Shadi Me Toran Kyon maarte Hain शादी में तोरण क्यों मारते हैं

शादी में तोरण क्यों मारते हैं

GkExams on 08-02-2019


हिन्दू समाज में शादी में तोरण मारने की एक आवश्यक रस्म है, जो सदियों से चली आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि यह रस्म कैसे शुरू हुई। इसके पीछे एक गहरा राज है जो बहुत कम लोगों को ही पता है-

प्राचीन
दंत कथा के अनुसार कहा जाता है कि तोरण नाम का एक राक्षस था, जो शादी के समय दुल्हन के घर के द्वार पर तोते का रूप धारण कर बैठ जाता था। जब दूल्हा द्वार पर आता तो वह उसके शरीर में प्रवेश कर दुल्हन से स्वयं शादी रचाकर उसे परेशान करता था।

एक बार एक साहसी और चतुर राजकुमार की शादी के वक्तम जब दुल्हन के घर में प्रवेश कर रहा था अचानक उसकी नजर उस राक्षसी तोते पर पड़ी और उसने तुरंत तलवार से उसे मार गिराया और शादी संपन्न की।बताया जाता है कि उसी दिन से ही तोरण मारने की परंपरा शुरू हुई।

आपने कभी गौर किया हो तो आपको पता लगेगा कि इस रस्म में दुल्हन के घर के दरवाजे पर लकड़ी का तोरण लगाया जाता है, जिस पर एक तोता (राक्षस का प्रतीक) होता है। बगल में दोनों तरफ छोटे तोते होते हैं। दूल्हा शादी के समय तलवार से उस लकड़ी के बने राक्षस रूपी तोते को मारने की रस्म पूर्ण करता है।

गांवों में तोरण का निर्माण खाती करता है, लेकिन आजकल बाजार में बने बनाए सुंदर तोरण मिलते हैं, जिन पर गणेशजी व स्वास्तिक जैसे धार्मिक चिह्न अंकित होते हैं और दूल्हा उन पर तलवार से वार कर तोरण (राक्षस) मारने की रस्म पूर्ण करता है।

इसे रखें ध्यान
शास्त्रों के अनुसार तोरण पर तोते का रूप रखे का स्वेरूप होना लेकिन इन दिनों तोते की जगह गणेशजी या धार्मिक चिन्हों को बना दिया जाता है। दूल्हा भी तोरण की जगह उन पर ही बार करता है। कहते हैं भारतीय समाज में तलाक के मामले बढने के पीछे भी यही कारण है। विद्वानों को इस बात को समझकर प्रचारित-प्रसारित करना चाहिए। एक तरफ हम शादी में गणेश पूजन कर उनको रिद्धि-सिद्धि सहित शादी में पधारने का निमंत्रण देते हैं और दूसरी तरफ तलवार से वार कर उनका अपमान करते हैं, यह उचित नहीं है। तोरण की रस्म पर ध्यान रखकर परंपरागत राक्षसी रूपी तोरण ही लाकर रस्म निभाएं।

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Comments Suresh rav on 27-03-2021

Yes


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