मानव शरीर में कॉपर (तांबा) के स्तर में कमी का संबंध और जैसी समस्याओं से होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह सुझाव दिया गया कि (heart failure) वाले कुछ रोगियों के लिए, कॉपर (तांबा) की खुराक (copper supplements) या कॉपर (copper) की अधिक मात्रा से फायदा मिल सकता है। अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि तांबे के कम स्तर, कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (cardiovascular disease) का कारण बनते हैं। अतः हृदय समस्याओं को कम करने के लिए कॉपर का उचित मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए।
(और पढ़े – )
तंत्रिका कोशिकाओं (nerve cells) के अंदर और बाहर तांबे के संचरण एवं कार्यों की जांच के आधार पर यह पता लगाया गया कि प्रत्येक तंत्रिका कोशिका के लिए कॉपर एक ब्रेक (Brake) या मंदक स्विच (dimmer switch) की तरह कार्य करता है।
अर्थात यदि कॉपर (तांबे) (copper) की उच्च मात्रा कोशिका में प्रवेश करती है, तो यह न्यूरॉन सिग्नलिंग (तंत्रिका कोशिका के कार्यों) को कम कर देती है। तथा कोशिका में कॉपर (तांबा) के स्तर में कमी होने पर सूचना प्रसारण क्रिया (signalling) फिर से शुरू हो जाती है।
(और पढ़े – )
आयरन के साथ-साथ कॉपर (तांबा), लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में शरीर की मदद करता है। अतः कॉपर (copper) प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में सहायक है। कॉपर (तांबा) में कमी से न्यूट्रोपेनिया (neutropenia) रोग हो सकता है, जो सफेद रक्त कोशिकाओं में असामान्य रूप से कमी से संबंधित है। अतः शरीर में कॉपर (तांबा) (copper) की कमी से अनेक बीमारियाँ हो सकती है। कॉपर (तांबा) (copper) की कमी के प्रभावों को शिशुओं में अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यही कारण है कि शिशुओं को अन्य व्यक्तियों की तुलना में पर्याप्त मात्रा में कॉपर (तांबे) के सेवन की आवश्यकता होती है।
(और पढ़े – )
कॉपर, मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) को सक्रिय करने वाले एंजाइमों का एक महत्वपूर्ण घटक है। शोध से पता चला है कि मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए शरीर में पर्याप्त कॉपर (तांबे) के स्तर होना आवश्यक है। चूंकि शरीर में अधिकांश कॉपर (तांबा) मस्तिष्क में पाया जाता है, इसलिए मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त कॉपर (तांबे) की आवश्यकता होती है। वयस्कों में न्यूरोडिजेनरेशन (Neurodegeneration) जैसी अनेक समस्याएं अक्सर तांबे के स्तर में असंतुलन से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा, कॉपर (तांबा) की कमी के कुछ लक्षणों में, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और खराब मनोदशा शामिल हैं।
(और पढ़े – )
कॉपर एक महत्वपूर्ण खनिज के रूप में हड्डी या जोड़ों को स्वास्थ्य रखे में योगदान देता है। इस खनिज के निम्न स्तर के कारण (osteoporosis) हो सकता है, जो कि एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। कॉपर कोलेजन (collagen) को स्वस्थ्य रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो शरीर में एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक का घटक है। शरीर में अपर्याप्त कॉपर (तांबा) के कारण कोलेजन (collagen) की कमी हो सकती है और जोड़ो से सम्बंधित रोग (joint dysfunction) उत्पन्न हो सकते हैं।
(और पढ़े – )
चूंकि त्वचा में लचीलापन बनाए रखने और कोलेजन (collagen) महत्वपूर्ण प्रोटीन घटक है। चूंकि कॉपर (तांबा) कोलेजन निर्माण में मदद करता है। अतः कॉपर (copper) त्वचा को स्वस्थ्य रखने और मदद कर सकता है। यह मेलेनिन (melanin) के उत्पादन में भी मदद करता है, जो एक प्रकार का वर्णक (pigment) है, यह त्वचा को यूवी विकिरण (UV radiation) से बचाता है। कॉपर और अन्य खनिज अवयव वाले उत्पाद का सेवन करने से में मदद मिल सकती है।
(और पढ़े – )
कॉपर पेप्टाइड्स (Copper peptides) बालो के रोम (hair follicles) के आकार को बढ़ाने और बालों को पतला होने से रोकने के लिए उपयोगी होता है। चूंकि कॉपर मेलेनिन (melanin) के उत्पादन में मदद करता है, अतः यह है।
(और पढ़े – )
कॉपर (Copper) थायराइड स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे – , , , और पोटेशियम के साथ मिलकर कार्य करता है और थायराइड स्वास्थ्य (Thyroid Health) को बढ़ावा देता है। अतः यह मुख्य रूप से हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) या हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) जैसी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि थायराइड रोग (thyroid disease) को रोकने या कम करने के लिए कॉपर (तांबे) का सेवन आवश्यक है।
(और पढ़े – )
दैनिक मात्रा के आधार पर कॉपर की उचित मात्रा का सेवन शरीर में रोजाना 50 से अधिक एंजाइमेटिक क्रियाओं (enzymatic reactions) का समर्थन करता है। यह एक स्वस्थ चयापचय (healthy metabolism) को बढ़ावा देता है। यह खनिज पदार्थ ATP (adenosine triphosphate) के संश्लेषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ATP को शरीर के ऊर्जा स्रोत के रूप में जाना जाता है। यही कारण है कि कॉपर की कमी, सुस्त (मंद) चयापचय का कारण बन सकती है।
(और पढ़े – )
कॉपर की कमी और अधिकता दोनों ही मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है
अतः कॉपर का सेवन उचित मात्रा में किया जाना अति आवश्यक होता है।
आइये जानते है कि कॉपर की कमी और अधिकता से होने वाली समस्याएं क्या हैं:
Cu ki kami see hone Wala rog
Zn ki kami se hone wale rog
Copper ki kami se nind me problem ho sakti hai ky
Boron ki nyunta effect batao
कॉपर की कमी से होने वाला रोग कोनसा है
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity
Copper ki matra kess giyt karte he