Mahasagareey Nital in english महासागरीय नितल in english

महासागरीय नितल in english



GkExams on 30-04-2022


महासागरीय नितल (Ocean Floor) : महासागर प्रथम श्रेणी का उच्चावच है। यह पृथ्वी के गहरे क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत है तथा इसमें पृथ्वी की विशाल जलराशि संचित है। महाद्वीपों के विपरीत महासागर एक दूसरे से स्वाभाविक रूप में इतने करीब हैं कि उनका सीमांकन करना कठिन हो जाता है।


लेकिन फिर भी भूगोलविदों ने पृथ्वी के महासागरीय भाग को पांच महासागरों में विभाजित किया है। जिनके नाम हैं- प्रशांत, अटलांटिक, हिंद, दक्षिणी एवं आर्कटिक।


वैसे महासागरीय नितल (ocean floor information) अथवा अधस्तल को चार प्रमुख भागों में बांटा जा सकता है, जो इस प्रकार है...


1. महाद्वीपीय मग्नतट :




  • यह महासागर का सबसे उथला भाग होता है जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है।
  • महाद्वीपीय मग्नतटों की चौड़ाई में एक महासागर से दूसरे महासागर के बीच भिन्नता पाई जाती है।
  • यहां पर अवसादों की मोटाई भी अलग-अलग होती है।
  • यहां लंबे समय तक प्राप्त स्थूल तलछट अवसाद जीवाश्मी ईंधनों के स्रोत बनते हैं।
  • समुद्र में जो भी प्राकृतिक गैसों एवं पेट्रोलियम के भंडार पाए गए हैं, उन सबका संबंध महाद्वीपीय मग्न तट से ही है।
  • यह महासागरीय नितल के 8.6 प्रतिशत भाग पर फैले हैं।



  • 2. महाद्वीपीय मग्नढाल :




  • मग्नतट तथा सागरीय मैदान के बीच तीव्र ढाल वाले मंडल को ‘महाद्वीपीय मग्नढाल’ कहते हैं।
  • इसकी ढाल प्रवणता मग्नतट के मोड़ के पास से सामान्यतः 4o से अधिक होती है।
  • मग्नढाल पर जल की गहराई 200 मीटर से 3000 मीटर के बीच होती है।
  • मग्नढाल समस्त सागरीय क्षेत्रफल के 8.5 प्रतिशत पर फैला है।
  • मग्नढालों पर सागरीय निक्षेप का अभाव पाया जाता है।



  • 3. गहरे समुद्री मैदान :




  • गहरे समुद्री मैदान महासागरीय बेसिनों के मंद ढाल वाले क्षेत्र होते हैं।
  • इनकी गहराई 3000 से 6000 मीटर तक होती है।
  • समस्त महासागरीय क्षेत्रफल के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पर इनका विस्तार पाया जाता है। उल्लेखनीय है कि इनका विस्तार भिन्न-भिन्न महासागरों में भिन्न-भिन्न है।
  • प्रशांत महासागर में इनका सर्वाधिक विस्तार है।
  • ये मैदान महीन कणों वाले अवसादों जैसे मृत्तिका एवं गाद से ढके होते हैं।



  • 4. महासागरीय गर्त :




  • ये महासागर के सबसे गहरे भाग होते हैं।
  • ये महासागरीय नितल के लगभग 7 प्रतिशत भाग पर फैले हैं।
  • आकार की दृष्टि से महासागरीय गर्तों को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
  • लंबे गर्त को ‘खाईं‘ (Trench) जबकि कम क्षेत्रफल वाले किंतु अधिक गहरे गर्त को ‘गर्त’ (Deeps) कहते हैं।
  • विश्व का सबसे गहरा गर्त (Trench) मेरियाना गर्त है जो प्रशांत महासागर में अवस्थित है।




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