Rashtriya Aay Ko Mapne Ki Vidhiyan राष्ट्रीय आय को मापने की विधियां

राष्ट्रीय आय को मापने की विधियां



Pradeep Chawla on 12-05-2019



राष्ट्रीय आय मापने की विधियॉ -



राष्ट्रीय आय मापने की विधियॉ है ये विधियॉ निम्नलिखित है।




1. उत्पादन विधि ‘‘ मूल्य वृद्धि विधि ‘‘ :-



इस विधि में मूल्य वृद्धि दृष्टिकोण से राष्ट्रीय आय मापी जाती है. इस

विधि द्वारा राष्ट्रीय आय मापने के नि.लि. चरण है-


  • देश के आर्थिक क्षेत्र में स्थित उत्पादन इकार्इयों को औद्योगिक वर्गो में

    बॉटना जैसे - कृषि खनन, विनिर्माण, बैकिंग, व्यापार आदि.
  • निम्नलिखित चरणों में प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्रों की साधन लागत पर शुद्ध

    मूल्य वृद्धि का अनुमान लगाना.


    1. उत्पादन के मूल्य का अनुमान लगाना.
    2. मध्यवर्ती उपभोग के मूल्य का अनुमान लगाना और इसे उत्पादन मूल्य में

      से घटाकर बाजार कीमत पर सकल मूल्य वृद्धि ज्ञात करना.
    3. बाजार कीमत पर सकल मूल्य वृद्धि मे से स्थिर पूंजी का उपभोग व

      अप्रत्यक्ष कर घटाकर और आर्थिक सहायता जोडकर साधन लागत पर

      शुद्ध मूल्य वृद्धि ज्ञात करना संक्षेप में -

      उत्पादन का मूल्य-मध्यवर्ती उत्पाद का मूल्य=बाजार कीमत पर सकल मूल्य वृद्धि

      बाजार कीमत पर सकल मूल्य वृद्धि-स्थिर पूंजी का उपभोग- शुद्ध अप्रत्यक्ष कर= साधन लागत पर शुद्ध मूल्य वृद्धि


  • सभी औद्योगिक क्षेत्रों की साधन लागत पर शुद्ध मूल्य वृद्धि को जोडकर

    साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद ज्ञात करना
  • साधन लागत पर शुद्ध घरेलु उत्पाद में विदेशो से प्राप्त शुद्ध साधन आय

    जोडकर राष्ट्रीय आय ज्ञात करना






सावधानियॉं :-
उत्पादन विधि द्वारा राष्ट्रीय आय मापने में निम्नलिखित

सावधानियॉं रखना आवश्यक है।


  1. उत्पादन की दोहरी गणना से बचे :-

    इसके लिए कुल उत्पादन का मूल्य लेने के बजाय प्रत्येक उत्पादन

    इकाइ्र की केवल शुद्ध मूल्य वृद्धि ही लें इस प्रकार राष्ट्रीय आय के मापन

    में दोहरी गणना के समस्या से बचा जा सकता है।
  2. स्वय उपभोग के लिए किया गया उत्पादन-

    जिसकी कीमत लगायी जा सकती हो उत्पादन में अवश्य शामिल

    किया जाना चाहिए इससे राष्ट्रीय आय का सही अनुमान लगेगा उदाहरण

    के लिए, यदि एक परिवार गेंहू का उत्पादन करता है और उसका एक

    भाग परिवार की आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए रख लेता है तो

