sfdsf1 वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि - Vermi Compost Banane Ki Vidhi -73689

Vermi Compost Banane Ki Vidhi वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि

वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि



GkExams on 24-08-2022


वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) के बारें में : इसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है। आपको बता दे की यह पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है।


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इस प्रकार के खाद (vermicompost project) में बदबू नहीं होती है और मक्खी एवं मच्छर नहीं बढ़ते है तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं। वर्मी कम्पोस्ट डेढ़ से दो माह के अंदर तैयार हो जाता है। इसमें 2.5 से 3% नाइट्रोजन, 1.5 से 2% सल्फर तथा 1.5 से 2% पोटाश पाया जाता है।


वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि :




केंचुआ खाद (vermicompost composition) तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको जिस कचरे से खाद तैयार की जाना है उसमे से कांच, पत्थर, धातु के टुकड़े अलग करना आवश्यक हैं। इसके बाद केचुँआ को आधा अपघटित सेन्द्रित पदार्थ खाने को दिया जाता है। भूमि के ऊपर नर्सरी बेड तैयार करें, बेड को लकड़ी से हल्के से पीटकर पक्का व समतल बना लें।


इस तह पर 6-7 से.मी. (2-3 इंच) मोटी बालू रेत या बजरी की तह बिछायें। बालू रेत की इस तह पर 6 इंच मोटी दोमट मिट्टी की तह बिछायें। दोमट मिट्टी न मिलने पर काली मिट्टी में रॉक पाऊडर पत्थर की खदान का बारीक चूरा मिलाकर बिछायें। और इस पर आसानी से अपघटित हो सकने वाले सेन्द्रिय पदार्थ की (नारीयल की बूछ, गन्ने के पत्ते, ज्वार के डंठल एवं अन्य) दो इंच मोटी सतह बनाई जावे।


अब इसके ऊपर 2-3 इंच पकी हुई गोबर खाद डाली जावे। केचुँओं को डालने के उपरान्त इसके ऊपर गोबर, पत्ती आदि की 6 से 8 इंच की सतह बनाई जावे। अब इसे मोटी टाट् पट्टी से ढांक दिया जावे। झारे से टाट पट्टी पर आवश्यकतानुसार प्रतिदिन पानी छिड़कते रहे, ताकि 45 से 50 प्रतिशत नमी बनी रहे। अधिक नमी/गीलापन रहने से हवा अवरूद्ध हो जावेगी और सूक्ष्म जीवाणु तथा केचुएं कार्य नहीं कर पायेगे और केचुएं मर भी सकते है।


ध्यान रहे की नर्सरी बेड का तापमान 25 से 30 डिग्री सेन्टीग्रेड होना चाहिए। नर्सरी बेड में गोबर की खाद कड़क हो गयी हो या ढेले बन गये हो तो इसे हाथ से तोड़ते रहना चाहिये, सप्ताह में एक बार नर्सरी बेड का कचरा ऊपर नीचे करना चाहिये। 30 दिन बाद छोटे छोटे केंचुए दिखना शुरू हो जाएंगे। 31वें दिन इस बेड पर कूड़े-कचरे की 2 इंच मोटी तह बिछायें और उसे नम करें।


इसके बाद हर सप्ताह दो बार कूडे-कचरे की तह पर तह बिछाएं। बॉयोमास की तह पर पानी छिड़क कर नम करते रहें। 3-4 तह बिछाने के 2-3 दिन बाद उसे हल्के से ऊपर नीचे कर देवें और नमी बनाए रखें। 42 दिन बाद पानी छिड़कना बंद कर दें। इस पद्धति से डेढ़ माह में खाद तैयार हो जाता है यह चाय के पाउडर जैसा दिखता है तथा इसमें मिट्टी के समान सोंधी गंध होती है।


वर्मी कंपोस्ट का उपयोग :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा वर्मी कंपोस्ट के उपयोगों (vermicompost uses) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • यह भूमि की उर्वरकता, वातायनता को तो बढ़ाता ही हैं, साथ ही भूमि की जल सोखने की क्षमता में भी वृद्धि करता हैं।
  • वर्मी कम्पोस्ट वाली भूमि में खरपतवार कम उगते हैं तथा पौधों में रोग कम लगते हैं।
  • वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने वाले खेतों में अलग अलग फसलों के उत्पादन में 25-300% तक की वृद्धि हो सकती हैं।
  • वर्मी कम्पोस्ट युक्त मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का अनुपात 5:8:11 होता हैं अतः फसलों को पर्याप्त पोषक तत्व सरलता से उपलब्ध हो जाते हैं।
  • वर्मी कम्पोस्ट मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि करता हैं तथा भूमि में जैविक क्रियाओं को निरंतरता प्रदान करता हैं।
  • इसका प्रयोग करने से भूमि उपजाऊ एवं भुरभुरी बनती हैं।
  • यह खेत में दीमक एवं अन्य हानिकारक कीटों को नष्ट कर देता हैं। इससे कीटनाशक की लागत में कमी आती हैं।
  • इसके उपयोग के बाद 2-3 फसलों तक पोषक तत्वों की उपलब्धता बनी रहती हैं।
  • मिट्टी में केचुओं की सक्रियता के कारण पौधों की जड़ों के लिए उचित वातावरण बना रहता हैं, जिससे उनका सही विकास होता हैं।
  • यह कचरा, गोबर तथा फसल अवशेषों से तैयार किया जाता हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता हैं।

  • इसके प्रयोग से सिंचाई की लागत में कमी आती हैं।




    सम्बन्धित प्रश्न



    Comments Dharmendra Singh on 23-06-2023

    Varmicompost banane me kaun kaun si savdhani rakhni chahiye

    Anamika tigga on 10-01-2023

    वर्मी खाद बनाने की बिधि क्या है





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