Lord Karjan Ki Shiksha Neeti 1904 लार्ड कर्जन की शिक्षा नीति 1904

लार्ड कर्जन की शिक्षा नीति 1904



Pradeep Chawla on 03-09-2018

1901 में लार्ड कर्ज़न ने शिमला में एक गुप्त शिक्षा सम्मेलन किया था जिसें 152 प्रस्ताव स्वीकृत हुए थे। इसमें कोई भारतीय नहीं बुलाया गया था और न सम्मेलन के निर्णयों का प्रकाशन ही हुआ। इसको भारतीयों ने अपने विरुद्ध रचा हुआ षड्यंत्र समझा। कर्ज़न को भारतीयों का सहयोग न मिल सका। प्राथमिक शिक्षा की उन्नति के लिए कर्ज़न ने उचित रकम की स्वीकृति दी, शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की तथा शिक्षा अनुदान पद्धति और पाठ्यक्रम में सुधार किया। कर्ज़न का मत था कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से ही दी जानी चाहिए। माध्यमिक स्कूलों पर सरकारी शिक्षाविभाग और विश्वविद्यालय दोनों का नियंत्रण आवश्यक मान लिया गया। आर्थिक सहायता बढ़ा दी गई। पाठ्यक्रम में सुधार किया गया। कर्जन माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का हटना उचित नहीं समझता था, प्रत्युत सरकारी प्रभाव का बढ़ाना आवश्यक मानता था। इसलिए वह सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाना चाहता था। लार्ड कर्जन ने विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा की उन्नति के लिए 1902 में भारतीय विश्वविद्यालय आयोग नियुक्त किया। पाठ्यक्रम, परीक्षा, शिक्षण, कालेजों की शिक्षा, विश्वविद्यालयों का पुनर्गठन इत्यादि विषयों पर विचार करते हुए आयोग ने सुझाव उपस्थित किए। इस आयोग में भी कोई भारतीय न था। इसपर भारतीयों में क्षोभ बढ़ा। उन्होंने विरोध किया। 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय कानून बना। पुरातत्व विभाग की स्थापना से प्राचीन भारत के इतिहास की सामग्रियों का संरक्षण होने लगा। 1905 के स्वदेशी आंदोलन के समय कलकत्ते में जातीय शिक्षा परिषद् की स्थापना हुई और नैशनल कालेज स्थापित हुआ जिसके प्रथम प्राचार्य अरविंद घोष थे। बंगाल टेकनिकल इन्स्टिट्यूट की स्थापना भी हुई।




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Comments Pavitra on 31-03-2021

Lord Curzon ki shiksha niti kya 5hi

Nishu saini on 14-03-2021

Lord karjan ki shiksha niti ki visestaye

Prity on 09-02-2021

Lard karjan ki Moti shkisha Ka mulyankan


Lalima Sahu on 17-01-2021

Lard karjan kya chahta that

Sonu on 23-05-2020

Lord curjon ke Indian university act me kya kya tha

SHRUTI SRIVASTAVA on 18-03-2020

कर्जन की शिक्षा नीति के अनुसार कितने प्रतिशत गाँव मे विद्यालय नही थे ?

1858 ke adhiniyam ki pramukh dharaye on 23-10-2019

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Lard karjan ki siksha niti 1904 ke nirnay on 21-08-2018

Lard karjan ki siksha niti 1904 me prarambhik siksha ke sandarbh me kya nirnay the



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