Baagwani Krishi बागवानी कृषि

बागवानी कृषि



GkExams on 12-02-2019

1. बागवानी के संवर्धन के लिए प्रौद्योगिकी विकास एवं अंतरण
Pव्यावसायीकरण/अंगीकरण के लिए चिह्नित की गई नई प्रौद्योगिकियों/औजारों/तकनीकों को लोकप्रिय बनाने के लिए योजना के निम्नलिखित उप घटकों के माध्यम से परियोजनाओं को लिया जाएगा।


1.1. घटक :-

  1. ब्लाक/मदर प्लान्ट और रूट स्टाक नर्सरी की स्थापना (4 हे॰ क्षेत्र से अधिक)
  2. बागवानी फसलों का उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अन्य देशों से पौघरोपण सामग्री के आयात सहितमूल्यांकन और मैस मल्टीप्लीकेशन हेतु प्रौद्योगिकियों का संकलन।
  3. प्रदर्शन के उद्देश्य से बागवानी के औजारों/मशीनों की खरीद/आयात
  4. प्रौद्योगिकी का विकास एवं अंतरण
  5. लंबी दूरी के परिवहन उपाय
  6. उत्पाद संवर्धन और बाजार विकास सेवाएं - हार्टि-फेयर
  7. किसानों का प्रदर्शन भ्रमण (राज्य से बाहर)
  8. सरकारी अधिकारियों का विदेश भ्रमण
  9. बागवानी के विकास के लिए सेमिनार/संगोष्ठी/कार्यशाला का आयोजन/भागीदारी
  10. फल पौध नर्सरियों का प्रत्यायन एवं मूल्यांकन

1.2. घटकों का विवरण और सहायता का तरीका


1.2.1. ब्लाक/मदर प्लान्ट और रूट स्टाक नर्सरी की स्थापना (4 हे॰ क्षेत्र से अधिक)
कार्यान्वयन और सहायता का तरीका
यह गतिविधि मदर प्लांट और बैंक फाॅर रूट स्टाक तथा उच्च पैडीगिरि की कलम/कली छड़ी की स्थापना औरवाणिज्यिक बागवानियों को इन्हे उपलब्ध करवाने और उनकी वाणिज्यिक नर्सरी में मूल पौधों को बढ़ाने एवं मल्टीप्लीकेशन तथा किसानों हेतु बिक्री के लिए है।

  1. घटकों जिसमें कलम का मदर ब्लाक और रूट स्टाक, रोगमुक्त पौधरोपण सामग्री के उत्पादन हेतु अवसंरचना,ग्रीन हाउस, नेट हाउस, स्क्रीन हाउस, मिस्ट चेम्बर, मीडिया का हाॅट बैड स्टेरलिजेशन, वर्किग शेड, टिशु कल्चरलैब, रैफरड लैब, वायरस अनुक्रमण सुविधा, गुणवत्ता नियंत्रण लैब, मौस स्टेशन, पानी आपूर्ति, सिंचाई सुविधा,फर्टिगेशन यूनिट, जनरेटर सहित बिजली आपूर्ति, इटीपी, फार्म उपकरण/फार्म मशीनीकरण, औजार, पोर्टरेज, रूटटरेनर, कन्टेनर, आंकड़ा प्रबंधन और विश्लेषण आदि हेतु कम्प्यूटर प्रणाली शमिल है।
  2. इस घटक के अंतर्गत परियोजनाओं का मूल्यांकन राबाबो द्वारा विशेषज्ञों की कमेटी की मदद से किया जाएगा औरसरकारी योजनाओं के तहत इन्हें भविष्य क्षेत्र विस्तार योजना के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
  3. विशिष्ट आधुनिक मूल पौध नर्सरियों की फसल और किस्म का रखरखाव आईसीएआर संस्थानों/एनआरसी (ओ),एसएयू (ओ) अथवा सार्वजनिक क्षेत्र की ऐजन्सी द्वारा किया जाएगा।
  4. संस्था (ओ) जो किसी भी फसल/फसलों के लिए मूल पौध नर्सरी की स्थापना करना चाहता है, वें विस्तृतपरियोजना रिपार्ट के साथ आवेदन करें।
  5. आवेदक संगठन द्वारा भूमि, स्टाफ अवयव, बिजली व पानी खपत तथा वार्षिक रखरखाव आदि से संबंधितपूंजीगत लागत को वहन किया जाएगा। नर्सरी अवसंरचना, पौध स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली, प्रजनक की पौध रोपणसामग्री की खरीद और बीज ग्रेड फाउंडेशन और बागान तथा प्रारंभिक इनपुट की 100 प्रतिशत लागत राबाबोद्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। शुरू में, मुख्य फसलों जैसे सिट्रस, आम, सेब, स्टोन फ्रूट्स, अमरूद, लीची,चीकू, आँवला, अनार आदि की पौधरोपण सामग्री के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।

