संपोषी Vyatikaran संपोषी व्यतिकरण

संपोषी व्यतिकरण



GkExams on 09-01-2019

प्रकाश की गत तरंगीय होती है। किसी एकल प्रकाशस्रोत से नि:सृत ऊर्जा माध्यम के पार्श्व में सान रूप से बिखर जाती है। यदि प्रकाश के दो स्वतंत्र स्रोत, जिनसे समान परिमाण और अभिन्न कला की तरंगें सतत नि:सृत हों, एक दूसरे के सन्निकट रखे जाएँ, तो माध्यम के आसपास ऊर्जा का वितरण समांग नहीं होता, जहाँ एक प्रकाशतरंग का शृंग दूसरे प्रकाशतरंग के शृंग (crest) पर, या एक का तरंगगर्त (trough) दूसरे के तरंगगर्त पर गिरता है, वहाँ आयाम (amplitude) बढ़ जाता है और आयाम स्वरूप ऊर्जा या प्रकाश की तीव्रता भी बढ़ जाती है। साथ ही, यदि एक का तरंगश्रृंग दूसरे के तरंगगर्त पर गिरे, तो परिणामी आयाम (resultant amplitude) शून्य होता है और प्रकाश की तीव्रता घट जाती है। पहली स्थिति का संपोषी (constructive) व्यतिकरण और दूसरी स्थिति को विनाशी (destructive) व्यतिकरण कहते हैं।


पारदर्शी ठोस के पतले पट्टों (plates) और साबुन के बुलबुलों पर प्रकाश की किरणों के पड़ने पर व्यतिकरण का स्पष्ट परिचय मिल सकता है। जब प्रकाश की किरणें साबुन के बुलबुलों, या सीसे की पतले पट्टों पर पड़ती हैं, तो उनकी बाहरी और भीतरी दोनों सतहों से किरणें परावर्तित होकर प्रेक्षक की आँखों की ओर लौटती हैं और प्रकाश के तरंगसमूहों में, जो दोनों स्रोतों (सतहों) से आँखों तक पहुँचती हैं, कलाओं (phases) में सूक्ष्म अंतर होने के कारण (जो बुलबुले या पट्ट के प्रत्येक बिंदु पर भिन्न होता है) व्यतिकरण होता है, जिससे उत्पन्न प्रभाव काफी मोहक ओर चित्ताकर्षक होते हैं। साबुन का कोई बुलबुला एकवर्णी (monochromatic) प्रकाश में प्राय: कुछ काली रेखाओं से आवृत दिखाई पड़ता है। कारण यह है कि काले दिखाई पड़नेवाले बिंदुओं पर प्रकाश के दो तरंगसमूह, जो क्रमश: बुलबुले की भीतरी और बाहरी सतहों से आते हैं, करीब करीब या पूर्णत: एक दूसरे के प्रभाव को नष्ट कर देते हैं। यदि बुलबुला श्वेत प्रकाश में देखा जाए, तो हमें सामान्यतया काली रेखाएँ नहीं दिखाई पड़तीं। उनके स्थान पर रंगों की पट्टियाँ (bands) होती हैं। ऐसा इसलिए होता है कि विभिन्न रंग, जिनके योग से श्वेत प्रकाश की उत्पत्ति होती है भिन्न भिन्न तरंगों के होते हैं, जिससे बुलबुले के किसी बिंदु पर व्यतिकरण से रंग के केवल एक अंश मात्र का विनाश होता है और उजले प्रकाश के शेष अवयव बच रहते हैं, जो आँखों पर अपना पूर्ण वर्णीय प्रभाव उत्पन्न करते हैं।





Comments Sanposhi urja kya hai on 07-01-2022

Nahi pata

Ak vk on 29-04-2020

Byatikaran ke prakar aur paribhasa





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