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Pradooshann Samasya Aur Nidaan प्रदूषण समस्या और निदान

प्रदूषण समस्या और निदान



GkExams on 28-07-2022


इस लेख के जरिये हम आपको प्रदूषण कारण और निवारण पर निबंध (short essay on pollution) से सब कुछ प्रदुषण को लेकर हो रहे घातक कार्यों से अवगत कराने वाले है जैसे ये क्या है, क्या इसका निवारण है....

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प्रदूषण क्या है?




वर्तमान समय में सन्तुलित वातावरण में ही जीवन का विकास सम्भव है। पर्यावरण का निर्माण प्रकृति के द्वारा किया गया है। प्रकृति के द्वारा प्रदान किया गया पर्यावरण जीवधारियों के अनुकूल होता है जब वातावरण में कुछ हनिकारक घटक आ जाते हैं तो वे वातावरण का सन्तुलन बिगाड़कर उसको दूषित कर देते हैं। यह गन्दा वातावरण जीवधारियों के लिए अनेक प्रकार से हनिकारक होता है। इस प्रकार वातावरण के दूषित हो जाने को ही प्रदूषण कहते हैं।


आपको बता दे की प्रदूषण (essay on pollution in 150 words) का अर्थ है - प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।


प्रदूषण के प्रकार (Types of pollution) :




यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको प्रदूषण के प्रकारों (pollution essay) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


वायु प्रदूषण :




वायु जीवन का अनिवार्य स्त्रोत है। प्रत्येक प्राणी को स्वस्थ रूप से जीने के लिए शुद्ध वायु अर्थात् ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है जिस कारण वायुमण्डल में इसकी विशेष अनुपात में उपस्थिति आवश्यक है। जीवधारी साँस द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करता है और कार्बन डाई-ऑक्साइड ग्रहण कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इससे वायुमण्डल में शुद्धता बनी रहती है। आजकल वायुमण्डल में ऑक्सीजन गैस का सन्तुलन बिगड़ गया है और वायु अनेक हानिकारक गैसों से प्रदूषित हो गयी है।


जल प्रदूषण :




जल को जीवन कहा जाता है और यह भी माना जाता है कि जल में ही सभी देवता निवास करते हैं। इसके बिना जीव-जन्तु और पेड़-पौधों का भी अस्तित्व नहीं है। फिर भी बड़-बड़े नगरों के गन्दे नाले और सीवर नदियों के जल में आकर मिला दिये जाते हैं। कारखानों का सारा मैला बहकर नदियों के जल में आकर मिलता है। इससे जल प्रदूषित हो गया है और उससे भयानक बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं जिससे लोगों का जीवन ही खतरे में पड़ गया है।


ध्वनि प्रदुषण :




ध्वनि प्रदूषण भी आज की नयी समस्या है। इसे वैज्ञानिक प्रगति ने पैदा किया है। मोटर¸कार¸ट्रैक्टर¸जेट विमान¸कारखानों के सायरन¸मशीनें तथा लाउडस्पीकर ध्वनि के सन्तुलन को बिगाड़कर ध्वनि-प्रदूषण उत्पन्न करते हैं। अत्यधिक ध्वनि-प्रदुषण से मानसिक विकृति¸तीव्र क्रोध¸ अनिद्रा एवं चिड़चिड़ापन जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।


रेडियोधर्मी प्रदुषण :




आज के .युग में वैज्ञानिक परीक्षणों का जोर है। परमाणु परीक्षण निरन्तर होते ही रहते हैं। इसके विस्फोट से रेडियोधर्मी पदार्थ सम्पूर्ण वायुमण्डल फैल जाते हैं और अनेक प्रकार से जीवन को क्षति पहुँचाते हैं।


रासायनिक प्रदुषण :




कारखानों से बहते हुए अपशिष्ट द्रव्यों के अलावा रोगनाशक तथा कीटनाशक दवाइयों से और रासायनिक खादों से भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ये पदार्थ पानी के साथ बहकर जीवन को अनेक प्रकार से हानि पहुँचाते हैं।


प्रदूषण का निवारण (Pollution effects) :




यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको प्रदुषण के निवारण के उपायों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • वक्षों की कटाई पर नियंत्रण करके।
  • औद्योगिक प्रतिष्ठानों को नगरों से दूर स्थापित करके।
  • अधिक वृक्ष लगाकर।
  • प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय करके।





  • सम्बन्धित प्रश्न



    Comments Rajiv Kumar Singh on 02-11-2022

    Conkrit ka kam karte hae or yha kam Band ho gya hae Pardusn ke liye kb chalu hoga g bataeye

    Akshay kumar prajapati on 26-09-2022

    Pryavaran samsya our nidan

    JSK SAHU on 12-01-2020

    Paryavaran samasyaon ki roktham ya nidhan




    JSK SAHU on 12-01-2020

    Paryavaran samasyaon ki roktham ya nidhan



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