श्न 1- क्या किसी संघ के लिए यह आवश्यक है कि वह निर्वाचन आयोग द्वारा पंजीकृत हो?
उत्तर- नहीं।
प्रत्येक संघ के लिए यह आवश्यवक नहीं है कि वह स्वयं को निर्वाचन आयोग द्वारा पंजीकृत करवाए। केवल संघ या भारत के व्यक्तिगत नागरिकों का निकाय जो कि स्वयं को राजनैतिक दल कहता है और लोक प्रतिनधित्वय अधिनियम, 1951 (राजनैतिक दलों के पंजीकरण के संबंध में) के भाग IV-क के उपबंधों का लाभ उठाने का इच्छुक है, से अपेक्षा की जाती है कि वह स्वयं को भारत निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकृत कराए।
प्रश्न 2- भारत निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकरण कराने के क्या लाभ है?
उत्तर- भारत निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकृत राजनैतिक दलों द्वारा खडे़ किए गए अभ्यंर्थियों को निर्दलीय अभ्यर्थियों की तुलना में मुक्त प्रतीकों के आबंटन के मामले में प्राथमिकता मिलेगी। इसके अतिरिक्त , समय बीतने के साथ राजनैतिक दल राज्यीय दल या राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यिता प्राप्तं कर सकते हैं परंतु यह समय-समय पर यथासंशोधित, निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 में आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के अध्यआधीन होगा। यदि पार्टी को राज्यीय पार्टी की मान्य्ता मिली हुई है तो यह उन राज्यों , जिसमें उसे इस प्रकार की मान्यता मिली हुई है, के राज्य में इसके द्वारा खडे़ किए गए अभ्यर्थियों को इसके आरक्षित प्रतीक के विशिष्टु आबंटन की पात्र है और यदि पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त है तो यह पूरे देश में इसके द्वारा खड़े किए गए अभ्यर्थियों को पार्टी द्वारा आरक्षित प्रतीक के विशिष्ट आंबटन की पात्र होगी। मान्यूता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय दलों को नामांकन पत्रों को भरने हेतु केवल एक ही प्रस्तावक की आवश्य्कता है और वे साधारण निर्वाचनों के दौरान आकाशवाणी/दूरदर्शन पर रेडियो/टेली प्रसारण तथा निर्वाचक नामावलियों के नि:शुल्क दो सेटों को लेने के लिए अधिकृत होंगी।
प्रश्न 3- पंजीकरण के लिए क्या प्रक्रिया है?
उत्तर- पंजीकरण के लिए आवेदन को आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सचिव, भारत निर्वाचन आयोग, निर्वान सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली -110001 को जमा कराया जाएगा। यह प्रपत्र अनुरोध करके डाक द्वारा मंगाया जा सकता है या आयोग के कार्यालय के काउंटर से लिया जा सकता है।. प्रपत्र और आवश्यिक दिशा-निर्देश मुख्य शीर्ष न्यारयिक संदर्भ, उप शीर्ष राजनैतिक दल, उप-उप शीर्ष राजनैतिक दलों का पंजीकरण (यहां क्लिक करें) के अंतर्गत आयोग की वेबसाइट पर भी उपलबध हैं। उन्हें वहां से डाउनलोड भी किया जा सकता है। आवेदन को सुस्पंष्ट रूप से पार्टी के पत्र शीर्ष, यदि कोई है, पर टंकित किया जाना चाहिए और इसे पंजीकृत डाक से भेजा जाना चाहिए अथवा पार्टी के संगठन की तारीख से 30 दिनों के अंदर सचिव, निर्वाचन आयोग को व्यिक्तिगत रूप से देना चाहिए।
2. आवेदन के साथ निम्नतलिखित दस्तावेज/सूचना संलग्न की जानी चाहिए:-
