शाकाहारकाइतिहास:
शाकाहार के प्रारंभिक रिकॉर्ड ईसा पूर्व 6ठी शताब्दी में प्राचीन भारत में पाए जाते हैं। उदाहरणों मेंआहार घनिष्ठ रूप से प्राणियों के प्रति नान-वायलेंस के विचार (भारत में अहिंसा कहा जाता है) सेजुड़ा हुआ है और धार्मिक समूह तथा दार्शनिक इसे बढ़ावा देते हैं।
प्राचीनकाल में रोमन साम्राज्य के ईसाईकरण के बाद शाकाहार व्यावहारिक रूप से यूरोप सेगायब हो गया। मध्यकालीन यूरोप में भिक्षुओं के कई नियमों के जरिये संन्यास के कारणों सेमांस का उपभोग प्रतिबंधित या वर्जित था।
अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ, 1908 में स्थापित किया गया है। पश्चिमी दुनिया में भी, 20वीं सदी केदौरान पोषण, नैतिक और अभी हाल ही में, पर्यावरण और आर्थिक चिंताओं के परिणामस्वरुपशाकाहार की लोकप्रियता बढ़ी है।
शाकाहारऔरस्वास्थ्य:
अमेरिकन डाएटिक एसोसिएशन और कनाडा के आहारविदों का कहना है कि जीवन के सभीचरणों में अच्छी तरह से योजनाबद्ध शाकाहारी आहार "स्वास्थ्यप्रद, पर्याप्त पोषक है और कुछबीमारियों की रोकथाम और इलाज के लिए स्वास्थ्य के फायदे प्रदान करता है।
बड़े पैमाने पर हुए अध्ययनों के अनुसार मांसाहारियों की तुलना में ह्रदय रोग शाकाहारी पुरुषों में30% कम और शाकाहारी महिलाओं में 20% कम हुआ करते हैं।
सब्जियों, अनाज, बादाम आदि, दूध, और दूध के उत्पादों में शरीर के भरण-पोषण के लिएआवश्यक पोषक तत्व, प्रोटीन और अमीनो एसिड हुआ करते हैं।शाकाहारी आहार में संतृप्त वसा,कोलेस्ट्रॉल और प्राणी प्रोटीन का स्तर कम होता है और कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम,पोटेशियम, फोलेट और विटामिन सी व ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट तथा फाइटोकेमिकल्स का स्तरउच्चतर होता है।
शाकाहारी निम्न शारीरिक मास इंडेक्स, कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर, निम्न रक्तचाप प्रवृत्त होतेहैं; और इनमें ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप 2, गुर्दे की बीमारी, अस्थि-सुषिरता(ऑस्टियोपोरोसिस), अल्जाइमर जैसे मनोभ्रंश और अन्य बीमारियां कम हुआ करती हैं।खासकर चर्बीदार भारी मांस (Non-lean red meat) को भोजन-नलिका, जिगर, मलाशय औरफेफड़ों के कैंसर के बढ़ते खतरे के साथ सीधे तौर पर जुड़ा पाया गया है। अन्य अध्ययनों केअनुसार प्रमस्तिष्कवाहिकीय (cerebrovascular) बीमारी, पेट के कैंसर, मलाशय कैंसर, स्तनकैंसर, या प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मृत्यु के मामले में शाकाहारी और मांसाहारियों के बीच मेंकोई उल्लेखनीय अंतर नहीं है; हालाँकि शाकाहारियों के नमूने कम थे और उनमें पूर्व-धूम्रपानकरने वाले ऐसे लोग शामिल रहे जिन्होंने पिछले पाँच साल में अपना भोजन बदला है।
2010 के एक अध्ययन में सेवेंथ दे एडवेंटिस्ट्स के शाकाहारियों और मांसाहारियों के एक ग्रुप केबीच तुलना करने पर शाकाहारियों में अवसाद कम पाया गया और उन्हें बेहतर मूड का पायागया।
डॉ जे Oldfield, वरिष्ठ फिजिशियन, लेडी मार्गरेट अस्पताल, लिखते हैं: ये अकाट्य सत्य है कीशाकाहार में वो हर तत्व मौजूद है जो मानव की सभी जरूरतों को पूरा कर सकता हैं | मांसअप्राकृतिक भोजन है जो शरीर में विभिन्न विकार उत्पन्न करता है| इससे मानव अनेक रोगोंजैसे कैंसर ,ज्वर और पेट के कीड़े से संक्रमित हो जाता है| मांस भक्षण पैदा होने वाले 100 मेसे 99लोगों में रोगों का गंभीर कारन है |