सहायता का तरीका :- परियोजना आधारित - 100 प्रतिशत और केवल सरकारी एजेंसी/सार्वजनिक क्षेत्र के माध्यमसे वायरस अनुक्रमण, टिशु कल्चर लैब आदि सहित प्रभावी नर्सरी क्षेत्र के लिए रु॰ 100.00 लाख/हे॰ की दर से।


1.2.2. बागवानी फसलों का उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अन्य देशों से पौघरोपण सामग्री के आयात सहितमूल्यांकन और मैस मल्टीप्लीकेशन हेतु प्रौद्योगिकियों का संकलन।
इन घटकों का उद्देश्य या तो राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्तर पर प्रौद्योगिकियों को प्राप्त करना है जो बागवानी के क्षेत्रमें विकसित की गई हो अथवा जिनका किसानों/उद्योग के फायदे के लिए वाणिज्यिीकरण किया जा सकता है। इसमेंबागवानी फसलों की नवीनतम किस्मों की अच्छी गुणवत्ता वाली पौध रोपण सामग्री के आयात की लागत को पूरा करनेहेतु सहायता भी शामिल होगी।
सहायता का तरीका :- रु॰ 50.00 लाख/परियोजना। परियोजना आधारित - 100 प्रतिशत और केवल सरकारीएजेंसी/सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के माध्यम से।


1.2.3. प्रदर्शन के उद्देश्य से बागवानी के औजारों/मशीनों की खरीद/आयात
बागवानी मशीनीकरण का उद्देश्य कृषि क्षमता में सुधार करना तथा कृषि कार्य बल की कठिन मेहनत को कम करना है।कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देना और विदेश की नवीनतम संयंत्र और मशीनों का प्रौद्योगिकी रूप में समाविष्ट करना है।बागवानी फसलों जैसे नर्सरी/बीज बुआई की तैयारी, वृक्षारोपण हेतु गहरे गड्डे की खुदाई, अंतः कृषि, वेंटिलेशन, अर्थिंग,सिचाई, पौध संरक्षण, फसल-कटाई, पैकजिंग, परिवहन आदि के फसल वाले क्षेत्रों में नई मशीनों का आयात करने केलिए राबाबो द्वारा सहातया प्रदान की जाएगी।
सहायता का तरीका :- रु॰ 50.00 लाख/मशीन। परियोजना आधारित - कुल लागत का 100 प्रतिशत और केवलसरकारी एजेंसी/सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के माध्यम से। निदेशक मंडल के निर्देशों के अनुसार राबाबो द्वारा संवर्धितउत्पादक एसोसिएशनों के प्रस्तावों और सहकारी संस्थाओं तथा कृषक उत्पादक संगठनों के प्रस्तावों पर भी योग्यता केआधार पर विचार किया जाए।


1.2.4. प्रौद्योगिकी का विकास एवं अंतरण
निम्नलिखित घटकों पर विचार किया जाएगा।

  1. उच्च गुणवत्ता वाले वाणिज्यिक उत्पादन को बढ़ाने के लिए या उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु नए कृषि औजार औरउचित प्रौद्योगिकियों आदि को लागू करने के लिए पायलट परियोजना।
  2. फसल-कटाई उपरान्त प्रबंधन, कोल्ड चेन, प्राथमिक प्रसंस्करण, बायो-टैक्नोलोजी और पीएचएम, कोल्ड चेनसिस्टम और हैंडलिंग सहित स्टोरेज के लिए नए औजारों/उपकरणों/मशीनों का प्रवेश संबंधी नए प्रोटोकाल काविकास और परिचय।
  3. उत्पादन , पीएचएम, पैकेजिंग, स्टोरेज, हैंडलिंग और परिवहन से संबंधित विशिष्ट समस्याओं का हल करने केलिए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा।