    इस स्वयं उपभोग के लिए रखे गये उत्पादन का मूल्य उत्पादन मे अवश्य

    शामिल किया जाना चाहिए।
  3. पुरानी वस्तुओ का विक्रय-

    चालू उत्पादन में शामिल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इनका

    मूल्य पहले ही उत्पादन में शामिल किया जा चुका है लेकिन इस विक्रय

    के पीछे जो सेवाएॅं है उनका मूल्य इसमें अवश्य शामिल किया जाना

    चाहिए क्योंकि इनका उत्पादन नया है मान लिजिए आप एक पुरानी

    सार्इकल बेचते है इस सार्इकल का मूल्य उत्पादन मूल्य में शामिल नहीं

    किया जायेगा क्योंकि इसे उत्पादन में तब शामिल कर लिया गया था जब

    नर्इ सार्इकिल बेची गर्इ थी।




2. आय वितरण विधि :-



इस विधि में राष्ट्रीय आय उस समय मापी जाती है जब उत्पादन

र्इकार्इयॉं आय को साधन के स्वामीयों में बाटती है इसके मापने के

निम्नलिखित चरण हैं।


  • उत्पादन इकार्इयों का औद्योगिक क्षेत्रो में वर्गीकण करें जैसे कृषि, वानिकी,

    विनिर्माण, बैकिग व्यापार आदि।

    ख. प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र द्वारा भुगतान की गर्इ निम्नलिखित साधन आयो का

    अनुमान लगाये।


    1. कर्मचारियों का पारिश्रमिक
    2. किराया,
    3. ब्याज,
    4. लाभ

      एक औधोगिक वर्ग द्वारा भुगतान की गर्इ साधन आयो का योग

      उस क्षेत्र द्वारा साधन लागत पर शुद्ध मूल्य वृद्धि के समान होता है।


  • साधन लागत पर शुद्ध घरेलु उत्पाद ज्ञात करने के लिए सभी औधोगिक

    क्षेत्रो द्वारा भुगतान की गर्इ साधन आयों को जोडे।
  • साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद ज्ञात करने के लिए साधन लागत

    पर श्शुद्ध घरेलु उतपाद में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़ें






सावधानियॉं -
आय वितरण विधि द्वारा राष्ट्रीय आय मापने में निम्नलिखित

सावधानियॉं रखना आवश्यक है।


  1. कर्मचारियों के पारिश्रमिक का अनुमान लगाते समय कर्मचारियों को मिलने

    वाली नगद मजदूरी के अलावा सुविधाओं के रूप में मिलने वाली सभी

    लाभ शामिल करने चाहिए कर्मचारियों को मिलने वाला केवल नगद

    भुगतान ही शामिल नहीं करना चाहिए
  2. ब्याज का अनुमान लगाते समय केवल उत्पादन के लिए दिये गये ऋण पर

    मिलने वाले ब्याज ही शामिल किया जाना चाहिए उपभोग के लिए ऋण

    पर दिये जाने वाला ब्याज गैर साधन आय है अत: यह राष्ट्रीय में शामिल

    नहीं होता।
  3. उपहार, दान, कर, जुर्माना, लाटरी आदि से आय साधन आय ना होकर

    हस्तांतरित आय है अत: इन्हें राष्ट्रीय आय के अनुमान में शामिल नहीं

    करते।




3. अंतिम व्यय विधि :-



राष्ट्रीय आय व्यय बिंदू पर भी मापी जा सकती है इस विधि में हम पहले

बाजार कीमत पर सकल घरेलु उत्पाद मानते है जो कि उपभोग और निवेश हेतु

अंतिम उत्पादो पर होने वाला व्यय है इसमें से हम स्थिर पूंजी का उपभोग और

शुद्ध अप्रत्यक्ष कर घटाकर और विदेशो से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़कर राष्ट्रीय

आय प्राप्त करते हैं।


उपभोग उपभोग पर अंतिम व्यय का वर्गीकरण -


  1. परिवार उपभोग व्यय
  2. सामान्य सरकार उपभोग व्यय में किया जाता हैं


निवेश व्यय दो वर्गो में बाटा जाता है -


  1. आर्थिक क्षेत्र के अंदर निवेश
  2. आर्थिक क्षेत्र के बाहर निवेश


इस विधि के निम्नलिखित चरण है -


  • अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के अंतिम उत्पादों पर होने वाले निम्नलिखित

    व्ययों का अनुमान लगाये :-
    1. निजी अंतिम उपभोग व्यय
    2. सरकारी अंतिम उपभोग व्यय
    3. सकल घरेलु पूंंजी निर्माण
    4. शुद्ध निर्यात


