मुगल साम्राज्य से जब सता अंग्रेजों के हाथ में गई तो पहले अंग्रेजों का व्यापारिक उदेश्य था पर धीरे-धीरे उनका राजनैतिक रुप भी सामने नजर आने लगा। और वे अपने इस कुटिल चाल में कामयाब भी हो गये । धीरे -धीरे उनके क्रिया-कलापों के प्रति जनमानस में असंतोष की भावना पनपने लगी । इसी का परिणाम सन 1857 के सिपाही विद्रोह के रुप में दिखा।
सन 1857 के विद्रोह के बाद जनमानस संगठित होने लगा औऱ अंग्रेजों के विरुद्ध लामबंद होने लगा। प्रबुद्ध लोगों औऱ आजादी के दीवानों द्वारा सन 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गई। प्रारंभिक 20 वर्षों में 1885 से 1905 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर उदारवादी नेताओ का दबदबा रहा। इसके बाद धीरे धीरे चरमपंथी (गरमदल) नेताओं के हाथों में बागडोर जाने लगी। इसी बीच महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से 9 जनवरी 1915 को स्वदेश (मुम्बई) में कदम रखा । तभी से हर साल 9 जनवरी को प्रवासी दिवस मनाते आ रहे हैं। जब गांधी जी स्वदेश आये तो उन्हे गोपाल कृष्ण गोखले ने सुझाव दिया कि आप देश में जगह-जगह भ्रमण कर देश की स्थिति का अवलोकन करें। अपने राजनैतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के सुझाव पर गांधीजी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से भ्रमण करते हुए बंगला के मशहुर लेखक रविनद्रनाथ टैगोर से मिलने शांति निकेतन पहुँचे। वही पर टैगोर ने सबसे पहले गांधी जी को महात्मा कहा था औऱ गांधी जी ने टैगोर को गुरु कहा था। गाँधी जी हमेशा थर्ड क्लास में यात्रा करते थे ताकि देश की वास्तविक स्थिति से अवगत हो सके।
मई 1915 में गांधी जी ने अहमदाबाद के पास कोचरब में अपना आश्रम स्थापित किया लेकिन वहाँ प्लेग फैल जाने के कारण साबरमती क्षेत्र में आश्रम की स्थापना की। दिसम्बर 1915 में कांग्रेस के मुम्बई अधिवेशन में गांधी जी ने भाग लिया गांधी जीने यहाँ विभाजित भारत को महसूस किया देश अमीर गरीब, स्वर्ण-दलित हिन्दू- मुस्लिम, नरम-गरम विचारधारा , रुढ़िवादी आधुनिक भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के समर्थक , ब्रिटिश विरोधी जिनको इस बातका बहुत कष्ट था कि देश गुलाम है। गांधी जी किसके पक्ष में खड़े हों या सबको साथ लेकर चले। गांधी जी उस समय के करिश्माई नेता थे जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सबको साथ लेकर सबके अधिकारों की लड़ाई नस्लभेदी सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह के माध्यम से लोहा लिया था और कामयाब बी हुए थे।
गांधी जी ने पहली बार देश में सन 1917 में बिहार के चंपारन में सत्याग्रह आनंदेलन किया था । उनका आन्दोलन जन आन्दोलन होता था । चंपारण में नील किसानों के तीन कठिया विधि से मुक्ति दिलाई औऱ अंग्रेजों से अपनी बात मनवाने में कामयाब हुए। गरीबों को सुत काटने एवं उससे कपड़े बनाने की प्रेरणा दी जिससे इनके जीवन-यापन में गुणात्मक सुधार आया।
गुजरात क्षेत्र का खेडा क्षेत्र -बाढ़ एवं अकाल से पीड़ित था जैसे सरदार पटेल एंव अनेक स्वयं सेवक आगे आये उन्होंने ब्रिटिश सरकार से कर राहत की माँग की । गांधी जी के सत्याग्रह के आगे अंग्रेजों को झुकना पड़ा किसानों को कर देने से मुक्ति मिली सभी कैदी मुक्त कर दिए गये गांधी जी की ख्याति देश भर में फैल गई। यही नहीं खेड़ा क्षेत्र के निवासियों को स्वच्छता का पाठ पढाया। वहाँ के शराबियों को शराब की लतको भी छुडवाया।