सहायता का तरीका :- रु॰ 25.00 लाख/परियोजना तक - कुल लागत का 100 प्रतिशत और केवल सरकारीसार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के माध्यम से।


1.2.5. लंबी दूरी के परिवहन उपाय
रेल आदि के माध्यम से बागवानी उत्पादों की थोक प्रवृति और लंबी दूरी की ढुलाई को आसान बनाने के लिए इस घटक की शुरूआत की है।
सहायता का तरीका :- परियोजना आधारित रु॰ 2000.00 लाख।


1.2.6. उत्पाद संवर्धन और बाजार विकास सेवाएं - हार्टि-फेयर

  1. रा.बा.बो. द्वारा उपयुक्त स्थानों/क्षेत्रों में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों/प्रौद्योगिकियों उत्पादन पैकेज तथा पीएचएमकार्यों के प्रदर्शनियों को आयोजित किया जाना।
  2. रा.बा.बो. द्वारा फलों, सब्जियों, फूलों, सजावटी पौधों आदि की उन्नत/अधिक उपज देने वाली किस्मों कीप्रदर्शनियां आयोजित किया जाना।

कार्यान्वयन

  1. ऐसे प्रस्तावों पर रा.बा.बो. की समिति जांच करेगी।
  2. रा.बा.बो. द्वारा उत्पाद संवर्धन तथा बाजार विकास के लिए आऊटसोर्सड अभिकरण/विशेषज्ञों की मदद अथवाबिना मदद के क्षेत्र प्रदर्शनियों को आयोजित किया जाएगा।
  3. बागवानी उत्पादों तथा फार्म मशीन एवं औजारों के प्रदर्शन द्वारा उत्पाद संवर्धन तथा बाजार विकास कीप्रदर्शनी रा.बा.बो. द्वारा बागवानी मेले के रूप में आयोजित करेगा जो भागीदारों को अपने प्रदेशों का प्रदर्शन करने तथा बेचने का एक अवसर प्रदान करेगा। ये कार्यक्रम उत्पादक किसानों को एक दूसरे से अनुभव तथानिष्पादन से सीखने का भी अवसर प्रदान करेगा।

सहायता का तरीका :- रु॰ 25.00 लाख केन्द्रीय नोडल एजेन्सी द्वारा लागत का 100 प्रतिशत।


1.2.7 किसानों का प्रदर्शन भ्रमण (राज्य से बाहर)
भ्रमणों का उद्देश्य

  1. विशिष्ट संरचनात्मक फसल उत्पादन, पीएचएम, प्रसंस्करण तथा कृषक प्रशिक्षण पाठ्य विवरण से संबद्धविपणन जिसे रा.बा.बो. के अपने वार्षिक कार्ययोजना के अनुसार आईसीएआर संस्थाओं, एसएयू, केवीके/एटीएमएसोसाइटी तथा अन्य व्यावसायिक संस्थाओं जैसे एमएएनएजीई, एनआईएफटीईएम, एनआईआरडी, एचटीसी पुणे,टीईआरआई चयनित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से आयोजित करता है, में भाग लेना। भागीदारों की प्रशिक्षणआवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संयुक्त रूप से रा.बा.बो. तथा प्रशिक्षण संस्था द्वारा पाठ्य विवरण तैयारकिया जाएगा।
  2. आईसीएआर संस्था, एसएयू, राज्य बागवानी निदेशालय आदि अपने फार्म में या केवीके/एटीएमए सोसाइटी,चयनित प्रगतिशील ड्डषक के खेत में आयोजित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र प्रदर्शन किसानों के समूह को आगे लाना।प्रदर्शित की जाने वाली प्रौद्योगिकी घटक समूह के लिए नया तथा संगत होना चाहिए तथा इसे विशिष्ट रूप सेवर्णित होना चाहिए।
  3. बागवानी उत्पादन, पीएचएम प्रौद्योगिकी से संबद्ध देश में प्रदर्शनियों में भाग लेना तथा रा.बा.बो. द्वारा उपलब्धकराए गए स्टालों में अपने उत्पाद/उपकरणों को प्रदर्शित करना।
  4. वशिष्ट थोक टर्मिनल बाजार, आधुनिक नीलामी केन्द्र/प्रसंस्करण इकाई/संग्रहगार/पीएचएम अवसंरचना आदिका दौरा करना।
  5. बागवानी उत्पादों तथा फार्म मशीन एवं औजारों के प्रदर्शन द्वारा उत्पाद संवर्धन तथा बाजार विकास कीप्रदर्शनी रा.बा.बो. द्वारा बागवानी मेले के रूप में आयोजित करेगा जो भागीदारों को अपने प्रदेशों का प्रदर्शनकरने तथा बेचने का एक अवसर प्रदान करेगा। ये कार्यक्रम उत्पादक किसानों को एक दूसरे से अनुभव तथानिष्पादन से सीखने का भी अवसर प्रदान करेगा। चयनित बागवानी उत्पादक ड्डषक एसोसिएशन तथा उनकीस्वयं मदद करने वाला ग्रुप रा.बा.बो. के पर्यवेक्षण के अंतर्गत अथवा ड्डषक वर्ग को आयोजित करने मे शामिलकोई सार्वजनिक क्षेत्र तथा जो रा.बा.बो. द्वारा नामोदिष्ट हो जो निर्धारित उत्पादन पीएचएम, पैकिंग, संग्रहणतथा परिवहन प्रोद्योगिकी को अपनाते है ऐसे बागवानी मेले लक्षित भागीदार होंगे। उसी प्रकार आइसीएआरसंस्थाएं/एसएयू तथा कोई अन्य अनु. एवं वि. संस्थान तथा बागवानी विकास से संबंध फार्म मशीन/ आजौर/उपकरणों के विनिर्माता उन्हें योजनाब (तरीकों से संवर्धित करते हुए उत्पाद के संवर्धन की आवश्यकताआधारित चयन द्वारा लक्षित भागीदारियो मे भी शामिल किए जा सकते हैं। प्रोद्योगिकी विकास के घटक तथाबागवानी के संवर्धन के हस्तांतरण रा.बा.बो. द्वारा आयोजित ऐसे बागवानी मेले से वाकिफ होना चाहिए। ‘लक्षितभागीदारियो’को बागवानी मेले भाग लेने के लिए बागवानी उत्पाद के प्रदर्शन तथा संग्रहण के लिए स्टॉलके लिए स्थान तथा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्टॉल के लिए स्थान तथा संग्रह के लिए स्थान के लिए बिना किसी किराए या टैरिफ को प्रोत्साहित किया जाएगा। लक्षित भागीदारों को उनके ग्रुप/एसोसिएशन यासार्व जनिक अभिकरण आयोजन जैसे आइसीएआर संस्था/एसएयू/विपणन बोर्ड /ड्डषि उधोग विकास निगम,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/एर्नइ आरएएमएसी आदि द्वारा उत्पादक केन्द्र से बागवानी मेला तक तकनीकीअनुशंसित तरीको द्वारा परीक्षण उपयोग के अनुशंसित पैकिंग तथा बागवानी उत्पाद के परिवहन के लिए एकबार सहायता दी जा सकती है। इस घटक के अंतर्गत लक्षित भागीदारों से पहली बार के भागीदारों के लिएआईसीएआर संस्थाओं/एसएयू/ड्डषि उत्पाद विपणन बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे ड्डषक छात्रावास में ग्रुप में रहनेतथा भोजन की व्यवस्था कक्ष सांझा आधार/शयन कक्ष में रा.बा.बो. द्वारा प्रदान की जाएगी। स्थल को किरायेपर लेने, स्टाल की तैयारी, प्रदर्शनी स्थल की सजावट, सार्वजनिक पता प्रणाली, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, जलकी आपूर्ति, उत्सव संबंधी कार्य तथा कार्यक्रम के प्रचार का वहन रा.बा.बो. द्वारा किया जाएगा।

