Jharkhand Party Ka Mool Naam Kya Tha Jiska Gathan 1949 Me Kiya Gaya Tha झारखंड पार्टी का मूल नाम क्या था जिसका गठन 1949 में किया गया था

झारखंड पार्टी का मूल नाम क्या था जिसका गठन 1949 में किया गया था

GkExams on 11-02-2019

जयपाल सिंह मुंडा झारखंड आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। जयपाल एक जाने माने हॉकी खिलाडी भी थे । उनकी कप्तानी में भारत ने 1928 के ओलिंपिक में भारत ने पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया।इन्होंने झारखंड पार्टी की स्थापना की थी जिसका बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गया था। इनका जन्‍म 3 जनवरी 1903 को हुआ था।


शराब को बताया था आदिवासियों की जरूरत


1949 में संविधान के मसौदे पर हुई बहस में शामिल हुए जयपाल सिंह मुंडा ने शराबबंदी का खुलकर विरोध किया था. किताब के मुताबिक गांधीवादियों के दबाब में आकर शराबबंदी को संविधान के नीति निर्देशक तत्व में शामिल कर लिया गया था. जिसका विरोध करते हुए उन्होने कहा कि 'यह भारत के सबसे प्राचीन बाशिंदों के धार्मिक अधिकारों में एक हस्तक्षेप है.'


गौरतलब है कि शराब आदिवासी समाज के उत्सवों का, रीतिरिवाजों का और उनके दैनिक जीवन का एक हिस्सा है. शराबबंदी के विरोध में दलील पेश करते हुए उन्होने कहा कि 'पश्चिम बंगाल में तो धान की बुआई असंभव हो जाएगी अगर संथालों को चावल से बनी शराब उपलब्ध ना हो. इन कम कपड़ा पहनने वाले लोगों को पूरा दिन घुटनेभर बरसती फुहारों और कीचर के बीच काम करना पड़ता है. ऐसा उस चावल के शराब में क्या है जो उन्हें जिंदा रखे हुआ है?'


देश के चिकित्सा प्रयोगशालाओं में काम करने वाले डॉक्टरों से अपील करते हुए उन्होने कहा था कि 'देश की चिकित्सा प्रयोगशाला में इस पर शोध होनी चाहिए कि आखिर चावल से बनी शराब में ऐसा क्या होता है जिसकी आदिवासियों को जरूरत महसूस होती है.'


3 जनवरी 1903 – 20 मार्च 1970


आदिवासियों के लिए की थी अलग झारखंड राज्य की मांग


झारखंड आंदोलन के इस नेता ने भारत आने के बाद ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने के बजाय आदिवासियों के हक की लड़ाई के लिए 1938 में आदिवासी महासभा का गठन किया. जहां से उन्होंने बिहार से काटकर एक अलग झारखंड राज्य की मांग की.



संविधान सभा में की थी आदिवासियों के हक की मांग


जब भी आरक्षण का जिक्र होता है हम भीमराव अम्बेडकर का जिक्र तो करते हैं जिन्होने दलित समाज के उत्थान के लिए आरक्षण की बात कही थी लेकिन आदिवासियों के हक की बात करने वाले जयपाल सिंह मुंडा को भूल जाते हैं.


आदिवासियों के तरफ से संविधान सभा में बोलते हुए उन्होने कहा था कि 'एक जंगली और आदिवासी समुदाय से आने वाले व्यक्ति के रूप में मुझे प्रस्ताव के कानूनी बारीकियों का ज्ञान नहीं है. लेकिन मेरा सामान्य विवेक कहता है कि आजादी और संघर्ष की लड़ाई में हरेक आदमी को कंधे से कंधे मिलाकर चलना चाहिए. महाशय अगर पूरे हिंदूस्तान में किसी के साथ खराब सलूक हुआ है तो वो मेरे लोग हैं.'

उन्होने कहा कि 'मेरे लोगों का पूरा इतिहास शोषण और बेदखली का इतिहास है, जो उथल-पुथल और विद्रोहों से अचा पड़ा है. लेकिन फुर भी मैं नेहरू जी के बातों पर यकीन कर रहा हूं कि आजाद भारत में अवसरों की समानता होगी जहां किसी की भी उपेक्षा नहीं की जाएगी

Advertisements


Advertisements


Comments Naaz on 03-12-2022

Jharkhand party ka rastiy congress party me vilay ka karn

AKSHAY KIRO on 06-09-2022

Jharkhand party ka mul nam kya that jiska 1949 ko gatthit Kiya gya that?

Tripti on 29-06-2022

Jharkhand k badalte rajnitik swarup

Advertisements

Sanjay sinha on 18-07-2021

Jharkhand party ka mul name kya tha

Md Saddam Hussain on 23-06-2021

न्यू राजनीतिक पार्टी का नाम


Advertisements