उपरोक्त सभी क्षेत्रों के अंतिम उत्पादों पर होने वाले व्ययों को जोड़ने से हमें

बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद ज्ञात होता है


  • बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद में से स्थिर पूंजी का उपभोग और

    अप्रत्यक्ष कर घटाकर तथा आर्थिक सहायता जोड़कर साधन लागत पर

    शुद्ध घरेलू उत्पाद ज्ञात होता है।


साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद - स्थिर

पूंजी का उपभोग - अप्रत्यक्ष कर + आर्थिक सहायता


  • साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद में विदेशो से प्राप्त शुद्ध साधन आय

    जोडने पर साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद ज्ञात होता है


साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद =साधन लागत पर शुद्ध घरेलू

उत्पाद + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय









सावधानियॉं :-
व्यय विधि द्वारा राष्ट्रीय आय मापने में निम्नलिखित सावधानियॉं रखना

आवश्यकता हैं :-


  1. मध्यवर्ती उत्पादों में होने वाले व्यय को शामिल न करें ताकि व्यय की

    दोहरी गणना से बचे केवल अंतिम उत्पादों पर होने वाले व्यय को शामिल

    करें
  2. उपहार, दान, कर, छात्रवृित्त्ा आदि के रूप में होने वाला व्यय अंतिम

    उत्पादों पर होने वाला व्यय नहीं है ये हस्तांतरणीय व्यय है जिन्हें राष्ट्रीय

    आय में शामिल नहीं करना चाहिए
  3. पुरानी वस्तुओं के खरीदने पर होने वाला व्यय शामिल नहीं करना चाहिए

    क्योंकि जब ये वस्तुएं पहली बार खरीदी गर्इ इन पर किया गया शामिल

    हो चुका था

    तीनों



Comments अर्चना on 20-12-2023

राष्ट्रीय आय के मान की विधिया कोन कोन सी है

Tasty say mapan ke ritiya on 08-11-2023

Rasty aay mapan ke ritiya

Sanjana on 30-07-2023

Rastriya aay ko mapne ki vyy vidhi btayie


Aditya kumar gautam on 30-05-2023

व्यष्टि अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए

Mukesh Choudhary on 10-04-2023

Rashtriy aay ki mapne ki vidhiyan

J. K. on 28-12-2022

Vavsgaike sampresan ki kitne roop hai samjhaiye.

Ritik kumar on 29-10-2022

Rastiyta aayea ko mapnea ke vidhiya


Manoj soni on 23-10-2022

Vishwa padarva kaun hai



Vishal on 27-02-2020

Rashtriya aay mapan ki bidhiyo ke nam likhiye

Durgesh kumar on 29-07-2020

Rashtriy aay kya hai iske mapan ke vibhinn vidhiyon ko samjhaie

Bulbul on 06-11-2020

Sadhan lagat pr sudh rashtriya aay kya hogi

Neeraj Kumar on 17-01-2021

राष्ट्रीय आय मापने की उत्पादन गणना विधि या विधि को समझाइए


Kanhaiya mandawaliya on 26-01-2021

Rashtriya aay ke akalan ke upay

Nice answer on 14-07-2021

Niji aay vaykitkaay tthavaykitkprojy aay

fozia270298@gmail.com on 09-08-2021

Rashtriy aay ko napne ki vidhiyan

Neeraj Kumar on 04-10-2021

राष्ट्रीय आय मापने की उत्पादन गणना विधि व्यय
विधि को समझाइए

Vishu on 08-10-2021

मुद्रा में गरीबी का कारण हैं?गरीबी दूर करने के सरकारी प्रयास को बताए

Kalpana Kumari on 06-11-2021

Rastiy aay ki bidhi bathay


Mukesh on 28-01-2022

Describe the various concepts of national income.How can you measure national income?

Rohit on 05-03-2022

Tari maa ki

Mrs pooja sharma on 11-03-2022

Rashtriya aye ko mapne ki vidhiyan

Monika 4.6.2021 on 05-10-2022

Rashtriya aaye kya h ise kaise mapi ja skti h iske kya kya kathinaiyan h byakhya kre



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