मांस खाना और शराब का सेवन दोनों एक जेसे ही हैं| शराब की लत स्वाभाविक मृत्यु की तरह हैजब मांस हटा दिया जाये| जन्म नियंत्रण उन लोगों में कठिन है जो मांस खाते हैं| मानसिकनियंत्रण मास्भ्क्शियों में एकदम असंभव है | देखो की बाघ जो मॉस खता है कितना क्रूर है औरहठी और गाय जो शाकाहारी है कितने शांतिप्रिय हैं| मांसभक्षण बुध्दी पर सीधा बुरा असर डालताहै| मांस खाने वाले देशों में कैंसर से मरने वालों की संख्या अधिक हैं| पश्चिमी देशों में डॉक्टरमरीज को शाकाहार पर रखते हैं और वो जल्दी ही ठीक हो जाते हैं|
शाकाहारपोषकतत्व:
फाइबर आहार, फोलिक एसिड, विटामिन सी और ई और मैग्नेशियम के ऊँचे स्तर तथा संतृप्तवसा अर्थात चर्बी के कम उपभोग को शाकाहारी भोजन का लाभकारी पहलू माना जाता है।
प्रोटीन:
हार्वर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिका,ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा विभिन्नयूरोपीय देशों में किये गये अध्ययनों से इसकी पुष्टि होती है कि विभिन्न प्रकार के पौधों के स्रोतोंसे आहार उपलब्ध होते रहें और उनका उपभोग होता रहे तो शाकाहारी भोजन पर्याप्त प्रोटीनमुहैया करता है। खिलाड़ियों और शरीर को गठीला बनाने वालों की आवश्यकताओं को भी पूरा करसकता है।
यह दालों, अनाज, चना, मटर, सोयाबीन, मूँगफली, काजू, बादाम, हरी सब्जियों, दूध, दही, पनीर,सेव, फल, मेवे आदि में पर्याप्त मात्रा में आया जाता है।
लौह(IRON):
शाकाहारी खाद्य पदार्थ लौह से भरपूर होते है, इनमें काजू, हेम्पसीड, राजमा, मसूर दाल, जौ काआटा, किशमिश व मुनक्का, लोबिया, अनेक नाश्ते में खाये जानेवाला अनाज, सूर्यमुखी के बीज,छोले, टमाटर का जूस, शीरा, अजवायन और गेहूँ के आटे की रोटी भी शामिल हैं।
विटामिनबी12:
लैक्टो शाकाहारी दूध उत्पादों से बी12 प्राप्त कर सकते हैं और वेगांस दृढ़ीकृत खाद्य तथा पूरकआहार से प्राप्त कर सकते हैं चूंकि मानव शरीर बी12 को सुरक्षित रखता।
फैटीएसिड:
ओमेगा 3 फैटी एसिड के पौधे-आधारित या शाकाहारी स्रोतों में सोया, अखरोट, कैनोला तेल(रेपसीड), किवी फल और विशेषकर हेम्पसीड, चिया सीड, अलसी, और लोनिया या कुलफाशामिल हैं। वनस्पति या पेड़-पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ अल्फा-लिनोलेनिक एसिड प्रदान करसकते हैं, लेकिन लंबी-श्रृंखला एन-3 फैटी एसिड ईपीए (EPA) और डीएचए (DHA) प्रदान नहींकरते, पर हाल ही में, कुछ कंपनियों ने समुद्री शैवाल के सत्त से भरपूर शाकाहारी डीएचएअनुपूरण की बिक्री शुरू कर दी है।
कैल्शियम:
हरे-पत्तेदार साग, जिनमें प्रचुर कैल्शियम हुआ करता है। कैल्शियम के कुछ स्रोतों पालक, दूधऔर दूध उत्पाद, केले में कैल्शियम से भरपूर हैं।
विटामिनडी
शाकाहारियों में विटामिन डी का स्तर कम नहीं होना चाहिए (हालाँकि अध्ययनों के अनुसार आमआबादी के अधिकांश में इसकी कमी है। पर्याप्त और संवेदी यूवी (UV) सूर्य धूप सेवन सेविटामिन डी की आवश्यकताएं मानव शरीर के खुद के उत्पादन के जरिये पूरी हो सकती हैं।दूध और अनाज जैसे उत्पाद विटामिन डी प्रदान करने के अच्छे दृढीकृत स्रोत हो सकते है।
फॉस्फोरस:
बढते शरीर और दिमाग की ताकत के लिये यह विशेष लाभदायक है और पनीर, दही, गेहूँ, मक्का,दाल, दूध, छाछ, पनीर, बादाम, समस्त मीठी फल, खांड, मुरब्बा आदि में पाया जाता है।
Medical Basis of Nutrition Published by Charitable के अनुसार शाकाहार में निम्न विटमिंसपाये जाते हैं-
- विटामिन A- हरी सब्जियों, नीबू, अमरूद, आँवला, संतरा, मौसमी आदि में मिलताहै।
- विटामिन B- हरी पत्तेदार सब्जियों तथा अनाज में पाया जाता है।
- विटामिन C- हरी सब्जियों, नीबू, अमरूद, आँवला, संतरा, मौसमी आदि में मिलताहै।
- विटामिन D- इसका प्रमुख स्त्रोत है सूर्य की किरणें। यद्यपि पशु तथा पौधों से प्राप्तखाद्य पदार्थों में भी कुछ मात्रा में प्राप्त होता है।
- विटामिन E- यह घी मक्खन में बहुतायत से होता है।
- विटामिन K- यह हरी सब्जियों में पाया जाता है।
Sakahar par niband