1914 से 1918 तक प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने रालेट एक्ट के तहत प्रेस की आजादी पर प्रतिबंध लगा दिया, रालेट एक्ट के तहत बिना जाँच के किसी को भी कारागार में डाला जा सकता था । गांधी जी ने देश भर में रालेट एक्ट के विरुद्ध अभियान चलाया। पंजाब में इस एक्ट का विशेष रूप से विरोध हुआ पंजाब जाते समय में गांधी जी को कैद कर लिया गया साथ ही स्थानीय कांग्रेसियों को भी कैद कर लिया गया ।13 अप्रैल को 1919 बैसाखी के पर्व पर जिसे हिन्दू - मुस्लिम सिख सभी मनाते थे अमृतसर के जलियांवाला बाग में लोग इकठ्ठे हुए थे। जलियांवाला बाग़ चारों तरफ से मकानों से घिरा था बाहर जाने के लिए एक ही गेट था वहाँ एक जनसभा में नेता भाषण दे रहे थे जरनल डायर ने निकलने के एकमात्र रास्ता को बंद कर निर्दोष बच्चों स्त्रियों व पुरुषों को गोलियों से भून डाला एक के ऊपर एक गिर कर लाशों के ढेर लग गये जिससे पूरा देश आहत हुआ गांधी जी ने खुल कर ब्रिटिश सरकार का विरोध किया अब एक ऐसे देशव्यापी आन्दोलन की जरूरत थी जिससे ब्रिटिश सरकार की जड़े हिल जाएँ ।
खिलाफत आंदोलन के जरीये सम्पूर्ण देश में आंदोलन को धार देने के लिए हिन्दू - मुस्लिम एकता पर बल दिया औऱ सितंबर 1920 के काग्रेस अधिवेशन में खिलाफत आंदोलन को समर्थन देने के लिए सभी नेताओं को मना लिया।असहयोग आंदोलन की गांधी जी ने अपना परचम अंग्रेजों के विरुद्ध पूरे देश में लहरा दिया। जिस कारण 1921-22 के बीच आयात आधा हो गया 102 करोड़ से घटकर 57 करोड़ रह गया। दिसंबर 1921 में गांधी जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। असहयोग आंदोलन का उद्देश्य अब स्वराज्य हासिल करना हो गया। गांधी जी ने अध्यक्ष बनते ही कांग्रेस को राष्ट्रीय फलक पर पहुँचाने की बात की। इन्होंने एक अनुशासनात्मक समिति का गठन किया। और असहयोग आंदोलन को उग्र होने की संभवना से फरवरी 1922 में वापस ले लिया क्योंकि चौराचौरी सहित जगह-जगह हिंसक घटनाये होने लगी। पर इन्होंने अपनी बात को पूरजोर तरीके से रखना जारी रखा। 1925-1928 तक गांधी जी ने समाज सुधार के लिए भी काफी काम किया।1926 में विश्वब्यापी मंदी के कारण कृषि उत्पादों की कीमत गिरने लगी। 1930 के बाद तो पूरी तरह धरासायी ही हो गई। सन 1928 में साइमन कमीशन भारत पहुँचा तो उसका स्वागत देशवासियों ने साइमन कमीशन वापस जाओ नारे के साथ किया। धीरे -धीरे कांग्रेस का दबदबा पूरे देश में बढ़ता गया। औऱ राष्ट्र की भावना को प्रेरित कर देशवासियों को एक सूत्र में पिरोने का काम गांधीजी ने बाखूबी किया। गांधी जी के बढ़ते प्रभाव के कारण देशवासी अपने आप को एक सूत्र में पिरनों लगे। इस आंदोलन को शांत करने के लिए तत्कालिन वायसराय लार्ड इरविन ने अक्टूबर 1929 में भारत के लिए डोमिनीयन स्टेट्स का गोलमोल सा ऐलान कर दिया । इस बारेमें कोई सीमा भी तय नहीं किया गया और कहा गया कि भारत के संविधान बनाने के लिए गोलमेज सम्मेलन आयोजिक किया जायेगा।
1930-32 लंदन में तीन गोलमेज सम्मेलन हुआ। गांधी जी 1931 में जेल से रिहा हुए तो गांधी-इरविन-समझौता हुआ जिससे सारे कैदियों को रिहा किया गया तथा तटीय इलाके में नमक उत्पादन की छुट दी गई। पर राजनैतिक स्वतंत्रता के लिए बातचीत का आश्वासन दिया गया। गांधी जी दूसरे गोलमेज सम्मेलन में में भाग लियेपर बात कुछ खास बनी नहीं ।1935 में गर्वमेंट आँफ इंडिया एक्ट बनी फिर 2 साल बाद सीमित मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी गई।