(i) प्रोसेसिंग शुल्कभ के कारण 10,000/- रू. (दस हजार रूपये केवल) का डिमांड ड्राफ्ट अवर सचिव, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्लीष के पक्ष में तैयार करवाना। प्रोसेसिंग शुल्कक अप्रतिदेय है।
(ii) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 क की उप-धारा (5) के अधीन यथापेक्षित विशेष उपबंधों वाले ज्ञापन/नियमों तथा विनियमों/पार्टी के संविधान की स्वच्छ रूप से टंकित/मुद्रित प्रति ठीक उसी भाषा में होगी जो यह व्याख्या करती है कि ------------------- (पार्टी का नाम) विधि द्वारा स्थाेपित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धान्तों के प्रति सच्चीी श्रद्धा और निष्ठा रखेगी और भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता को अक्षुण्णन रखेगी। उपर्युक्तच अनिवार्य उपबंध को किसी एक अनुच्छेरद/खंड के रूप में पार्टी संविधान नियमों तथा विनियमों/ज्ञापन की विषय-वस्तु में शामिल किया जाना चाहिए।
(iii) पार्टी संविधान की प्रति पर पार्टी के महासचिव/अध्यक्ष/सभापति द्वारा प्रत्येक पृष्ठ पर विधिवत रूप से प्रमाणीकरण किया जाना चाहिए और उस पर हस्ताक्षरकर्ता की मुहर होनी चाहिए।
(iv) पार्टी के संविधान/नियमों तथा विनियमों/ज्ञापन में विभिन्न स्तरों पर संगठनात्माक निर्वाचनों और ऐसे निर्वाचनों की आवधिकता और पार्टी के कार्यालय धारकों की पदावधि का विशेष उपबंध होना चाहिए।
(v) संविधान/नियमों तथा विनियमों/ज्ञापन में विलयन/विघटन के मामले में अंगीकार की जाने वाली प्रक्रिया का विशेष रूप से उपबंध होना चाहिए।
(vi) पार्टी के कम से कम 100 सदस्यो (सभी कार्यालय धारकों/मुख्यव निर्णय लेने वाले घटकों यथा कार्यकारिणी समिति/कार्यकारिणी परिषद सहित) के संबंध में नवीनतम निर्वाचक नामावलियों से प्रमाणित उद्धरण होने चाहिएं ताकि यह दिखाया जा सके कि वे पंजीकृत निर्वाचक हैं।
(vii) पार्टी के अध्यरक्ष/महासचिव द्वारा विधिवत रूप से हस्ताैक्षरित शपथपत्र और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रे ट/शपथ आयुक्ता/नोटेरी पब्लिक के समक्ष इस संबंध में शपथ ली जाए कि पार्टी का कोई भी सदस्य आयोग के साथ पंजीकृत किसी अन्ये राजनैतिक दल का सदस्यं नहीं है।
(viii) पार्टी के कम से कम 100 सदस्यों से इस संबंध में व्यक्तिगत शपथपत्र लिया जाए कि कथित सदस्यी पंजीकृत निर्वाचक है और वह आयोग के साथ पंजीकृत किसी अन्य् राजनैतिक दल का सदस्य नहीं है और इस हेतु वह प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेनट/शपथ आयुक्त/नोटेरी पब्लिक के समक्ष विधिवत रूप से शपथ लेगा। ये शपथपत्र उपर्युक्तप (vi) पर उल्लिखित पार्टी आवेदक के 100 सदस्यो के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के प्रमाणित उद्धरण प्रस्तुेत करने के अलावा होंगे।
(ix)पार्टी के नाम पर यदि कोई बैंक एकाउंट है या उसकी स्थायी एकांउट संख्या है तो उसके ब्योरे।
3. उपरोलिखित अपेक्षित सभी दस्तांवेजों सहित आवेदन पार्टी के गठन के पश्चांत 30 दिनों के अंदर आयोग के सचिव के पास पहुंच जाने चाहिए।
4. उक्त अवधि के पश्चाुत दिया गया कोई भी आवेदन समयवर्जित हो जाएगा।
प्रश्न 4. दल की मान्याता के लिए क्या मापदण्ड है?