भागीदारी के लिए शर्ते

  1. चयनित किसानों को 20 से 55 वर्षों के आयु वर्ग में होना चाहिए। उसे अपनी भूमि पर संगत बागवानी फसलो कीखेती करनी चाहिए अथवा वह बागवानी फार्म/गार्डन/उद्योग स्थापित करना चाहता हो।
  2. छोटे, सीमांतक तथा महिला किसानों तथा राबाबो, एनएचएम, एचएमएनईएच और एमआईडीएच योजनाओं केलाभार्थियों को वरीयता दी जाएगी।
  3. ऐसे किसानों को चयनित किया जाएगा जो अपने अनुभव को उद्यमी के रूप में जिला तथा राज्य स्तर केकार्यशालाओं/सेमिनारों में बांटने को इच्छुक हैं।
  4. राज्य कृषि/बागवानी विभाग या एसएयू के एक या दो प्रतिनिधि दौरा करने वाले किसानों की सहायता के लिएकृषक वर्ग के साथ होंगे।
  5. प्रशिक्षण संस्था के परामर्श से रा.बा.बो. द्वारा प्रशिक्षण ग्रुप के अधिकतम आकार का निर्णय लिया जाएगा। तथापिसरकारी अधिकारियों सहित 30 से ज्यादा किसान नहीं होने चाहिए।
  6. ग्रुप तैयार करने के लिए किसानों का चयन राज्य सरकार या संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के रा.बा.बो. केअधिकारी द्वारा किया जाएगा जो ऐसे प्रशिक्षण/दौरे के आयोजन तथा प्रस्ताव रख सकता है।
  7. जहां तक संभव हो, यात्रा योजना जन सार्वजनिक परिवहन के सबसे छोटे व्यवहार्य उपयुक्त मार्ग के द्वारा ही कीजानी चाहिए।

सहायता का तरीका :- परियोजना आधारित वास्तविक अनुसार लागत का 100 प्रतिशत ।


1.2.8. सरकारी अधिकारियों का विदेश भ्रमण

  1. प्रौद्योगिकी उन्नयन (अपग्रेडशन) के प्रति जागरूकता उत्पाद विकास, उत्पाद संवर्धन, फलों, सब्जियों तथा फूलोंके उन्नत किस्मों और बाजार आसूचना का अन्वेषण विश्व व्यापार संगठन की वचनबद्धताओं के अनुरूप होगातथा सरकारी अधिकारियों के लिए योजना के उद्देश्य के अनुसार एकीकृत घटक के रूप में रहेगा।
  2. उन्नत देशों मे बागवानी उद्योग के बारे में अधिकारियों को जानकारी देने के लिए रा.बा.बो., कृषि एवं सहकारिताविभाग तथा राज्य बागवानी विभाग/एसएयू के बागवानी प्रभाग के अधिकारियों द्वारा दौरे किए जाएंगे।
  3. टीम में रा.बा.बो. के अधिकारी शामिल होंगे और उनमें एक टीम लीडर होगा।
  4. सामान्यतः यात्रा दौरा समय को छोड़कर सात दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  5. यात्रा तथा प्रत्येक के लिए व्यय का वहन भारत सरकार की अनुमोदित दरों के अनुसार रा.बा.बो. द्वारा कियाजाएगा। राज्य बागवानी विभाग के अधिकारियों के नामों को अंतिम रूप रा.बा.बो. द्वारा कृषि एवं सहकारिता विभागके परामर्श पर क्षेत्र मे ऐसे अधिकारियों के गुणावगुण तथा निष्पादन के संदर्भ में दिया जाएगा।

सहायता का तरीका :- रु॰ 6.00 लाख प्रति भागीदार एयर/रेल यात्रा और कोर्स फीस का 100 प्रतिशत।


1.2.9. बागवानी के विकास के लिए सेमिनार/संगोष्ठी/कार्यशाला का आयोजन/भागीदारी
(क) कार्यान्वयन

