सिन्धु घाटी की सभ्यता से संबंधित छोटे-छोटे संकेतों के समूह को सिन्धु लिपि कहते हैं। इसे सिन्धु-सरस्वती लिपि और हड़प्पा लिपि भी कहते हैं। सिन्धु सभ्यता का उदघाटन 1920 ई. के बाद हुआ। यदि हमारे पुरातत्त्ववेत्ता अधिक सचेत होते तो इस सभ्यता की खोज उन्नीसवीं शताब्दी में ही हो गई होती। मेसोने ने 1820 में पहली बार हड़प्पा के टीलों को पहचाना था। 1865 में ब्रिटेन-बंधुओं-जॉन और विलियम को लाहौर से कराची तक की रेल लाइन बनाने का ठेका मिला। विलियम ने मुल्तान-लाहौर लाइन का निर्माण किया और इस लाइन की गिट्टी के लिए हड़प्पा की ईटों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया। 'आज रेलगाड़ियाँ सौ मील तक ऐसी पटरियों पर से गुज़रती हैं, जो ई. पू. तीसरी सहशताब्दी की बनी हुई ईटों पर मज़बूती से टिकी हुई हैं। ईटों की इस लूट के दौरान कई प्रकार के पुरावशेष प्राप्त हुए। इनमें से अधिक आकर्षक पुरावशेषों को मज़दूरों और इंजीनियरों ने रख लिया'।
हड़प्पा लिपि (सिन्धु लिपि) का सर्वाधिक पुराना नमूना 1853 ई. में मिला था पर स्पष्टतः यह लिपि 1923 तक प्रकाश में आई। सिंधु लिपि में लगभग 64 मूल चिह्न एवं 205 से 400 तक अक्षर हैं जो सेलखड़ी की आयताकार मुहरों, तांबे की गुटिकाओं आदि पर मिलते हैं। यह लिपि चित्रात्मक थी। यह लिपि अभी तक गढ़ी नहीं जा सकी है। इस लिपि में प्राप्त सबसे बड़े लेख में क़रीब 17 चिह्न हैं। कालीबंगा के उत्खनन से प्राप्त मिट्टी के ठीकरों पर उत्कीर्ण चिह्न अपने पार्श्ववर्ती दाहिने चिह्न को काटते हैं। इसी आधार पर 'ब्रजवासी लाल' ने यह निष्कर्ष निकाला है - 'सैंधव लिपि दाहिनी ओर से बायीं ओर को लिखी जाती थी।' अभी हाल में 'के.एन. वर्मा' एवं 'प्रो. एस.आर. राव' ने इस लिपि के कुछ चिह्नों को पढ़ने की बात कही है। सैन्धव सभ्यता की कला में मुहरों का अपना विशिष्ट स्थान था। अब तक क़रीब 200 मुहरें प्राप्त की जा चुकी हैं। इसमें लगभग 1200 अकेले मोहनजोदाड़ो से प्राप्त हुई हैं। ये मुहरे बेलनाकार, वर्गाकार, आयताकार एवं वृत्ताकार रूप में मिली हैं। मुहरों का निर्माण अधिकतर सेलखड़ी से हुआ है। इस पकी मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण 'चिकोटी पद्धति' से किया गया है। पर कुछ मुहरें 'काचल मिट्टी', गोमेद, चर्ट और मिट्टी की बनी हुई भी प्राप्त हुई हैं। अधिकांश मुहरों पर संक्षिप्त लेख, एक श्रृंगी, सांड, भैंस, बाघ, गैडा, हिरन, बकरी एवं हाथी के चित्र उकेरे गये हैं। इनमें से सर्वाधिक आकृतियाँ एक श्रृंगी, सांड की मिली हैं। लोथल ओर देशलपुर से तांबे की मुहरे मिली हैं। मोहनजोदाड़ो से प्राप्त एक त्रिमुखी पुरुष को एक चौकी पर पद्मासन मुद्रा में बैठे हुए दिखलाया गया है। उसके सिर में सींग है तथा कलाई से कन्धे तक उसकी दोनों भुजाएं चूड़ियों से लदी हुई हैं। उसके दाहिने ओर एक हाथी और एक बाघ तथा बाई ओर एक भैंसा और एक गैडा खड़े हुए हैं। चौकी के नीचे दो हिरण खड़े हैं। मोहनजोदाड़ो से प्राप्त एक अन्य मुहर भक्त घुटने के बल झुका हुआ है। इस भक्त के पीछे मानवीय मुख से युक्त एक बकरी खड़ी है और नीचे की ओर सात भक्त-गण नृत्य में मग्न दिखाए गए हैं। मोहनजोदाड़ो एवं लोथल से प्राप्त एक अन्य मुहर पर 'नाव' का चित्र बना मिला है। हड़प्पा सीलों का सर्वाधिक प्रचलित प्रकार चौकोर है। मोहनजोदाड़ो, लोथल एवं कालीबंगा से राजमुद्रांक मिले हैं, जिनसें यह संकेत मिलता है कि सम्भवतः इन मुहरों का प्रयोग उन वस्तुओं की गांठो पर मुहर लगाने में किया जाता था जिनका बाहर के देशों को निर्यात किया जाता था।
जनरल कनिंघम (1814-93) ने 1856 में हड़प्पा की यात्रा करके वहाँ से कुछ मुहरें प्राप्त की थीं, जिन पर सिन्धु लिपि के संकेत उत्कीर्ण थे। कनिंघम इन पुरावशेषों के महत्त्व को समझ तो गए थे, किन्तु वे हड़प्पा के अन्वेषणों को आगे नहीं बढ़ा सके। उन्होंने 1875 में इन मुहरों में से कुछ को प्रकाशित करके ही संतोष कर लिया।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Question Bank International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity