Vaigyanik Prabandhan Ke Tailor Ka Sidhhant वैज्ञानिक प्रबंधन के टेलर का सिद्धांत

वैज्ञानिक प्रबंधन के टेलर का सिद्धांत



Pradeep Chawla on 25-10-2018


वैज्ञानिक प्रबंध के सिद्धांत

औद्योगिक क्रांति के प्रारंभिक दिनों में, जबकि कारखाना संगठन की कोई स्थापित पद्धति मीमांशा नहीं थी, कारखाना मालिक अथवा प्रबंधक प्रबंध कार्य करते हुए आने वाली समस्याओं का समाधान करते समय अधिकांश व्यक्तिगत निर्णयों पर ही निर्भर करते थे। इसे अंगूठा टेक नियम कहा जाता है। अंगूठा टेक नियम अपनाने पर कारखानों का प्रबंध करते समय प्रबंधक परिस्थिति के अनुसार कार्य कर सकते थे लेकिन उन्हें प्रयत्न एवं मूल की पद्धति की सीमाओं का सामना करना पड़ता था। उनके अनुभव को विशिष्टता प्रदान करने के लिए यह जानना महत्त्व रखता था कि कौन कार्य को करता है तथा यह ऐसा क्यों करता है? इसके लिए जिस मार्ग पर चलना था, वह वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित थी अर्थात् समस्या को परिभाषित करना, वैकल्पिक समाधानों का विकास करना, परिणामों का पूर्वानुमान लगाना, प्रगति को मापना एवं परिणाम निकालना आदि। इस परिदृश्य में टेलर वैज्ञानिक प्रबंध के जनक के रूप में उभर कर आए। उन्होंने अंगूठा टेक के स्थान पर वैज्ञानिक प्रबंध सुझाया। उन्होंने मानवीय क्रियाओं को छोटे-छोटे भागों में बाँटा तथा यह पता किया कि वह इसे कम समय एवं अधिक उत्पादकता से किस प्रकार से कर सकता है। इसमें व्यावसायिक क्रियाओं को स्तरीय उपकरण, (उत्पादन में वृद्धि हेतु, पद्धतियों एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा करना, गुणवत्ता में सुधार करना एवं लागत तथा बर्बादी को कम करना निहित था)।


टेलर के शब्दों में

वैज्ञानिक प्रबंध यह जानने की कला है कि आप श्रमिकों से क्या काम कराना चाहते हैं और फिर यह देखना कि वे उसको सर्वोत्तम ढंग से एवं कम से कम लागत पर करें।

बैथलहम स्टील कंपनी, जिसमें टेलर स्वयं कार्यरत थे, में वैज्ञानिक प्रबंध के सिद्धांतों को लागू करने से उत्पादकता में तीन गुणा वृद्धि हुई। इसलिए इन सिद्धांतों पर विचार करना उचित ही होगा।

विज्ञान पद्धति, न कि अंगूठा टेक नियम

टेलर ने प्रबंध के क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धति को लागू करने की पहल की। हम पहले ही प्रबंध अंगूठा टेक नियम की सीमाओं की चर्चा कर चुके हैं। अब क्योंकि सभी प्रबंधक अपने-अपने अंगूठा टेक नियमों को अपनाएँगे इसलिए स्वभाविक है कि सभी समान रूप से प्रभावी नहीं होंगे। टेलर का विश्वास था कि अधिकतम कार्यक्षमता में वृद्धि केवल एक ही सर्वोत्तम विधि थी। इस पद्धति को अध्ययन एवं विश्लेषण के द्वारा विकसित किया जा सकता है। इस प्रकार से विकसित पद्धति को पूरे संगठन में ‘अंगूठा टेक नियम’ के स्थान पर लागू करना चाहिए। वैज्ञानिक पद्धति में प्रारंभिक प्रणालियों का कार्य अध्ययन, सर्वश्रेष्ठ तरीकों का एकीकरण एवं स्तरीय पद्धति के विकास के माध्यम से जाँच पड़ताल सम्मिलित थी, जिसे कि पूरे संगठन में अपनाया जाना चाहिए। टेलर के अनुसार लोहे की छड़ों को डब्बाबंद गाड़ियों में लादने की छोटी सी उत्पादन क्रिया को भी वैज्ञानिक ढंग से नियोजित किया जा सकता है एवं उसका प्रबंधन किया जा सकता है। इससे मानवीय शक्ति एवं समय तथा माल की बर्बादी में भारी बचत होगी। जितनी अधिक व्यवस्थित प्रक्रिया होगी उतनी ही अधिक बचत होगी।


वर्तमान संदर्भ में इंटरनेट का प्रयोग आंतरिक कार्यकुशलता एवं ग्राहक की संतुष्टि में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया है।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Sushil kumar on 06-12-2022

F.W. Teller ka pura naam kya hai





किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर लोकसभा की सामान्य अवधि बढ़ायी जा सकती है - मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग why must data be copied from the hard drive to ram in order to be used in processing operations उष्णकटिबंधीय मरुस्थल के नाम डाक विभाग का इतिहास रावण का जन्म कब हुआ था मुखिया फण्ड इन बिहार हाल ही में बेंगाजी बंदरगाह 3 वर्षों के पश्चात पुन: खोला गया। यह बंदरगाह स्थित है- हिन्दी समाचार पत्रों की सूची कल्लाजी का जन्म स्थल था ? सूचना का अधिकार राजस्थान निम्न में से किस वर्ग केा सर्वप्रथम पश्चिमी सभ्यता ने प्रभावित किया - तात्या टोपे 1857 जयप्रकाश नारायण मराठी माहिती 1813 का चार्टर एक्ट पीले पत्थरों से निर्मित वह किला जिसके निर्माण में कहीं भी चूने का प्रयोग नहीं किया गया है - राष्ट्रीय जलमार्ग 2 राम मनोहर लोहिया और उनका समाजवाद

नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Question Bank International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels:
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment