उत्तर प्रदेश में 20 दिन के भीतर प्रभावी खनन नीति लागू हो जाएगी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध खनन पर सख्त रुख अपनाते हुए 20 दिन के भीतर खनन पट्टों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खनन पर लगी रोक से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पुलिस एवं जिला प्रशासन को साथ मिलकर रणनीति बनाकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी हर हाल में 10 मई तक ई-टेंडरिंग के माध्यम से खनन पट्टों की प्रक्रिया पूरी करना सुनिश्चित करें। लेकिन यह व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि कोई कार्य प्रणाली पर उंगली न उठा सके, सरकार को राजस्व का नुकसान भी न हो और न ही जनता को असुविधा हो। बता दें कि बालू और मौरंग की मांग के अनुरूप खनन नहीं होने की वजह से इनके दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिससे जनता को खासी दिक्कत हो रही है।
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जिलाधिकारी की होगी जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूतत्तव एवं खनिकर्म विभाग राजस्व का बड़ा स्रोत है, अधिकारी राजस्व पाप्तियां बढ़ाने के लिए योजना बनाकर काम करें। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग की व्यवस्था पूरी कराने के लिए एक अच्छी टीम का गठन हो जो पूरी पारदर्शिता से काम करे। खनन पट्टों के ई-टेंडरिंग के प्रति जिलाधिकारी की जवाबदेही होगी।
चुनाव में भाजपा ने किया था वादा
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही थी। संकल्प पत्र में भाजपा ने कहा था कि यूपी में अवैध खनन पूरी तरह समाप्त हो ऐसी नीति बनाई जाएगी। साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर दोषियों को दंडित करने की भी बात कही थी।
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ई-टेंडरिंग से आएगी पारदर्शिता
जानकारों का मानना है कि भ्रष्टाचार का एक प्रमुख स्रोत है उचित जानकारी समय पर उपलब्ध न होना। सारी जानकारी फाइलों में दबी होती है और भ्रष्टाचार का सारा खेल यहीं से शुरू होता है। ई टेंडरिंग व्यवस्था से काम में पारदर्शिता आएगी। भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं होगी और किसी भी प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप भी नहीं लगेंगे।
कैबिनेट की भी लग चुकी है मुहर
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया गया कि अब उत्तर प्रदेश में छह-छह महीने के लिए बालू और मौरंग के पट्टे दिए जाएंगे। अवैध खनन को रोकने के लिए कमेटी की रिपोर्ट पर 11 अप्रैल को योगी कैबिनेट की भी मुहर लग गई। पट्टे का आवंटन जिलाधिकारी ई-टेंडरिंग से करेंगे।
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पहले भी ईं टेंडरिंग से उठे हैं पट्टे
साल 2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन ने टेंडर और नवीनीकरण के लिए लंबित आवेदन पत्रों को निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन ने नदियों के किनारे अवैध बालू खनन रोकने और इसमें पारदर्शिता लाने के लिए शासन ने ई-टेंडरिंग के जरिए बालू घाटों का पट्टा कराने का निर्णय किया था। ऑनलाइन टेंडरिंग के साथ-साथ बालू घाटों का पट्टा तीन साल के बजाय एक साल करने का निर्णय किया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश में साफ कहा गया था कि ई-टेंडरिंग प्रणाली के तहत आवेदन करने वाले को ही बालू का पट्टा मिलेगा। यही आदेश नदियों में मिलने वाली मौरंग, बजरी और बोल्डर के लिए भी था।
“दिल्ली चलो” का नारा भारत की आज़ादी के लिए प्रयासरत क्रांतिकारी सुभाष चन्द्र बोस ने वर्ष 1942 में “आजाद हिन्द फ़ौज” को दिया आजाद हिन्द फ़ौज के मुखर नेता और मार्गदर्शक होते हुए सुभाष चन्द्र बोस ने जब महसूस किया कि इंग्लैंड द्वितीय विश्व युद्ध में उलझता जा रहा है तब उस समय यह नारा देकर उन्होंने फ़ौज का मार्गदर्शन किया आज़ाद हिन्द फ़ौज को इंडियन नेशनल आर्मी के नाम से भी जाना जाता था जिसे जापान की सहायता से मिलकर संगठित किया गया था
किसने दिया: सुभाष चन्द्र बोस
कब दिया: 1942
लक्ष्य: सुभाष चन्द्र बोस का मानना था कि ब्रिटिश हकूमत स्वयं से कभी भी भारत को आज़ाद नही करेगी इसके लिए ब्रिटिश हकूमत से विद्रोह कर लड़ना पड़ेगा इसी कारण उन्होंने लगभग 40 हजार सैनिकों वाली इस सेना का नेतृत्व किया तथा दिल्ली पर अधिक्रमण तथा ब्रिटिश सरकार को भारत से निकाल बाहर करने के उद्देश्य से दिल्ली चलो का नारा दिया
किसान अपने खेत से मिट्टी खनन अनुमति के बाद कितनी गहराई तक कर सकता है
Can permit for palothan mitti for 6 months be granted? Under what procedure and rules and by whom
Can permit for palothan mitti for 6 months be granted? Under what procedure and rules and by whom?
Kya ek kisan apne khet ko samtal karne k liye tractor aur favde se miltti uthakar apne kheto m dal sakte h jabki millti khet se bhar na nikli ho
अपने खेत से किसान मिट्टी निकाल सकता है कि नही
kya apne khet me mitti girwana hai to SDM se anumati lena hoga.?
हम रेत बजरी ला सकते हैं क्या नहीं
Kya nadi kay kamaray kishi kishano ki bhumidhari ko bhi government partay per day shakti hai bina kishan kay shahamati kay
Kya ek kisan apne khet ko samtal karne k liye tractor aur favde se miltti uthakar apne kheto m dal sakte h jabki millti khet se bhar na nikli ho
अपने खेत से किसान मिट्टी निकाल सकता है कि नही
kya apne khet me mitti girwana hai to SDM se anumati lena hoga.?
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एनजीटी में प्रशासन ठीक से खनन पर लगी रोक हटाने का प्रयास क्यों नही कर रहा सहारनपुर में? भंडारण व नवीनीकरण लाइसेंस जारी क्या नही कर रहा प्रशासन?
अपने खेत मे से अपने घर के पटान के लिये कितनी टराली मिटटी निकाल सकते हे
Apne Khet se Mitti nikala sakte hai ki nahi uske liye permission Lena padega kya
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