lekhak ke dwara likhi gyi padh sakte hai ki rathore teli kahan se aye
Main Madhya Pradesh ke Sagar jile se hun meri jaati teli Rathore hai aur hamen hamari kuldevi ka pata nahin hai Kaun hai kya aap hamari histry bata sakte hain jab jab teli aur Rajput alag nahin hai to fir teli ko alag kyon mante Hain log hamare purvajon ne Desh ke liye bahut kuchh Kiya hai Lekin vah sab log bhul gaye hain hamen sabko ekjut hona hoga aur hamen bhi dikhana hoga ki ham logon ne bhi kuchh Kiya hai Desh ke liye Rathore Ekta jindabad
मुझे अपना गोत्र बैश बताने पर साहू कहते हैं मगर मैं साहू नही हूं
स्पष्ट करें
Main MP se hun sar mujhe yah Janna hai teli Rathore ka vanshaj kaun hai
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Question Bank International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity
Tali ka itihas