हमारे देश भारत में अनेक भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। भाषाओं की बहुलता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भारत के संविधान में ही 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की हिंदी, भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और बांग्ला भाषा दूसरे स्थान पर विराजमान है।
इसी तरह पहाड़ी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, इत्यादि भाषाएँ बोलने वालों की संख्या भी काफी है। भाषाओं की बहुलता के कारण भाषायी वर्चस्व की राजनीति ने भाषावाद का रूपधारण कर लिया है। और इसी भाषावाद की लड़ाई में हिंदी को नुकसान उठाना पड़ रहा है और दुःख की बात तो ये है की स्वार्थी राजनीतिज्ञ इसको इसका वास्तविक सम्मान दिए जाने का विरोध करते रहे हैं।
मातृभाषा किसे कहते है?
मातृभाषा का मतलब
(mother tongue meaning in hindi) है वह भाषा जो मनुष्य जन्म लेने के बाद से ही बोलना सीखता है या शुरू करता है। मातृभाषा व्यक्ति की समाजिक भाषाई पहचान को दर्शाता है, इसी को ही मातृभाषा कहा जाता है। अपनी मातृभाषा से जुड़कर ही व्यक्ति अपनी धरोहर से जुड़ता है और उसे आगे बढ़ाने का प्रयास करता है। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न मातृभाषा अनूठी हैं, समस्त स्वरस से पूर्ण हैं। अपनी सभ्यता के लिए यह भाषाएं प्रमुख हैं।
इसके अलावा हम मातृभाषा के महत्व को इस रूप में समझ सकते हैं कि अगर हमको पालने वाली, ‘माँ’ होती है तो हमारी भाषा भी हमारी माँ है। हमको पालने का कार्य हमारी मातृभाषा भी करती है इसलिए भारतेन्दु जी ने ‘मां’ और ‘मातृभाषा’ को बराबर का दर्जा प्रदान किया है।
इसलिए हम यहाँ आपको हमारी मातृभाषा हिंदी पर निबंध
(Hindi Language Essay) के जरिये बतायेंगे की क्यों ये भाषा हमारे लिए जरूरी है और क्या इसका प्रचलन है ये सब...
जैसा की दोस्तों हम सब जानते है की विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी हमारी 'राष्ट्रभाषा'
(mother tongue of india) भी है। वह दुनियाभर में हमें सम्मान भी दिलाती है। यह भाषा है हमारे सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की। हम आपको बता दें कि हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।
वर्ष 2011 की गणना के अनुसार, लगभग 43.7% लोगों ने हिंदी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में स्वीकार किया है। आज के समय में हिंदी का प्रयोग हर क्षेत्र में उन्नत स्तर पर हो रहा है। लेकिन इसके बाबजूद अधिकतर लोग अन्य देशों की भाषा को अधिक प्राथमिकता देते हैं।
राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता :
संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।
वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।
किन देशों में बोली जाती है हिंदी भाषा?
जैसा की हम सब जानते है की हिंदी भाषा विश्व में अधिकतम जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत के अतिरिक्त हिंदी भाषा नेपाल, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और फिजी जैसे अन्य देशों में भी बोली जाती है।
हिंदी दिवस :
देश और दुनिया में हिंदी भाषा
(essay on hindi language in hindi for students) को प्राथमिकता देने के लिए 14 सितम्बर और 10 जनवरी को प्रतिवर्ष क्रमश: राष्ट्रीय हिंदी दिवस व विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की भारत की आजादी के बाद देश में हिंदी के उत्थान के लिए 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
GKEXAMS की आपसे यहीं अपील है की भारतवासियों को अपने अंदर यह जागरूकता लानी होगी कि वह अपनी मातृभाषा का विकास करें। स्वयं मातृभाषा का ज्ञान अर्जित करें और प्रोत्साहन करने का प्रयास करें। क्योंकि मातृभाषा अपनी माँ के सम्मान होती है।