कुटीर उद्योग के बारें में (Cottage Industries In Hindi) : इस प्रकार के उद्योग को "लघु उद्योग" भी कहते हैं। कुटीर उद्योग की शुरुआत करने के लिए हमारे पास एक समूह होना चाहिए। इसका सबसे अच्छा उपाय है की हम समूह अपने परिवार के लोगों को मिला करके बना सकते हैं या फिर अपने परिचित लोगों को मिला करके बना सकते हैं।
कुटीर उद्योग की खासियत यह होती है कि यह बहुत ही कम लागत में चालू हो जाते हैं। इसलिए अगर आपके पास थोड़े बहुत पैसे भी हैं तो आप कुटीर उद्योग (cottage industry in india) प्रारंभ कर सकते हैं। इसके अलावा भारत सरकार के द्वारा कुटीर उद्योग को चालू करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। आप उन योजनाओं का लाभ ले करके कुटीर उद्योग चालू कर सकते हैं।
मैन्युफैक्चरिंग/असेंबली/प्रोसेसिंग इंडस्ट्री :
इस प्रकार के उद्योग उपभोग के लिए तैयार माल का मैन्युफैक्चरिंग करते हैं या प्रोसेसिंग में आगे उपयोग किए जाते हैं। ऐसे लघु उद्योगों के कुछ उदाहरण पावर लूम, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, इंजीनियरिंग इकाइयाँ हैं।
सहायक उद्योग :
सहायक उद्योग फीडर उद्योग हैं, जो अन्य निर्माताओं के लिए कंपोनेंट्स का निर्माण करते हैं। ये निर्माता तब अंतिम उत्पाद को इकट्ठा या शामिल करते हैं।
सर्विस इंडस्ट्री :
इसमें सेवा-आधारित उद्योग किसी भी प्रकार के निर्माण में शामिल नहीं हैं। वे ज्यादातर बिक्री के बाद उत्पादों की मरम्मत, रखरखाव और देखभाल करते हैं।
एक्स्पोर्ट यूनिट :
इस प्रकार के लघु उद्योग को एक निर्यात इकाई के रूप में माना जाता है।
कुटीर उद्योग :
इन छोटी इकाइयों में एक सम्पूर्ण सुविधा शामिल नहीं होती है और इन्हें मालिकों या संचालन करने वालों के घरों या रहने की जगहों से संचालित किया जाता है।
ग्राम उद्योग :
ग्रामीण क्षेत्रों में कई उद्योग जो संगठित क्षेत्र का हिस्सा नहीं हैं उन्हें ग्राम उद्योग के तहत माना जा सकता है।
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