सितंबर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को बिना अनुमति के अंग्रेजों ने युद्ध में झोक दिया फिर युद्द समाप्ति से पहले जपान पर परमाणु बम से हमले की निंदा की, आहत भी हुए पर अपना सत्य औऱ अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा। सविनय अवज्ञा आंदोलन हो या सन 1942 में गांधी जी द्वारा अग्रैजों भारत छोड़ों आंन्दोलन में करो या मरो का नारा । आजादी की लड़ाई में गांधी जी का योदगान धीरे धीरे शिखर को चुमने लगा। अंत में अंग्रेज विवश हो गये औऱ ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली के पहल पर कैबिनेट मिशन की घोषणा कर दी गई । ब्रिटीश कैबिनेट मिशन 24 मार्च 1946 को भारत आया । अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रुप में दुनिया के पटल पर उदय हुआ । भारतीय स्वतंत्रता में गांधी जी का योगदान अद्वितीय है । आज भी हर भारतीय के जनमानस में गांधी जी का आजादी के लिए संघर्ष की दास्तान विद्यमान है।
Bharatiya rastriya Congress ki sthapna me udesya.kya the our rastriya andolan me iski bhumika kya thi
National aandolan m mahatma Gandhi ki bhumika
rastiye Aandolan me gaandi gi ki kya bhomika thi.
राष्ट्रीय आन्दोलन मे महात्मा गांधी की भूमिका
aj
महत्मा गाँधी की हत्या कब हूई
Rastriye aandolan me gandhi ji ke yogdan ko samjhayen
Ratirya aandolan me matma gandi yogdan
aandolan kitne h
rolet act
राष्ट्रीय आंदोलन मे माहात्मा गाघी की भूमिका का मुल्याकन किजीए
Mujhe goli Bose need mari
2 October 1869 isvi mein hua tha
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का भुमिका थी वरणा करे
राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए
Rastriy aandoln me Gandhi ji ki bhumika btaiye
भारत विभाजन से पूर्व कांग्रेस की वह मीटिंग जिसमे नेहरू गांधी वारदार पटेल तथा जिन्ना शामिल हुए थे
राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए
महात्मा गांधी का राष्ट्रीय आंदोलन में क्या योगदान था
Or iska nishkrash bataiye
महात्मा गांधी का राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
Mahatma Gandhi dwara rastriya amnolan main diye gaye yogdanki bayakhaya kare
राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाॅधी के योगदान का मूल्याॅकन कीजिए
आज़ादी का श्रेय (सेहरा) गांधी जी को देना अन्य अंदोलनकारीयो के साथ अन्याय है, स्पष्ट करें।
राष्ट्रीय आंदोलन में गांधी जी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए
Swadeen baharat me gandhi soch upyogi ho sakati hai ya nahi
राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए का उत्तर से बताइए
Hmare desh ka name
Rastiye Aandolan mai Gandhi ji ki Kya bhumika thi
Rastiye andolan main Gandhi g ki kya bhumika thi
गांधी जी को गोली किसने मारी
Vibhin
rashtriy Aandolan ke sandrbh mein Mahatma Gandhi ki Bhumika spasht kijiye
Sir aap mujhe rastra nimarna me Gandhi Ji ki Kya bhoomika thi btaye plz
Rashtriy aandolan mein Mahatma Gandhi ki bhumika ka mulyankan kijiye
गांधी जयंती कयो म
मनाई जाती है
Bhoomika
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Question Bank International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity
Vibhin n rashtriy Aandolan ke sandrbh mein Mahatma Gandhi ki Bhumika spasht kijiye