उत्तर- एक राजनीतिक दल को राज्य में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में तभी माना जाएगा, यदि वह दल या तो खण्ड (क) में विनिर्दिष्ट शर्तों या खण्ड (ख) में विनिर्दिष्ट शर्त को पूरा करता हो, अन्यथा नहीं, यानि
(क) कि ऐसे दल -
निरन्तर पांच वर्ष की अवधि के लिए राजनीतिक क्रियाकलाप में लगे हों तथा उस राज्य की लोक सभा के पिछले साधारण निर्वाचन में, या जैसी स्थििति हो, राज्य की विधान सभा में या तो (i) उस सदन के प्रत्येेक पच्चीस सदस्यों के लिए कम से कम लोक सभा के एक सदस्य या उस राज्य से उस संख्या के किसी भी भाग से
या उस विधान सभा के प्रत्येखक तीस सदस्योंभ के लिए उस राज्य की विधान सभा के कम से कम एक सदस्यि या उस संख्यात के किसी भी भाग से निर्वाचित हुआ हो
या तो (i) उस सदन के प्रत्येक पच्चीस सदस्यों के लिए कम से कम लोक सभा के एक सदस्य या उस राज्यो से उस संख्या के किसी भी भाग से
या (ii) उस विधान सभा के प्रत्येक तीस सदस्यों के लिए उस राज्य की विधान सभा के कम से कम एक सदस्य या उस संख्या के किसी भी भाग से निर्वाचित हुआ हो
(ख) यह कि राज्य में लोक सभा के लिए विगत साधारण निर्वाचन या राज्या की विधान सभा जैसी भी स्थिेति हो, में ऐसे दल द्वारा खड़े किए गए निर्वाचन लड़ने वाले सभी अभ्यार्थियों के द्वारा डाले गए मान्य मतों की कुल संख्या राज्य में ऐसे साधारण निर्वाचन में सभी निर्वाचन लड़ने वाले अभ्य्र्थियों द्वारा डाले गए मान्यन मतों की कुल संख्या के छ: प्रतिशत से कम न हो।
2. ऊपर खण्ड (क) या खण्डन (ख) में दी गई शर्तें राजनैतिक दल द्वारा, उस परिस्थिति में पूरी हो गई नहीं मानी जाएंगी जब लोक सभा या राज्य की विधान सभा का एक सदस्य उस सदन में या उस विधान सभा में, जैसा भी मामला हो, अपने निर्वाचन के बाद उस राजनीतिक दल का सदस्य बन जाता है।
3. ‘राज्य’ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली तथा संघ शासित क्षेत्र, पुडुचेरी शामिल हैं।
4. यदि किसी राजनीतिक दल को चार या इससे अधिक राज्यों में एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में माना जाता है, तो इसे पूरे भारत में एक ‘राष्ट्रीय दल’ के रूप में जाना जाएगा परन्तुा केवल तब तक, जब तक कि राजनीतिक दल या तो लोक सभा या किसी राज्य की विधान सभा के अनुवर्ती साधारण निर्वाचन की परिणामों के आधार पर चार या इससे अधिक राज्यों में मान्यनता के लिए शर्तों को इसके पश्चात पूरी करता रहे।
5.यदि किसी राजनीतिक दल को चार से कम राज्योंे में मान्य ता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में माना जाता है, तो इसे उस राज्य या उन राज्यों में जहां इसे मान्यता प्राप्त है, एक ‘राज्यीय दल’ के रूप में जाना जाएगा, परन्तु केवल तब तक जब तक कि उक्त राज्य या राज्यों में लोक सभा या जैसी भी स्थिति हो, राज्यं की विधान सभा के किसी भी अनुवर्ती साधारण निर्वाचन के परिणामों के आधार पर मान्यता के लिए शर्तों को पूरी करता रहे।
New party banana chahta h
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर राजनीतिक पार्टी बना सकता है
Party banane ke liye Umar kitni honi chahiy or party banane me paisa Kitna lagega Kya garib BA pass student apne desh ke ujabal bikash ke , new party bana Sakta Kya parti banana or chalana aasan hai usme Kya chunotiya aayegi please mujhe Marg darshan kare thank you so much Sir ji
Rastry parti mai dalo ke kitne pada adhikari hone chahiye
नई पार्टी बनाने के लिए क्या करना चाहिए
नयी राजनीतिक पार्टी बनाने की पूरी प्रक्रिया बताये
राजनीतिक पार्टि कैसे बनाएं
Kya yuva kranti morcha rajistar he
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पंजीकरण है या नही