सही उत्तर : रानीपेट, तमिलनाडू
व्याख्या :
1948 में राष्ट्रपिता की हत्या के 13वें दिन लगाई गई महात्मा गांधी की एक प्रतिमा वेल्लोर के रानीपेट में उपेक्षित पड़ी है. स्वतंत्रता सेनानी एम जयराम चेट्टियार ने 12 फरवरी, 1948 को रानीपेट के पास मुथुकदाई बस स्टॉप पर चार फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की थी। 30 जनवरी, 1948 को गांधीजी की हत्या कर दी गई थी। इसे देश में पहली गांधी प्रतिमा कहा जाता है।
महात्मा गाँधी के बारें में :
गांधीजी
(mahatma gandhi essay) का पूरा नाम "मोहनदास करमचंद्र गाँधी" इनको पुरे भारत में राष्ट्रपिता और बापू के नाम से पुकारा जाता है। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़, पोरबन्दर, गुजरात में हुआ था। महात्मा गाँधी अहिंसा के पुजारी थे। अहिंसा एक उनका मुख्य अस्त्र था, गाँधी जी के 3 हथियार थे – सत्य, प्रेम और अहिंसा।
गाँधी जी के जीवन से देश और विदेश के लोगो को शिक्षा मिलती हैं। भारत को आजादी की जंजीरों से बाहर निकालने में गाँधी जी का योगदान सारा विश्व जानता हैं। गाँधी जी ने अंग्रेजो के खिलाफ हिंसा न करते हुए अहिंसा का मार्ग अपनाया था, इन्होंने पुरे देश को एकजुट करके भारत की आजादी में हिस्सा लेने की एक प्रेरणा दी थी। यहाँ हम गांधीजी
(mahatma gandhi family) के बारें में कुछ बिन्दुओं द्वारा आपको अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
पिता का नाम – करम चन्द्र गाँधी माता का नाम – पुतली बाई शादी – कस्तूरबा गाँधी बच्चें – हरिलाल, मणिलाल रामदास और देवदास जन्म - 2 अक्टूबर 1869, काठियावाड़, पोरबन्दर, गुजरात मृत्यु – 30 जनवरी 1948 दिल्ली (मर्डर) अध्यन – वकालत इंग्लैंड (ब्रिटेन) कार्य – स्वतंत्रता सेनानी आन्दोलन – साउथ अफ्रीका में आंदोलन, असहयोग आंदोलन और नमक आंदोलन उपाधि – राष्ट्रपिता और बापू सिद्धांत – सत्य, प्रेम और अहिंसामहात्मा गाँधी की मृत्यु :
30 जनवरी 1948 भारत के आजादी के कुछ महीनों के अन्दर ही गाँधी जी एक प्रार्थना सभा की ओर जा रहे थे। तभी एक मराठी परिवार के आदमी नाथूराम गौडसे ने पहले गाँधी जी को प्रणाम किया और उसी पल अपनी रिवाल्वर से गाँधी को गोली से भून दिया
(mahatma gandhi death) और खुद को आत्म – समर्पण कर दिया।
उसने अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया था। इस हत्याकांड के पीछे लोगो ने कई विचार रखें हैं। कुछ लोग तो भारत के विभाजन में पाकिस्तान का जन्म और दूसरा हिन्दू-मुस्लिम लड़ाई कई ऐसे राज आज भी हमारे बीच मौजूद हैं।
जैसा की हम सब जानते है महात्मा गाँधी शिक्षा
(mahatma gandhi education quotes) को काफी अहम मानते थे और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमेशा पक्ष में थे। इसलिए महात्मा गांधी के शिक्षा संबंधी विचार
(mahatma gandhi quotes) निम्नलिखित है...
असली विद्या वह है जो आपको मुक्ति के योग्य बनाती है। शिक्षा हमारे अन्दर स्वावलम्बन और निर्भयता सीखाती है। चरित्र के बिना ज्ञान केवल बुराई को शक्ति देता है। नई दुनिया के निर्माण के लिए शिक्षा भी नये प्रकार की होनी चाहिए। किसी संस्कृति को नष्ट करने के लिए आपको किताबें नहीं जलानी होंगी। बस लोग उन्हें पढ़ना बंद कर दें। जो मन की शुद्धि न करे और इन्द्रियों को वश में करना न सीखाये वह शिक्षा नहीं है। जो आपको दासता से मुक्ति न कराये और स्वतंत्रता से जीना नहीं सीखाती वह शिक्षा व्यर्थ है। अहिंसा मेरी पुस्तक का पहला लेख हैं और पुस्तक का आखिरी लेख भी। ज्ञान के साथ साथ आपको अपना आचरण बेहतर करने की शिक्षा भी ग्रहण करनी चाहिए।
Wat a question. ...Please Ans