महिला सशक्तिकरण (Women's empowerment) के बारें में : सबसे पहले आपको बता दे की ‘सशक्तिकरण’ से तात्पर्य किसी व्यक्ति की उस क्षमता से है, जिससे उस व्यक्ति में वह योग्यता आ जाती है, जिसमें वो अपने जीवन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं ले सके, और खुद के बारे में उचित और अनुचित न्याय कर सके।
इसी प्रकार महिला सशक्तिकरण (women empowerment essay) में भी हम उसी क्षमता की बात कर रहे हैं, जहाँ महिलाएँ परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हों। इसे सरल भाषा में समझे तो महिला सशक्तीकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारिरिक या मानसिक, सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है।
महिलाओं के सशक्तिकरण उपकरण के रूप में शिक्षा :
इसमें कोई शक नही है की महिलाओं को अपने अधिकारों को प्राप्त करने और जड़ताओं को तोड़ने के लिए जागरूक बनाने के लिए शिक्षा सबसे कारगर उपकरण है। आपको बता दे की शिक्षा भी परिवार के भीतर स्थिति में सुधार के साधन के रूप में असमानताओं और कार्य में कमी लाती है। अगर आप एक महिला को शिक्षित करते है तो समझिए की आप एक पुरे परिवार को शिक्षित कर रहे है।
महिला सशक्तिकरण की शुरुआत :
महिला सशक्तिकरण
(women empowerment article) की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 08 मार्च,1975 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से मानी जाती हैं। फिर महिला सशक्तिकरण की पहल 1985 में महिला अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन नैरोबी में की गई। ध्यान रहे की भारत सरकार ने समाज में लिंग आधारित भिन्नताओं को दूर करने के लिए एक महान नीति महिला कल्याण नीति 1953 में अपनाई थी।
महिला सशक्तिकरण की रणनीति :
इस नीति का लक्ष्य महिलाओं की उन्नति, विकास और सशक्तीकरण
(women's empowerment programs) करना है। इस नीति का व्यापक प्रसार किया जाएगा ताकि इसके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी प्रोत्साहित की जा सके। विशेष रूप से, इस नीति के उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं....
सकारात्मक आर्थिक एवं सामाजिक नीतियों के माध्यम से महिलाओं के पूर्ण विकास के लिए वातावरण बनाना ताकि वे अपनी पूरी क्षमता को साकार करने में समर्थ हो सकें। राष्ट्र के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में भागीदारी करने और निर्णय लेने में महिलाओं की समान पहुंच। स्वास्थ्य देखभाल, सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, करियर और व्यावसायिक मार्गदर्शन, रोजगार, बराबर पारिश्रमिक, व्यावसायिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और सरकारी कार्यालय आदि में महिलाओं की समान पहुंच। महलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव की समाप्ति के लिए विधिक प्रणालियों का सुदृढ़ीकरण। महिलाओं और पुरूषों दोनों की सक्रिय भादीदारी और संलिप्तता के माध्यम से सामाजिक सेाच ओर सामुदायिक प्रथाओं में परिवर्तन लाना। विकास की प्रक्रिया में जेंडर परिप्रेक्ष्य को शामिल करना। महिलाओं और बालिका के प्रति भेदभाव और सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करना। सभ्य समाज, विशेष रूप से महिला संगठनों के साथ साझेदारी का निर्माण करना और उसे सुदृढ़ बनाना।भारत में महिला सशक्तिकरण :
हमारे देश में महिला सशक्तिकरण
(women's empowerment in india) को लेकर काफी कदम उठाए गए है और निरंतर इन पर ध्यान दिया जा रहा है एक यहाँ हम उदाहरण की बात करें तो केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 02 जनवरी 2018 को
‘नारी’ पोर्टल का लोकार्पण किया।
इससे सामाजिक, आर्थिक और कानूनी अधिकारों के अलावा केंद्र सरकार की लगभग 350 योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। महिलाओं के कल्याण और विकास से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। यह पोर्टल भी इसी दिशा में एक कदम है। इस पोर्टल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विकसित किया है।
महिला सशक्तिकरण में शिक्षा साधन के रूप में