  1. रा.बा.बो द्वारा प्रौद्योगिकी जागरूकता कार्यक्रम।
  2. बागवानी के संवर्धन के लिए राज्य, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनारों/कार्यशाला/प्रदर्शनी आदि काआयोजन करना।
  3. उसी राज्य के एनएचबी/ एनएचएम/एचएमएनईएच लाभार्थियों को रा.बा.बो तथा राज्य बागवानी मिशन (एसएचएम)के परामर्श से राज्य स्तर के आयोजनों के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।
  4. राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए एनएचबी/ एनएचएम/एचएमएनईएच लाभार्थियों, उत्पादक राज्यों को रा.बा.बोऔरराज्य मिशन निदेशालय के परामर्श से आयोजकों द्वारा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। कमसे कम पांच मुख्य उत्पादक राज्यों से आयोजन के लिए लाभार्थी अपेक्षित होंगे।
  5. ऐसे लाभार्थियों से कोई पंजीकरण शुल्क आदि प्रभारित नहीं होगा और अन्य पंजीकृत भागीदार की भांति वहीसुविधा मुहैया कराई जाएगी।
  6. विशेष वर्ष के लिए स्वीकृत धनराशि को उसी वित्तीय वर्ष में खर्च करना अपेक्षित होगा अन्यथा उसके लिए पुनःदावाकरना होगा।

(ख) सहायता का तरीका

  1. वित्तीय सहायता जिला स्तर के आयोजन के लिए 0.50 लाख रु॰, राज्य स्तर के आयोजन के लिए 3.00 लाखरु॰, राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए 5.00 लाख रु॰ तथा अंतर्राष्ट्रीय आयोजन (3 से 5 दिन) के लिए10.00 लाख रु॰ तक सीमित होगी।
  2. अल्पावधि (1 से 2 दिन) सेमिनारों के मामले में वित्तीय सहायता निम्नलिखित सीमा तक सीमित होगीः
    • राज्य स्तर के आयोजन के लिए 1.00 लाख रु. प्रति आयोजन
    • राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए 2.00 लाख रु.
    • अंतर्राष्ट्रीय आयोजन के लिए (भारत में अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन/भागीदारी के लिए) 3.00 लाखरुपए

(ग) कार्यान्वयन का तरीका

  1. सेमिनार/कार्यशालाएं/प्रदर्शनी मुख्यतः एनएचबी/ एनएचएम तथा एचएमएनईएच योजना के लाभार्थियों के लिएआायेजत की जाएगी तथापि, यदि लाभार्थी अपेक्षित संख्या में उपलब्ध न हो तब बागवानी फसल के अन्य उत्पादकशामिल किए जा सकते हैं।
  2. ये आयोजन मुख्यतः बागवानी फसलों के लिए विशिष्ट फसल राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र, कोई अन्य आईसीएआरसंस्था, कृषि/बागवानी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/के.वी.के/राज्य बागवानी निदेशालय/प्राथमिक स्तर परपंजीकृत तथा प्रकार्यात्मक उत्पादक एसोसिएशन के राज्य या राष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा आयोजित की जाती है जोअपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए आंतरिक पर्याप्त संसाधन का प्रबंध करते हैं।
  3. कार्यशालाओं/सेमिनारों/प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता बागवानी क्षेत्र से संबद्ध आयोजनके लिए सीमित होगी। भागीदारों के ग्रुप के लिए प्रशिक्षण आवश्यकता मूल्यांकन किया जाना चाहिए और आयोजनमें भाग लेने वाले भागीदारों का प्रवर्तन से पहले उन पर विधिवत विचार किया जाएगा।
  4. इस उप घटक के अंतर्गत उत्पादक कृषकों को विशिष्ट फसल प्रशिक्षण, पीएचएम अवसंरचना, प्रसंस्करण इकाईके प्रचालक, शीत संग्रहगारों के प्रचालक, प्रयोगशाला तकनीकीविद् आदि को प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायताभी दी जाएगी।
  5. आयोजन अभिकरण द्वारा प्रस्तुत किए गए लागत मूल्य का मूल्यांकन करने के बाद प्रतिदिन के प्रशिक्षण के लिएप्रत्येक भागीदार के लिए वित्तीय सहायता की मात्रा रा.बा.बो द्वारा नियत की जाएगी।
  6. इस उप घटक के अंतर्गत ड्डषक भागीदार के ग्रुप के लिए वित्तीय सहायता को ऐसे कार्यशालाओं/सेमिनारों/प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए विस्तार किया जाएगा जिसे आयोजन के लिए इस उप घटक के अंतर्गत सीधे सहायताप्राप्त नहीं है।
  7. प्रगतिशील किसानों का दौरा के उप घटक योजना के अंतर्गत लाभ उपर्युक्त वर्णित कार्यशाला/सेमिनार/प्रदर्शनी/प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भागीदारों को भी उपलब्ध होगा।

