डेयरी डेवलपमेंट इन राजस्थान
डेयरी डेवलपमेंट इन राजस्थान : सबसे पहले तो ज्ञात हो की राजस्थान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि कार्यों एव पशुपालन पर ही निर्भर करती है, तथा कृषि के उपरान्त पशुपालन को ही जीविका का प्रमुख साधन माना जा सकता है।
राजस्थान राज्य के पशुपालकों को दुग्ध का उचित मूल्य दिलाने एवं उपभोक्ताओं द्वारा शुद्ध व स्वास्थ्यवर्धक दुग्ध उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डेयरी सहकारिता की त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दें की यहाँ वर्ष 1975 में पंजीकृत राजस्थान राज्य डेयरी विकास निगम (RSDDC) के तत्वावधान में राज्य सरकार द्वारा सत्तर के दशक में डेयरी विकास शुरू किया गया था।
डेयरी डेवलपमेंट में राज्य की सरकार अपनी तरफ से भरपूर कोशिश कर रही है इसी कड़ी में प्रदेश के किसानों द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए 20 लाख रुपए तक का लोन देने का निर्णय भी लिया है। ये ऋण सरकार राज्य में किसानों के माध्यम से डेयरी विकास को सुदृढ़ करने के लिए दिया जाएगा। जिससे पशुपालक—किसान दुधारू पशुओं की खरीद कर सकते हैं।
इसके अलावा यहाँ हम आपको और भी कई पशुधन व डेयरी विकास योजनाएं (Livestock and Dairy Development Plans) बता रहे है, जो राज्य की सरकार पशुपालकों के हित के लिए चला रही है...