वरिष्ठ सलाहकार की निगरानी में मंत्रालय के व्यापार और पर्यावरण प्रभाग की अध्यक्षता आर्थिक सलाहकार द्वारा की जाती है। इस प्रभाग के निम्नलिखित उत्तरदायित्व हैं:
- व्यापार और पर्यावरण के क्षेत्र में प्रारम्भिक प्रक्रिया के लिए तकनीकी निवेश का प्रावधान करना।
- क्षेत्रीय/द्विपक्षीय/बहुपक्षीय व्यापार समझौतों से संबंधित मुद्दों और अन्य व्यापार संबंधी मुद्दों पर दृष्टिकोण सहित अन्य मंत्रालयों द्वारा इस मंत्रालय को भेजे गए व्यापार से संबंधित मामलों पर मंत्रालय का दृष्टिकोण निरूपित करना।
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से प्राप्त संदर्भों को देखने के लिए मंत्रालय में नोडल प्रकोष्ठ के रूप में कार्य करना।
- व्यापार और पर्यावरण संबंधी किसी जारी परियोजना का कार्यान्वयन।
- मंत्रालय में निर्यात संवर्धन प्रकोष्ठ के रूप मे कार्य करना।
वर्ष के दौरान किए गए कार्यकलाप
व्यापार और पर्यावरण प्रभाग ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की स्थापना पर करार की दोहा विकास कार्य-सूची की चालू बहुपक्षीय वार्ता, विशेष रूप से वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार और घरेलू विनियमन के तहत वार्ता के लिए भारत के दृष्टिकोण व योगदान का खाका बनाने हेतु वाणिज्य विभाग के लिए पर्यावरण, पारिस्थितिकी, वानिकी और वन्यजीव के दृष्टिकोण से टिप्पणियां और सामग्रियां नियमित रूप से प्रदान की। इसमें, उदाहरण के लिए, जहाजों के पुनर्चक्रण पर यूरोपीय संघ के प्रस्तावित विनियमन का आकलन, विशेष रूप से घरेलू शिप ब्रेकिंग उद्योग पर प्रभाव के लिए इसकी संभाव्यता का आकलन शामिल है। इसके अतिरित्त, सेवाओं में आंकड़ों की उपलब्धता की कमी से उत्पन्न होने वाले मुद्दों, जो इस क्षेत्र में नीति निर्माण को बाधित करने के साथ-साथ सेवाओं में द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय व्यापार वार्ताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं, को भी पर्यावरणीय सेवाओं के संदर्भ में उठाया गया। विश्व व्यापार संगठन की प्रश्नावली के संदर्भ में पर्यावरणीय सेवाओं से संबंधित कतिपय वर्गीकरण मुद्दों की वर्तमान में जांच की जा रही है।
आर्थिक सलाहकार (पर्यावरण एवं वन) को वाणिज्य एवं उदयोग मंतरी द्वारा गठित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में आपसी व्यापार लागत संबंधी द्वितीय कार्यबल के सरकारी सदस्य के रूप मे नामित किया गया है। कार्यबल का लक्ष्य भारत तथा इसके मुख्य प्रतिद्वंद्वियो के बीच व्यापार की अधिक लागत के कारणों की पहचान करना और प्रकियात्मक जटिलताओं की तुलना करना है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से पारदर्शिता एवं बढत़ी हुई पेपर विहीन प्रकियाओं की दिशा में चलने संबंधी सुझाव/दिशानिर्देश देना।
प्रभाग ने पर्यावरण परिवर्तन में कमी लाने तथा अपने आपको पर्यावरण के अनुकूल ढालने हेतु क्षमता निर्माण को ध्यान मे रखते हुए औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग तथा दक्षिणी केन्द्र के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए मसौदा मंत्रीमंडल नोट पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। इस प्रभाग ने आयात तथा निर्यात की संवेदनशील वस्तुओं पर अपने सुझाव देते हुए भारत-चिली प्राथमिकता व्यापार समझौते को बढा़ए जाने संबंधी मसौदा मंत्रीमंडल नोट पर भी अपने विचार दिए हैं। यह प्रभाग अपने दैनिक कार्य के एक भाग के रूप में पर्यावरण एवं वन मंत्री के भाषणों के लिए वक्तव्य बिन्दु उपलब्ध कराने में भी सक्रिय रहा है। जोएनसू, फिनलैण्ड में विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने के संबंध में हुए एक सम्मेलन में `इंडिया कॉलिंग` भाषण इसका एक उदाहरण है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से प्राप्त संदर्भों का निपटान करने के लिए एक नोडल प्रकोष्ठ के रूप में व्यापार एवं पर्यावरण प्रभाग ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान `इंडियन लैदर डॅवलेपमेंट प्रोग्राम` नामक केन्द्रीय क्षेत्र योजना को जारी रखने के लिए उप-योजना के संबंध में व्यय वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत मसौदा नोट की जांच की तथा उसका समर्थन भी किया।
एक नई पहल के रूप में प्रभाग ने पणधारियों को पर्यावरणीय वस्तुओं के उत्पादन में उपलब्ध स्तरों तथा संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करने के लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलीजेंस एण्ड स्टेटिसटिक्स, कोलकाता के डाटाबेस सहित `भारत की पर्यावरणीय वस्तुओं का आयात तथा निर्यात` विषय पर टाईम सीरीज डाटा संकलन शुरू किया है।
वर्ष के दौरान, (i)भारत-चिली पीटीए; (ii)भारत-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार करार (एफटीए); (iii) भारत-न्यूजीलैंड एफटीए; (iv)भारत-जापान व्यापक आर्थिक भागीदारी करार (सीईपीए) तथा (v) पर्यावरणीय सेवाओं में भारत-इजरायल एफटीए सहित भारत द्वारा वार्ता के अधीन विभिन्न क्षेत्रीय व्यापार करारों की जांच की गई और मंत्रालय का योगदान प्रदान किया गया।
इस प्रभाग ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के आर्थिक प्रकोष्ठ के समन्वय से `पर्यावरणीय सेवाओं में व्यापार` विषय पर एक शोध पत्र निकाला है। `भारत में सेवा क्षेत्र` विषय पर वित्त मंत्रालय को तिमाही आर्थिक अद्यतन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सलाहकार (पर्यावरण एवं वन) ने इसमें बहुमूल्य योगदान दिया है।
दिनांक 1 से 3 अक्टूबर, 2013 से जिनीवा मे वार्षिक डब्लयू.टी.ओ. फोरम के लिए `एक्सपेंडिंग ट्रेंड थ्रू इन्नोवेशन एण्ड दि डिजीटल इकॉनमी` विषय पर टिप्पणी के लिए लोकसभा सचिवालय से अनुरोध प्राप्त होने पर प्रभाग ने `इन्नोवेशन एण्ड ट्रेड` तथा `ग्रीन द इकॉनमी : वट रोल फॉर इन्नोवेशन` विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार उपलब्ध कराए।
प्रभाग ने विभिन्न्न द्विपक्षीय निवेश संधियों तथा द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौतों पर चल रही वार्ताओं में भी योगदान दिया। इनमें भारत की पर्यावरण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौतों के तहत पर्यावरण की दृष्टि से समर्थ प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, भारत-अमेरिका कार्यनीतिक वार्ता के संदर्भ में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और संरक्षण करार (बीआईपीए) के आदर्श अवतरण शामिल हैं। प्रभाग ने मानव, जीव या वनस्पति के जीवन या स्वास्थ्य की रक्षा और/या प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए आवश्यक विभिन्न पर्यावरण उपायों का भी सुझाव दिया।
Essay on international trade and enviorment