मुर्गी फार्म कैसे खोलें : दोस्तों आज के समय में जैसा की हम सब जानते है हमारे देश में कई लोग खेती बाड़ी को छोड़कर नए-नए तरीके अपना रहे है अपनी कमाई के। उसी कड़ी में एक मुर्गी फ़ार्म (poultry farming in india) भी शामिल है। और हो भी क्यूँ ना क्योंकि मुर्गी फार्म के काम में मुनाफा ही इतना है की हर कोई इसे करना चाहेगा।
इसलिए हम आपको मुर्गी पालन व्यवसाय (poultry farm business plan) के बारें में सब कुछ बताएँगे की कैसे आप अपना फार्म बना सकते है और कैसे देसी मुर्गी पोल्ट्री फार्म से बड़ा मुनाफा कमा सकते है।
मुर्गी नस्लें :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा भारत मे पायी जाने वाली मुर्गी की नस्लों के नामों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
एसेल चटगाँव कड़कनाथ बसरा झारसीम असील क्रॉस कैरी श्यामा/कड़कनाथ क्रॉस फ्रिज़ल क्रॉस ग्रामप्रिया वनराजा कारि प्रिया लेयर कैरी सोनाली लेयर (गोल्डन – 92) कारी–देवेंद्र करिबरो–विशाल (CARIBRO-91) करिबरो – धनराजा (बहु रंगीन) कैरी नेकेड नेक
मुर्गी फार्म प्रशिक्षण :
सबसे जरूरी बात है प्रशिक्षण अगर आप प्रशिक्षण
(poultry farm Training Center) लिए बिना कोई भी कार्य करते है तो आपको घाटे से सामना करना पड़ता है, इसलिए हमारे देश में कई ऐसी संस्थान है जहाँ मुर्गी पालन
(poultry farming project) का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके लिए कार्यालय में बीपीएल परिवार के युवा आवेदन कर सकते हैं। और इसके लिए निर्धारित आयु 18 से 45 वर्ष है। तथा आठवीं उत्तीर्ण जरूरी है। आवास व भोजन की मुफ्त व्यवस्था रहेगी। आवेदक को 5 पासपोर्ट फोटो, परिचय पत्र व अन्य कागजात लेकर जाएं।
मुर्गीघर बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा मुर्गीघर बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातों
(poultry farm equipment) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
मुर्गीघर अपने आवास के साथ लगा हुआ एवं स्थानीय सामग्रियों से बनाया जा सकता है। जहाँ तक हो सके, घर को पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बनाएं। यदि संभव तो मुर्गीघर को इक्कट्ठे हुए पानी, बाढ़ आदि से बचाने हेतु घर के फर्श को जमीन से करीब 1 फुट ऊँचा बनाएं ताकि बीट आदि नीचे इकट्ठा हो जाए जिसे बाद में खाद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मुर्गीघर बहतु महंगा नहीं होना चाहिए, परन्तु घर की मजबूती, आराम तथा सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए। घर का फर्श ऐसा होना चाहिए कि नमी तथा दरार पड़ने से बचा रहे, आसानी से साफ किया जा सके, मजबूत हो तथा चूहों इत्यादि का प्रवेश न होने पाए। मुर्गी घर में आस-पास पेड़ लगाएं ताकि पेड़ों की छाया उस पर पड़ती रहे। दीवारों का लगभग 75% हिस्से को बांस की जाली बनाकर ढकें। जालीदार दीवार में मोटा बोरा का पर्दा लगाएं जिसे सामान्यतः गोल घुमाकर ऊपर बांध कर रखें। आवश्यकतानुसार बारिश या तेज धुप पड़ने पर उसे खोल कर नीचे लटका दें ताकि मुर्गियाँ पानी तह गर्मी से बची रहें। इन बोरोन को अधिक गर्मी के दिनों में पानी डालकर ठंडा रखें।जब आप ऊपर बताए गए बिन्दुनुसार अपना मुर्गी फ़ार्म तैयार कर लेते है तो आपको जरूरत पड़ती है फिर आधुनिक उपकरणों की तो इनमे फीडर गर्मी प्रदान करने के लिए लाइट बल्ब तथा हलोजन्स लाइट , दवाई , टीकाकरण की सामग्री इत्यादि शामिल होते है।
ध्यान रहे की मुर्गी पालन व्यवसाय तीन चीज़ों के लिए किया जाता है...1. मांस के लिए
2. अंडा के लिए
3. अंडा मांस दोनों के लिए
कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना हमारा उद्देश्य है तथा इसके लिए हमें चाहिए के हम सही देसी नस्लों के मुर्गी का चयन करें। अपने जगह के वातावरण के अनुसार ही मुर्गी का नसल का चुनाव करें आजकल बाजार में संकर नस्ल के मुर्गियां भी उपलब्ध हैं जो के अंडा और मांस के लिए काफी लाभदायक हैं।
मुर्गी पालन लोन (poultry farm loan) :
हमारे देश की सरकारों ने पिछले कुछ समय से मुर्गी पालन
(Murgi Farm Ka Loan Kaise Le) को बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास किये है, जिनसे जो व्यक्ति मुर्गी फार्म खोलना चाहता है तो लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है। मुर्गी पालन व्यवसाय के लिए लोन लेने के लिए कुछ पात्रता मापदंड निर्धारित किये गए हैं, जो इस प्रकार है...
पोल्ट्री फार्मिंग में के व्यवसाय में अनुभव अथवा कहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया हो। जहां पर आवेदक मुर्गी पालन या Poultry Farming व्यवसाय स्थापित करना चाहता है। उस जगह से आधा किलो मीटर दूर तक कोई मुर्गी पालन या Poultry Farming नहीं हो। वहां पर पानी की उचित व्यवस्था हो। आवश्यक दस्तावेजों में - पहचान प्रमाण पत्र – जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, हाल में खींची गई पासपोर्ट साइज की फोटोग्राफ्स, एड्रेस प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट की फोटो कॉपी और अपने प्रोजेक्ट का पूरा ब्यौरा अथवा प्रोजेक्ट रिपोर्ट दिखाना आवश्यक है।