1.2.10. फल पौध नर्सरियों का प्रत्यायन एवं मूल्यांकन
कार्यान्वयन और सहायता का तरीका
प्रत्यायन प्रणाली एक स्टार से पांच स्टार के पैमाने में उत्पादन प्रणाली, नर्सरी प्रबंध व्यवहार तथा उत्पादित पौध सामग्री की गुणवत्ता को महत्व देते हुए आधारित होगी। एक स्टार से पांच स्टार श्रेणीकरण निम्नलिखित मानदंडों पर आधारित होगाः-

  1. नर्सरी चाहने वाले द्वारा आवेदन पत्र, जिसमें रा.बा.बो. की मान्यता, नर्सरी की रचना को दिखाना, अवसंरचनाघटक की अवस्थिति एवं भूमि उपभोग योजना, नर्सरी में तकनीकी रूप से अर्हक स्टाफ का विवरण, फार्म मशीनेंएवं मूल पौधे के चयन एवं रखरखाव के नर्सरी द्वारा प्रचालन पुस्तिका तैयार करना, रोपण सामग्री के उत्पादन केलिए अपनाई गई प्रक्रिया तथा रोपण सामग्री के मालसूची का प्रबंधन।
  2. नर्सरी का मूल्यांकन विधियत गठित मूल्यांकन टीम द्वारा निर्धारित पैरामीटरों जैसे नर्सरी की अवस्थिति कलमतथा रूट स्टाॅक दोनों के मूल पौधे, प्रसारण प्रौद्योगिकी, उत्पादन के लिए अवसंरचना, जैव-सुरक्षा तथा रोगमुक्तवातावरण, प्रचालन पुस्तिका, मानव शक्ति के गुण तथा व्यापार संबंध पर किया जाता है।
    • बागवानी रोपण सामग्री तथा इनके उत्पादन प्रक्रियाओं के तकनीकी विनिदेशों को आईसीएआर के दस्तावेजशीर्षक “बागवानी फसलों के लिए बीज तथा रोपण सामग्री जांच मैन्युएल की पुस्तिका” तथा प्रबंधन कीतकनीकी क्षमता को पूरा करता है।
    • माॅडल नर्सरी के लिए एनएचएम के विशिष्ट नर्सरी मानकों के अनुसार अपेक्षित अवसंरचना जैसे ग्रीनहाऊस, मिस्ट चैम्बर, कुशल-श्रम नर्सरी के औजार एवं गैजेट्स, उपकरण तथा मशीन आदि की उपलब्धिअपेक्षित है।
    • समुचित रिकार्ड का रखरखाव सहित अच्छे नर्सरी प्रबंधन व्यवहार को अपनाना।
    • रा.बा.बो. द्वारा निर्धारित अन्य शर्तें।
    • बागवानी संबंधी नर्सरियों के प्रत्यायन तथा श्रेणीकरण के कार्यान्वयन की प्रक्रिया कृषि तथा सहकारिताविभाग, कृषि मंत्रालय के अनुमोदित प्रोटोकाल के अनुसार होगी। प्रत्याशित नर्सरी के लिए आवधिकनिगरानी की जाएगी। इसे सीधे रा.बा. बोर्ड द्वारा अथवा नामित प्रत्यायित अभिकरण द्वारा कार्यान्वित कियाजा सकता है।
    • प्रत्यायित अभिकरण को नामित किए जाने से संबंधित प्रस्ताव तथा वित्तीय सहायता का निर्णय बोर्ड द्वाराकिया जाएगा।

नर्सरी की स्थापना के लिए एनएचएम तथा आईसीएआर के तकनीकी मैन्युल सहित दिशा-निर्देशों को रा.बा.बो. द्वाराअधिसूचित एवं प्रकाशित किया गया है।






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